कलेक्टर ने 2.23 हेक्टेयर व्यवस्थापन की जमीन का पट्टा किया निरस्त

कलेक्टर ने 2.23 हेक्टेयर व्यवस्थापन की जमीन का पट्टा किया निरस्त 

*बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किए भूमि का विक्रय कर व्यवस्थापन की शर्तों का किया उल्लंघन*


अनूपपुर

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी आशीष वशिष्ठ ने अनूपपुर जिले के कोतमा तहसील अंतर्गत ग्राम गढ़ी निवासी रामनारायण साहू के व्यवस्थापन की भूमि खसरा क्रमांक 504/2 रकबा 2.023 हेक्टेयर का बिना सक्षम अनुमति प्राप्त किए उक्त प्रश्नाधीन भूमि का विक्रय कर व्यवस्थापन की शर्तों का उल्लंघन किया है, जो मध्य प्रदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 165(7ख) का स्पष्ट उल्लंघन है। जिस पर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी ने उक्त भूमि का बंटन व्यवस्थापन निरस्त करते हुए भूमि मध्य प्रदेश शासन के नाम दर्ज किए जाने तथा पट्टा निरस्त करने का आदेश जारी किया है। तहसीलदार कोतमा के उक्त अनियमितता के संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब आहूत किया है एवं अनुविभागीय अधिकारी कोतमा से उक्त त्रुटि के संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन लिए जाने के निर्देश दिए हैं।  

कलेक्टर ने जारी आदेश में कहा है कि प्रकरण के उक्त भूमि का सूक्ष्म परिशीलन किया जाकर तहसीलदार कोतमा के प्रतिवेदन शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज एवं अनावेदक के जवाब लिखित तर्क संलग्न दस्तावेजों का विधिवत परीक्षण किया गया। तहसीलदार कोतमा के प्रतिवेदन में यह लेख है कि रामनारायण साहू एसईसीएल क्षेत्र बहेराबांध कॉलरी में वर्ष 1987-88 कार्य करते हुए 2018 में सेवानिवृत हुए हैं। जिसमें यह प्रमाणित है कि वर्ष 1988 में रामनारायण साहू एसईसीएल में कार्यरत थे तथा रामनारायण साहू के नाम उक्त भूमि का व्यवस्थापन स्वीकृत हुआ है, उक्त समय का अनावेदक ने स्वयं को रामनारायण साहू होने के संबंध में कोई प्रमाणित दस्तावेज नहीं प्रस्तुत किया। आदेश में कहा गया है कि रामनारायण साहू के एसईसीएल में कार्यरत होने से भूमि का कब्जा व्यवस्थापन संदिग्ध माना गया है तथा यह भी निष्कर्ष में कहा गया है कि अभिलेख से यह तथ्य प्रमाणित नहीं है कि रामनारायण साहू एवं दाना साहू एक ही व्यक्ति हैं। 

आदेश में यह भी कहा गया है कि शिकायतकर्ता द्वारा लिखित तर्क में यह लेख किया गया है कि दाना साहू द्वारा उक्त भूमि को चोरी-चोरी शासन को बिना बताए विक्रय कर दिया गया है। अनावेदक ने अपने लिखित तर्क पर यह लेख किया है कि उक्त भूमि को अच्छे दामों में अन्य को विक्रय कर दिया है। तहसीलदार के प्रतिवेदन व प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर इस तथ्य की पुष्टि होती है कि अनावेदक रामनारायण साहू एसईसीएल में कार्यरत था तथा रामनारायण साहू की नाम ग्राम गढ़ी में खसरा नंबर 504/2 रकबा 2.023 हेक्टेयर भूमि सन 1988 से व्यवस्थान स्वीकृत किया गया है। तहसीलदार कोतमा ने स्पष्ट से यह प्रतिवेदन किया है कि रामनारायण साहू एसईसीएल में कार्यरत था तो उन परिस्थितियों में भी व्यवस्थापन भूमि प्राप्त करने का हकदार नहीं है। प्रश्नाधीन खसरा नंबर 504 में पुश्तैनी रूप से रघुनाथ के पूर्वजों द्वारा मंदिर, मकान, श्मशान घाट, कुआं व पेड़ पौधे भी स्थित है। 

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