दो हाथियो का जिले में प्रवेश, तीन लोगों के घरों को बनाया निशाना, प्रशासन एलर्ट
*20 किलोमीटर का सफर तय कर हाथी पहुँचे धनगवां से केकरपानी*
अनूपपुर
विगत दो दिनों पूर्व छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र के शिवनी बीट से दो दन्तैल हाथी एक बार फिर से छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पार करके मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील एवं वन परिक्षेत्र के बीट तथा राजस्व ग्राम चोलना में प्रवेश कर रात भर विचरण करते हुए रविवार के दिन धनगवां के जंगल में पूरे दिन विश्राम करने बाद देर शाम को जंगल से निकलकर पटौरा एवं क्योटार के पटपरिया नाला से कुशुमहाई,टकहुली के गर्जनटोला से होते हुए जैतहरी से गुवारी मुख्य मार्ग को पार कर मोजर बेयर के गेट नंबर 5 के पास से गुजरते हुए गुवारी से अमगवां पर चलकर अमगवां के हायर सेकेंडरी के पीछे ढर्रा खदान से होकर रात बेलिया फाटक के अनूपपुर-जैतहरी मुख्य मार्ग एवं रेल्वे लाइन को पार करते हुए तिपान नदी में पानी पीने बाद गोवरी के तिपान नदी के समीप रहने वाले मुकेश राठौर,पूरन सिंह के बांड़ी एवं खलिहान में अनाज,सब्जी खाते हुए बडवार नाला पार कर पंगना गांव के जल्दा बांध के पास मंगल पिता जीवन सिंह, पप्पू पिता सुरेश सिंह,बबलू पिता सुरेश सिंह के घरों एवं झोपड़ियां को तोड़कर अंदर रखे धान एवं अन्य अनाजों को अपना आहार बनाते हुए पगना के वरटोला निवासी गजाधर सिंह के घर के पास से 3 बजे के लगभग पगना-ठेगरहा मुख्य मार्ग पर चलकर वन परिक्षेत्र जैतहरी के गोवरी बीट अंतर्गत कक्ष क्रमांक 302 कुन्ना कोल के घर के पास से वन विभाग की फेंसिंग बाउंड्री तोड़कर जंगल के अंदर कुछ देर ठहरने बाद ठेगहरा से गोबरी मुख्य मार्ग को पार कर भद्रराखार,राजामचान होते हुए सुबह होने पर वन परिक्षेत्र अनूपपुर के दुधमनिया बीट अंतर्गत कक्ष क्रमांक पी,एफ ,358 केकरपानी गांव के कुल्लूगढई,छूलापानी तालाब के जंगल में चतुर सिंह,परसू सिंह के घर के समीप विचरण कर रहे हैं जंगल के अंदर तेंदू एवं अन्य तरह के पेड़ों को तोड़ते हुए तथा विभिन्न तरह की घास को अपना आहार बना रहे हैं दोनों हाथियों ने विगत रात लगभग 20 किलोमीटर का रास्ता तय करते हुए सुबह केकरपानी के जंगल में पहुंचे हैं हाथियों के आने तथा विचरण करने पर जिला प्रशासन के द्वारा अलर्ट किया गया है वही वन विभाग के द्वारा हाथियों के आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश करने से रोकने हेतु विभिन्न तरह के उपाय ग्रामीणों के सहयोग से किए जाने पर हाथियों का समूह आबादी वाले ग्रामीण अंचलों में प्रवेश न करते हुए गांव के किनारे से विचरण करता हुआ दूसरे दिन केकरपानी में विश्राम कर रहा है। जिला प्रशासन एवं वन विभाग ने हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणो,जन प्रतिनिधियो को हाथियों के समीप समूह बनाकर ना जाने,उन्हें परेशान न करने तथा प्राकृतिक रूप से विचरण करने देने की सलाह दी है प्रशासन एवं वन विभाग ने आबादी वाले क्षेत्रों में हाथियों के प्रवेश की संभावना को देखते हुए वन विभाग,पुलिस विभाग को समुचित कार्यवाही करने के हेतु निर्देशित किया है। हाथी प्रभावित क्षेत्र के ग्राम पंचायत के सरपंच,जनप्रतिनिधियो के अलावा आने को ग्रामों के ग्रामीण भारी संख्या में हाथियों के निगरानी में पूरी रात लग रहे हैं, जिससे विगत दो दिनों के मध्य किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हो सकी है।