दो हाथियों को समूह पहुँचा जिले की सीमा में, वन विभाग ने किया ग्रामीणों को सतर्क

दो हाथियों को समूह पहुँचा जिले की सीमा में, वन विभाग ने किया ग्रामीणों को सतर्क

*पहले हाथियों के हमले से 3 लोगो की हो चुकी हैं मौत, किसानों के घर व फसल कर चुके हैं बर्बाद*


अनूपपुर

दो हाथियों का समूह छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत शिवनी बीट की सीमा पार करते हुए मध्यप्रदेश के अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील एवं वन परिक्षेत्र अंतर्गत चोलना बीट एवं गांव में प्रवेश कर रात भर चहलकदमी करते हुए चोलना,मालाडांड,पोडी-चोडी,पडौंर से सोन नदी में बने बांध में नहाने बाद धनगवां बीट के कक्ष क्रमांक आर,एफ,337 में पहुंचकर विश्राम कर रहा है जिसके देर शाम/रात को कुकुरगोड़ा,क्योटार,पटौरा,चोई,धनगवां सहित ग्रामीण अंचलों में विचरण करने की संभावना को देखते हुए जिला प्रशासन के साथ वन विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों, ग्राम पंचायतो द्वारा मुनादी तथा अन्य माध्यमों से ग्रामीणों को हाथियों के विचरण पर सतर्क रहने की सलाह देते हुए विचरण पर निरंतर नजर रखी जा रही है।

एक बार हाथियों का समूह अनूपपुर जिले में प्रवेश किया है यह दो हाथी पूर्व में आए पांच हाथियों के समूह के सदस्य हैं जिसमें एक एक दांत वाला हाथी तथा एक दो दांत वाला बड़ा हाथी है जो पूरे दिन छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र अंतर्गत 2039 शिवनी बीट के डडिंया एवं घिनौची गांव के मध्य स्थित पहाड़ के जंगल में पूरे दिन व्यतीत करने बाद रात होते ही पहाड़ से उतर कर मालाडांड,करहनी गांव के किनारे से मालाडांड में हरी सिंह गोंड के घर की दीवार तोड़ कर घर के अंदर रखे अनाज को खाने बाद रात 9 बजे गूजर नाला पार कर अनूपपुर जिले के जैतहरी तहसील तथा वन परिक्षेत्र के चोलना बीट एवं राजस्व गाव के झिरियाटोला में प्रवेश कर 11 बजे रात तक निरंतर विचरण करते रहे हैं दो हाथियों के विचरण पर छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के हाथी प्रभावित ग्रामों की ग्रामीण भारी संख्या में एकत्रित होकर हाथियों को आबादी वाले क्षेत्र में प्रवेश करने के उद्देश्य से हो-हल्ला एवं अन्य माध्यमो से भगाते रहे,हाथियों के प्रवेश की सूचना पर  जिला प्रशासन व वन विभाग का मैदानी अमले के साथ जिला मुख्यालय अनूपपुर के वन्यजीव संरक्षक शशिधर अग्रवाल ग्राम पंचायत चोलना एवं अन्य स्थानों के सरपंच एवं ग्रामीण जनप्रतिनिधियों द्वारा ग्रामीणों को हाथियों के नजदीक जाने से रोकते हुए हाथियों को अपने मन से जाने देने का प्रयास किया इसके बाद दोनों हाथी गूजरनाला पार कर छत्तीसगढ़ के मालाडांड गांव के पास से सोननदी के किनारे किनारे चोलना आमाडांड मार्ग के सोन पुल को पार करते हुए सोन केवई नदी के संगम के ऊपर वन परिक्षेत्र कोतमा के पोडी-चोडी में नदी के तट पर बसे सुनील दुबे के खेत की तार फिंसिग की बाउंड्री तोड़कर खेत में प्रवेश करते हुए पड़ौंर के महुआटोला की ओर से सोननदी के किनारे-किनारे मोजर बेयर द्वारा बनाए गए सोननदी के बांध में नहाने बाद रविवार की सुबह धनगवां बीट के कक्ष क्रमांक आर,एफ, 338, 337 में पहुंचकर पूरे दिन विश्राम कर रहे हैं जिनके देर शाम/रात में जंगल से निकल कर विचरण करने की संभावना को देखते हुए धनगवां,कुकुरगोड़ा,पटौरा,चोई,क्योटार आदि गांव की ग्रामीणों को रात समय सतर्क रहने,हाथियों के समूह से दूर रहने जैसी सलाह मुनादी एवं अन्य माध्यमों से ग्राम पंचायत एवं वन विभाग द्वारा दी जा रही हैं।

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