देवर्षि नारद जयंती में स्मारिका 2024 का हुआ विमोचन, पत्रकारों का हुआ सम्मान

 देवर्षि नारद जयंती में स्मारिका 2024 का हुआ विमोचन, पत्रकारों का हुआ सम्मान

*देवर्षि नारद विश्व के पहले लोक संचार पुरुष थे- प्रो मनीषा शर्मा*

*पत्रकारिता निस्वार्थ भाव से करने वाली चुनौतीयुक्त सेवा है! मर्सकोले*


अनूपपुर

जमुना कोतमा क्षेत्रीय पत्रकार संघ द्वारा आयोजित देवर्षि नारद जयंती एवं पत्रकार एवं साहित्यकारों का सम्मान समारोह कार्यक्रम में शिरकत कर रही प्रमुख  बक्ता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालय अमरकंटक से पधारी डॉ मनीष शर्मा  ने कहा है कि महर्षि नारद का जन्म दिन अपनी सभ्यता और संस्कृति को स्मरण करने का दिन है। उन्होंने कहा है कि महर्षि नारद का जन्म दिन पत्रकारों ही नही पूरे समाज के लिए चिन्तन करने का भी दिन है। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्पन्न हुई कठिनाईयों के चिन्तन करने का भी दिन है। कमिश्नर ने कहा है कि मैं और आप एक लुटी हुई सभ्यता के अवषेष हैं। हमारी  सभ्यता और संस्कृति को इतना लूटा गया है कि हम और आप सिर्फ बायोलॉजिकल भारतीय रह गए हैं। हम भूल गए हैं कि हमारा भोजन, हमारी वेशभूषा क्या थी, हमारी भेषज क्या था। महर्षि नारद का जन्म दिन अपनी सभ्यता को समझने का दिन है। जिस सभ्यता में महर्षि नारद विश्व के पहले लोक संचार पुरुष थे। उस सभ्यता ने न केवल अध्यात्म बल्कि नैतिकता और भौतिकता के चरम शिखरों को स्पर्श किया था। हमारी सभ्यता अगर संसार के चरम शिखर पर थी तो वह सिर्फ अध्यात्म के कारण नही थी, बल्कि भौतिकता के कारण थी। हमारे महर्षि कणाध ने लाखों साल पहले भौतिक शास्त्र के एक-एक पहलू में अणुओं ही नही परमाणुओं को भी जाना था। दुनिया के पहले रासायन वैज्ञानिक भारत में पैदा हुए थे। शर्मा मैडम ने कहा है कि हमारी सोच में षडयंत्र पूर्वक यह उतार दिया गया है कि जो भी सर्वश्रेष्ठ है वह पश्चिम में है। उन्होने कहा कि गुलामी के मोर्चे अभी बाकी है। जिनके विरूद्ध लड़ना होगा।  ने कहा कि हम सभ्यता के वंषज है जो सर्वश्रेष्ठ थी न केवल अध्यात्म में न केवल भौतिकता में, हम अध्यात्म, भौतिकता एवं नैतिकता में सर्वश्रेष्ठ थे।जमुना कोतमा क्षेत्रीय पत्रकार संघ द्वारा देवर्षि नारद जी की जयंती के अवसर पर आयोजित पत्रकारों एवं साहित्यकारों के सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। सम्मान समारोह का शुभारंभ जी एस मर्सकोले उपसंचालक जनसंपर्क  शहडोल संभाग एवं डॉक्टर मनीषा शर्मा विभागाध्यक्ष पत्रकारिता एवं संचार विभाग, महाप्रबंधक एचएस मदान जमुना कोतमा क्षेत्रीय पत्रकार संघ के अध्यक्ष चंदन केवट संयोजक भगवानदास मिश्रा एवं साहित्यकारों द्वारा महर्षि नारद जी का माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ जमुना कोतमा क्षेत्रीय पत्रकार संघ के संयोजक भगवानदास मिश्रा द्वारा स्वागत भाषण से हुआ। श्री मिश्रा ने जमुना कोतमा क्षेत्रीय पत्रकार संघ द्वारा नारद जयंती की शुरुआत एक अच्छी सोच और आपसी समन्वय के कारण हो सका इसमें चंदन केवट एवं नीरज द्विवेदी की सोच और इच्छा शक्ति ने इस कार्यक्रम को इस मुकाम तक पहुंचाया। शुरुआत में यह केवल क्षेत्रीय स्तर पर मनाया गया दूसरे वर्ष जिला स्तर तक पहुंचा आज हमें प्रसन्नता है कि भोपाल तक के पत्रकार हमारे इस कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे यह हमारी उपलब्धि नहीं बल्कि देवर्षि नारद जी का प्रभाव है कि उनके जन्मदिन को मनाने के लिए दूर-दूर से पत्रकार साथी एक बुलावे पर पहुंच रहे हैं।

आज स्मारिका का विमोचन किया गया जिसमें हमने आदि पत्रकार नारद जी के जीवन दर्शन को आधार मानकर स्मारिका को तैयार करने के लिए प्रयास किया है। समारोह को संबोधित करते हुए जी एस मर्सकोले ने कहा कि आज सोशल मीडिया के युग में पत्रकार तेजी से समाचार पहुंचाने में कामयाब रहे हैं, जिसके परिणाम सुखद भी और दुखद भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग सूचना क्रांति को सकारात्मक रूप से लेते हैं वह सकारात्मक ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता निःस्वार्थ भाव से और सकारात्मक होना चाहिए। समारोह को संबोधित करते हुए हरजीत सिंह मदान महाप्रबंधक जमुना कोतमा कहा कि महर्षि नारद मुनि पृथ्वी और देवलोक के बीच संवाद स्थापित करने का कार्य करते थे। उन्होंने कहा कि आसुरी शक्तियों के विध्वंष में महर्षि नारद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने संचार पुरुष के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का पेशा पवित्र पेशा है। जिसमें सामाजिक सरोकार सर्वोपरि है। आज पत्रकारिता पेड न्यूज के कारण दूषित हो रही ।  कार्यक्रम ने सफल मंच संचालन ओंकार सिंह ने किया। इस कार्यक्रम में  इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय प्रोफेसर पूर्व अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष पत्रकारिता एवं संचार विभाग डॉ मनीषा शर्मा, उप संचालक जनसंपर्क जीएस मर्शकोले जमुना कोतमा क्षेत्र के महाप्रबंधक हरजीत सिंह मदान संयोजक भगवानदास मिश्रा, अध्यक्ष चंदन केवट,अजय मिश्रा,अमित शुक्ला, रमाकांत शुक्ला, नीरज द्विवेदी, राम भवन गौतम, पुनीत सेन, वीरेंद्र सिंह, आनंद पांडे ,नीरज गुप्ता,दिवाकर विश्वकर्मा,अभिषेक दुवेदी,बिलाल अहमद,चंद्रिका चंद्रा,शैलेंद्र विश्वकर्मा, बी एल सिंह राजनगर, राकेश चंद्रा,चंद्रशेखर उपाधाय,आर सी मिश्रा,अमीन वारसी,मृगेंद्र सिंह,श्याम तिवारी,विनोद पांडे,अमित तिवारी,दुर्गा यादव,संजीव कुमार,जावेद भाई,सौरभ तिवारी,बृजेश तिवारी, विश्वकर्मा सर,मुनेश्वर पांडे,अमरेंद्र सिंह,कैलाश पाटकर, मकबूल अहमद,यासीन खान , मोहम्मसफी ,आजाद अली,पंकज बरगवा, सेप्निल सराफ,पूरे अनूपपुर जिले के कोने-कोने से पत्रकार एवं साहित्यकार उपस्थित रहे।



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