टीआई की कार ने स्कूटी को मारी टक्कर, पति-पत्नी और दुधमुंही बच्ची घायल

टीआई की कार ने स्कूटी को मारी टक्कर, पति-पत्नी और दुधमुंही बच्ची घायल

*19 दिन पूर्व हुआ था सड़क हादसा, इसके बाद भी अब तक नहीं दर्ज की गई एफआईआर*


अनूपपुर

विगत 28 मई को अनूपपुर के बड़हर निवासी कन्हैयालाल नायक अपनी पत्नी सुमन व अपनी 6 माह की दुधमुही बच्ची को लेकर पत्नी का बीएड का फार्म भरवाने राजेन्द्रग्राम आ रहा था। वह जब मुख्यालय से करीब दो किमी पहाले पहुंचा तभी अनूपपुर की ही ओर से तेज रफ्तार कार लेकर राजेन्द्रग्राम थाना प्रभारी बीरेन्द्र बडकरें सिविल ड्रेस में आते हुये पीछे से स्कूटी सवार दंपति की टक्कर मार दी। जिससे महिला को गोद से बच्ची फुटबॉल की तरह दूर जा गिरी और बेसुध हो गई। वहीं सुमन कार के बोनट से टकराकर करीब 40 मीटर दूर जा गिरी। वहीं चालक कन्हैया लाल स्कूटी में फंसकर घसीटते हुए बुरी तरह घायल हो गया। पीड़ित कन्हैयालाल नायक अपनी पत्नी सुमन व दुधमुही बच्ची का बीते 19 दिनों से इलाज करा रहा है। उसने बताया कि खेत गिरवी रखकर तकरीबन 35 हजार रुपए खर्च तक हो चुके है।

*टी आई को वर्दी का रौब*

लेकिन वर्दी का रौब रखने वाले टीआई बडवरे इंसानियत खोते हुये चोटिल परिवार को अस्पताल तक से जाने की जहमत नहीं उठाई। जिसके बाद अन्य चहन चालक ने उनका प्राथमिक उपचार किया गया। किन्तु बच्ची की हालत गंभीर देख परिजनों ने शहाडील रेफर करावा, जहां 4 दिन बाद उसे होश तो आया, किन्तु वह पूरी तरह स्वस्थ नहीं ही सकी। इधर टोजाई बरिन्द्र बकरे आज तक पीडित परियार से मानवतावश भी मिलने की जहमत नहीं उड़ा सके हैं। टीआई पर कब एफआईआर दर्ज होगी यह सवालिया निशान लग रहा है।

*घायलों को दी जा रही धमकी*

घटनाकर्ता के पुलिस प्रशासन के ओहदेदार पद पर होने के बाद भी अधीनस्थ कर्मचारी देश भक्ति जनसेवा को त्यागकर घायल परिवार को ही धमकाने में जुट गये। स्कूटी चालक के पास डाइवेिग लायसेंस नहीं है, जैसे ही पुलिस को पता चला तो घायल व्यक्ति पर दबाब बनाकर धमकाने लगे बचत नि पर दाय काकर धमकाते रहे। जिसके चलते 19 दिनो के बाद भी  एफआईआर दर्ज नहीं हो पाई है।

इनका कहना है।

आपके यहां नए एसडीओपी आए है, उनसे सारा मामला बताइए। मैं भी उन्हें फोन कर सूचना एवं न्यायोचित कार्यवाही के लिए कहता हूं। 

*जितेन्द्र सिंह पवार, एसपी, अनूपपुर*

जैसे ही कन्हैयालाल, सुमन और इनकी बच्ची घायल इलाज के लिये अस्पताल पहुंचे तत्काल ही थाना राजेन्द्रग्राम को तहरीर भेजी गई। जिसकी रिसीविंग पावती दो दिनो बाद मिली, लेकिन कोई पुलिसकमी तस्दीक के लिए नहीं आए। 

*डॉ. सुरेन्द्र सिंह, अस्पताल, राजेन्द्रग्राम*

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