अनुभवी व ईमानदार सीएमएचओ का कारनामा, त्रुटिवश आया 1.5 करोड़, आनन फानन में की खरीदी

अनुभवी व ईमानदार सीएमएचओ का कारनामा, त्रुटिवश आया 1.5 करोड़, आनन फानन में की खरीदी

*स्टोर प्रभारी व सीएमएचओ खेल, बजट वापस करने का मिला नोटिस, जुगाड़ में लगे जिम्मेदार*


अनूपपुर

मध्यप्रदेश शासन के संचालनालय स्वास्थ्य के वित्त विभाग द्वारा त्रुटि वश उपयोगिता के मुताबिक लगभग लागत राशि 15 से 20 लाख रुपए भेजी जानी थी लेकिन जानबूझकर या त्रुटि के कारण अनूपपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के मद में 1 करोड़ 51 लाख आ गया जिसे फार्मासिस्ट व स्टोर प्रभारी विनोद मिश्रा के द्वारा अपनी निजी संपत्ति मानकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ए के अवधिया के द्वारा कमीशन के चक्कर मे फटाफट प्रक्रिया पूरी करते हुए ऑर्डर कर सामग्री क्रय कर ली गई प्रथम दृष्टया स्वास्थ्य विभाग अनूपपुर के जिम्मेदार अधिकारी पूरे मामले को लेकर दोषी हैं कारण की उपरोक्त मद में जब पहली बार इतना बजट आया था तो उसे अपने घर की खेती मानकर खर्च करने के पहले संचालनालय से स्पष्ट कर लिए होते जो इन्होंने नही किया और अपना निजी पूँजी मानकर मनमर्जी तरीका से दोनो हाथ खर्च करने की कार्यवाही चालू की।

इस पूरे घटनाक्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का दोष तो है ही उनके कार्यालय में पदस्थ मास्टरमाइंड स्टोर प्रभारी विनोद मिश्रा भी कमजोर नही उन्हें पूरी बात स्पष्ट करते हुए अपने अधिकारी को सार्वजनिक करना उचित था। हालांकि स्टोर प्रभारी विनोद मिश्रा की कार्यशैली को लेकर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ के द्वारा कई बार सीएमएचओ को चेतावनी भी दी गई थी। एवं उन्हें स्टोर से हटाकर अन्य जगह पदस्थ किये जाने के लिए कहा गया था। लेकिन बिनोद मिश्रा के तगड़े मैनेजमेंट की वजह से हटा पाना मुश्किल हो गया था। और वही स्टोर प्रभारी इतना शातिर निकला कि अपने ही अधिकारी को नुकीले कांटो के बीच खड़ा कर दिया।

पूरे मामले को लेकर जितना दोषी अनूपपुर जिले का स्वास्थ्य विभाग है  उससे कहीं दो गुना मध्यप्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विस कारपोरेशन लिमिटेड संचालनालय भोपाल में पदस्थ अधिकारी कर्मचारी भी है। पूरे मामले मे यह स्पष्ट साबित हो रहा कि वहां बैठे अधिकारी कर्मचारी भी मदहोश अवस्था मे बैठ कर काम न किये होते तो लगभग 1 करोड़ 51 लाख रुपये केवल अनूपपुर जिले के लिए न भेज देते वह अलग बात है कि अपनी गलती से बचने के कारण सीएमएचओ अनूपपुर को नोटिस भेजकर अपनी सफाई देना चाहते है।

इनका कहना है।

1 करोड़ 55 लाख के लगभग बजट आया था जिसमे 1 करोड़ 8 लाख का ऑर्डर हो चुका है 43 का बजट वापस किया जा चुका है। भोपाल से बजट भेजने के बाद वापस क्यूं मांगा जा रहा है ये भोपाल वाले ही बता सकते हैं।

*ए के अवधिया सीएमएचओ अनूपपुर*


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