फॉरेस्ट ट्रेनिंग स्कूल परिसर में बने निवासरत मकान में गिरा पेंड बाल बाल बचे लोग

फॉरेस्ट ट्रेनिंग स्कूल परिसर में बने निवासरत मकान में गिरा पेंड बाल बाल बचे लोग 


अनूपपुर

अमरकंटक वन विद्यालय के एक कर्मचारी के मकान में अचानक नीलगिरी की भारी भरकम टहनी टूट कर मकान के ऊपर आ गिरी । जिसमे परिवार के सदस्य निवासरत थे , परिवार के एक बुजुर्ग काफी भयभीत हुआ । वन विद्यालय के वन रक्षक रमाकांत पटेल बताया कि उसके मकान में आज दूसरी बार पेड़ गिरा और खतरा उत्पन्न हुआ। परिवार के सभी लोग बाल बाल बचे , अन्यथा कोई भारी अनहोनी उत्पन्न हो सकती थी । इस निवासरत मकान पर उसी विद्यालय के कर्मचारी वन रक्षक परिवार के साथ निवास करते थे , घटना बाद विद्यालय का प्रशासन कई घंटो बाद जागा और उन्हें अन्यत्र व्यवस्था की । जबकि घटना होते ही इसकी जानकारी सभी उच्चाधिकारियों को तुरंत दे दी गई थी लेकिन विद्यालय के अधिकारी कई घंटो बाद उस क्षतिग्रस्त मकान को देखने पहुंचे । वन विद्यालय के कर्मचारी कई बार हो रही घटनाओं से अधिकारियों को रूबरू करवाते रहते है पर वन विद्यालय अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहते है । घटना के भय का वर्तमान मुख्य वजह यूकेलिपटिस के पेड़ है जो लगभग 40 - 45 वर्षो से अपने स्थानों पर खड़े है जिनकी शाखाएं भारी भरकम रूप लिए खड़े है , जिनकी कभी छ्टनी तक नही हुई । वन विद्यालय के मुख्य मार्ग के दोनो किनारे लगभग 100 फिट ऊंचे और 03 मीटर से ज्यादा मोटाई वाले नीलगिरी के वृक्ष खड़े हुए है जिनकी पांच छः वर्ष पूर्व में मार्किंग भी हुई थी लेकिन वन विद्यालय अधिकारी आंख बंद करे बैठे है । इन्ही के पास में ही कर्मचारियो के निवासरत मकान भी बने हुए है । आंधी तूफान के चलने पर नीलगिरी के बड़े बड़े पेंढ़ हिलते डुलते रहते है और कभी कभी उनकी वजनी शाखा टूट भी जाती है । अब  टहनियां चाहे मकानों में गिरे या बिजली के तार , खंभों में । खतरा तो लगातार बना ही रहता है । वन विद्यालय के अधिकारी खतरा बनाए हुए है , अगर वो चाहे तो सब ठीक हो सकता है पर नही। 

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