करोड़ो के दवा घोटाले मामले में पूर्व सीएमएचओ की जमानत याचिका खारिज

करोड़ो के दवा घोटाले मामले में पूर्व सीएमएचओ की जमानत याचिका खारिज 


अनूपपुर

न्यायाधीश पंकज जायसवाल की विशेष न्यायालय (ई.ओ.डब्ल्यू.) अनूपपुर ने सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी.डी. सोनवानी के अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया। ज्ञात हो कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अनूपपुर सहित 13 अन्य व्यक्तियों को वर्ष 2019-20 में सी.एम.एच.ओ. कार्यालय अनूपपुर में दवाओं और उपकरणों की खरीदी में हुए घोटाले के संबंध में आरोपी बनाया गया है, जिसमें दवा एवं उपकरण खरीदी कम्पनी के डायरेक्टरों को 11 दिन की पुलिस रिमाण्ड के पश्चात जेल भेज दिया गया है। आर्थिक अपराध ब्यूरो की ओर से पैरवी हेमन्त अग्रवाल विशेष लोक अभियोजक (ई.ओ.डब्ल्यू.) द्वारा की जा रही है। आर्थिक अपराध ब्यूरो ने सी.एम.एच.ओ. कार्यालय अनूपपुर में 2019-20 में दवाओं और उपकरणों की खरीदी में हुए घोटाले के संबंध में आरोपी सेवानिवृत्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बी.डी. सोनवानी सहित 13 अन्य व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है, जिसमें दवा एवं उपकरण खरीदी कम्पनी के डायरेक्टरों को 11 दिन की पुलिस रिमाण्ड के पश्चात जेल भेज दिया गया है। न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता और बड़ी राशि के शासकीय गबन व अनुसंधान लंबित होने संबंधी तथ्य प्रकरण की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन सी.एम.एच.ओ. अनूपपुर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए अपने निर्णय में कहा हैं कि प्रकरण में सीएमएचओ अनूपपुर कार्यालय द्वारा वर्ष 2019 में आमंत्रित निविदा में म.प्र. भण्डार क्रय नियमों का उल्लंघन कर तकनीकी रूप से अपात्र फर्मों की निविदा स्वीकार करते हुए पात्र फार्मों को अपात्र करके न्यूनतम दरों से अधिक अर्थात प्रचलित बाजार दर से अधिक दर पर सामग्री/उपकरणों की खरीदारी में प्रथम दृष्टया शासकीय मद की राशि 7,11,43,455 में से 33,69,871.77 की आर्थिक क्षति होना पाया गया है। प्रकरण के संबंध में आर्थिक अपराध शाखा भोपाल को वर्ष 2021 में शिकायत प्राप्त हुई थी, शिकायत का सत्यापन कर जांच की गई, जांच पश्चात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय अनूपपुर में दवा एवं उपकरण खरीदी में गबन/अनियमितता पाए जाने पर प्रथम सूचना रिपोर्ट तत्कालीन सी.एम.एच.ओ., स्टोर कीपर, लेखपाल, समिति के अध्यक्ष, ए.डी.एम., क्रय समिति के सदस्यों एवं आपूर्तिकर्ता कम्पनियों के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 409, 120बी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 13 (1) ए, 13(2) में प्रथम सूचना रिपोर्ट लेखबद्ध की, जिसकी विवेचना उप पुलिस अधीक्षक (ई.ओ.डब्ल्यू.) किरण किरो द्वारा की जा रही है।

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