दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी, प्रबंधन असुरक्षित कार्य के लिए कर्मचारियों बना रहा दबाव

दुर्घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी, प्रबंधन असुरक्षित कार्य के लिए कर्मचारियों बना रहा दबाव 

*भारत सरकार द्वारा बनाये गए माईन्स एक्ट की खुलेआम की जा रही है अवहेलना*


अनूपपुर

जमुना कोतमा क्षेत्र में प्रबंधन तंत्र द्वारा कर्मचारियों को असुरक्षित तरीके से कार्य करने के लिए अनैतिक दबाव डालने का मामला सामने आया है क्षेत्रीय सचिव एसकेएमएस एटक लालमन सिंह द्वारा महाप्रबंधक हरजीत सिंह मदान को लिखे गए पत्र में यह आरोप लगाया गया है कि इस दबाव के कारण क्षेत्र में आये दिन अप्रत्याशित दुर्घटनाएँ हो रही हैं।

डी.जी.एम.एस. के दिशा-निर्देशों और भारत सरकार द्वारा बनाये गए खदान संबंधी नियमों की अनदेखी करते हुए प्रबंधन कर्मचारियों को जबरन असुरक्षित कार्य करने के लिए विवश कर रही है। कुछ दिन पहले भालूमाडा के विद्युत सब स्टेशन में एक कर्मचारी असुरक्षित कार्य के कारण बुरी तरह से विद्युत करंट से झुलस गया इसके पहले भी कई बड़े हादसे हो चुके हैं जिनमें कर्मचारियों ने अपनी जान गंवाई है लेकिन प्रबंधन इससे कोई सबक नहीं ले रहा है। लालमन सिंह के पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि जमुना कोतमा क्षेत्र की प्रबंधन ने नियम-कानूनों की धज्जियाँ उड़ाने में महारथ हासिल कर ली है चाहे वह न्यायालय का आदेश हो डी.जी.एम.एस. का दिशा-निर्देश हो या खदान में कार्य करने हेतु भारत सरकार द्वारा बनाये गए माईन्स एक्ट हो सभी की खुलेआम अवहेलना की जा रही है।

रिट अपील क्रमांक 1115 में दिनांक 21मई 2024 को माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा दिए गए आदेश की भी खुलेआम अवहेलना की जा रही है। पत्र में दुर्घटना में घायल कर्मचारी और घटना के प्रत्यक्षदर्शी कर्मचारियों को बिना डराये धमकाये निष्पक्ष जाँच करवाने और दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की मांग की गई है। जिससे इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके यह भी आरोप है कि प्रबंधन द्वारा घटना के बाद कर्मचारियों को डरा धमकाकर अपने पक्ष में बयान दिलवाकर वास्तविकता पर पर्दा डाला जाता है।

उदाहरणस्वरूप बरतराई खदान के लैम्प रूम में एक महिला कर्मचारी की अप्रत्याशित दुर्घटना में मृत्यु के बाद भी प्रबंधन ने कर्मचारियों को डरा धमकाकर अपने पक्ष में बयान दर्ज करवाया और लैम्प रूम इंचार्ज अनिल कुमार अग्रवाल को बलि का बकरा बनाया वह आज भी न्यायालय का चक्कर काट रहा है जबकि दोषी अधिकारी आराम से घूम रहे हैं। श्री सिंह ने यह अनुरोध किया गया है कि भालूमाड़ा विद्युत सब स्टेशन में हुई दुर्घटना की निष्पक्ष जाँच करवाई जाए और दोषी अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए जिससे क्षेत्र में हो रही अप्रत्याशित दुर्घटनाओं पर विराम लग सके।

Labels:

Post a Comment

MKRdezign

,

संपर्क फ़ॉर्म

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.
Javascript DisablePlease Enable Javascript To See All Widget