सांसद के ससुराल गांव का बुरा हाल, गौशाला में भूख प्यास से तड़पकर 2 गाय की हुई मौत

सांसद के ससुराल गांव का बुरा हाल, गौशाला में भूख प्यास से तड़पकर 2 गाय की हुई मौत

*लापरवाही के कारण गई जान, समूह संचालक पर दर्ज हो मामला*


इन्ट्रो:- अनूपपुर जिले में प्रशासन की उदासीनता के कारण गौशाला की हालत चिंताजनक हो गई है। गौशाला में गायों की मृत्यु और उसके बाद बिना पंचनामा के उसे खुले में फेंक देने के मामले कई बार सामने आए हैं। वर्तमान में शहडोल सांसद के ससुराल पक्ष गांव दारसागर की गौशाला में गौ माता भूख और प्यास से तड़प कर मार रही हैं जिसे देखने के लिए ना तो कोई जनप्रतिनिधियों और ना ही कोई ग्राम पंचायत एजेंसी द्वारा ध्यान दिया जा रहा है। गौशाला को महिला समूह को देने के बाद गौमाता को भूख प्यास से तड़पते हुए करने के लिए छोड़ दिया गया है।

अनूपपुर

अनूपपुर जिले के शहडोल सांसद हिमाद्री सिंह के ससुराल पक्ष के गांव दारसागर में गौशाला की हालत बेहद दयनीय है। गौशाला की देखरेख का जिम्मा भारती महिला समूह को दिया गया है जहां महिला समूह की महिलाओं की जगह उनके पतियों द्वारा गौशाला की देखरेख की जा रही है गौशाला में गायों की देखरेख में इस कदर लापरवाही बढ़ती गई यहाँ पर दो गायों की मृत्यु भूख प्यास से तड़पकर हो गई। गौशाला में दो गाय मृत हालत में पड़ी हुई थी और गौशाला में ताला जड़ा हुआ था। दारसागर गौशाला के अंदर लगभग आधा सैकड़ा से भी ज्यादा पशु अंदर थे लेकिन उनके खाना और पानी की सुविधा गौशाला से नदारत थी। जब समूह के संचालक और सचिव से बात करने का प्रयास किया गया तो समूह के सचिव के पति द्वारा पूरे मामले में हस्तक्षेप किया गया।

*लापरवाही से गई गायों की जान*

दारसागर गौशाला में भारती महिला समूह की लापरवाही इस कदर है कि गायों को खाने के लिए भूसा और पीने के लिए पानी भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। गौशाला के स्टॉक में भूसा भले ही पर्याप्त मात्रा में रखा हो लेकिन गायों को खाने के लिए भूसा नहीं दिया जा रहा है। गायों के भूसा खाने के लिए बनाए गए पात्र पूरी तरह खाली पड़े हुए थे। गौशाला में दो गाय मृत स्थिति में पड़ी हुई थी और बाहर से ताला जड़ा हुआ था। जिससे यह स्पष्ट है कि महिला समूह द्वारा प्रतिदिन गौशाला में गायों की देखरेख नहीं की जाती है और ना ही उन्हें खान-पान की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। पीने के पानी के लिए बनाए गए टंकी में शैवाल जमे हुए हैं जो कि कई महीनो से साफ नहीं हुए होंगे, इसके साथ ही खाने के लिए बनाई गई भूसा से की टंकियां पूरी तरह से रिक्त पड़ी हुई है। महिला समूह को गौशाला से मिलने वाली राशि का बंदर बांट किया जा रहा है ना तो गायों को सही तरीके से खाना के दिया जा रहा है और ना ही पानी की व्यवस्था बनाई जा रही है।

*समूह के बस में नहीं गौशाला का संचालन*

ग्राम पंचायत एजेंसी द्वारा भले ही महिला समूह को गौशाला में गायों की देखरेख का जिम्मा सौपा हो लेकिन महिला समूह द्वारा गायों की देखरेख नहीं की जा रही है। गौशाला में ना तो गायों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है। और ना ही समय पर खाना और पानी की व्यवस्था की जाती है। यहां तक की समूह संचालक द्वारा गौशाला के अंदर ही मल मूत्र को एकत्रित कर लगभग दो महीने से रखा गया है जिससे कई प्रकार की बीमारियां पशुओं को लग रही हैं। समूह संचालक के जगह उनके पति कभी कभार गौशाला की तरफ झांक लेते हैं लेकिन समूह संचालक को गौशाला से किसी तरह का वास्ता नहीं है जिस कारण से गौशाला की स्थिति बेहद चिंताजनक हो गई है और गायो की लगातार मृत्यु हो रही है। 

*गायों की मृत्यु पर दर्ज हो मामला*.

दारसागर गौशाला में समूह के द्वारा की जा रही लापरवाही गायों के साथ हो रही बर्बरता को और गायों की मृत्यु को लेकर समूह संचालक और सचिव के ऊपर मामला पंजीबद्ध करने की मांग बजरंग दल के जिला संयोजक कल्याण सिंह डब्बू के द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गायों के भोजन और उनकी देखरेख के लिए पंचायत के माध्यम से पर्याप्त राशि आवंटित की जाती है फिर भी चंद पैसों की लालच में गायों का आहार भी उन्हें नहीं दिया जा रहा है जोकि घर भ्रष्टाचार और घोर लापरवाही है गायों की भूख प्यास से तड़प कर मृत्यु हो जाना समूह की लापरवाही है लापरवाही पर समूह संचालक और उसके सचिव के ऊपर मामला पंजीबद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि गौशाला की जिम्मेदारी किसी और को दी जाए। 

*सांसद के ससुराल में बेहाल है गौ माता*

शहडोल संसद के ससुराल पक्ष का गांव दारसागर है जहां गौशाला की स्थिति बेहद दयनीय है। आए दिन समूह संचालकों की लापरवाही से गायों की मौत हो रही है। लेकिन क्षेत्र की सांसद और गांव की बहू होने के बाद भी क्षेत्र में ना तो एक भी विकास कार्य हो रहे हैं और ना ही उक्त लापरवाही पर सांसद का ध्यान जा रहा है। कुल मिलाकर कहा जाए तो सांसद क्षेत्र से विलुप्त होकर पुष्पराजगढ़ के हवेली तक सीमित हो गई हैं। दारसागर की जनप्रतिनिधि होने के बाद भी गाय भूख और प्यास से तड़प रही हैं। देखना यह है कि उक्त मामले में क्या सांसद कार्रवाई करवा पाती हैं या फिर गायों की मौत लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगी।।

इनका कहना है। 

हमारे द्वारा प्रतिदिन खाने को भूसा और पानी दिया जाता है। गौशाला के अंदर पड़े हुए गोबर को बेचकर पैसा आएगा तो काम करेंगे। 

*रमेश केवट, समूह संचालक सचिव के पति*

जल्द ही पूरे मामले को संज्ञान में लेकर समूह के ऊपर मामला पंजीबद्ध करने के लिए हम प्रशासन को बोलेंगे। गायों के साथ ऐसी बर्बरता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 

*कल्याण सिंह, जिला संयोजक बजरंग दल*

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