जनपद सीईओ ने पंचायत में झूठी शिकायत करने पर कार्यवाही के लिए थाना को लिखा पत्र

जनपद सीईओ ने पंचायत में झूठी शिकायत करने पर कार्यवाही के लिए थाना को लिखा पत्र

*सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के बाद गलत जबाब अपलोड करने पर भी दर्ज हो अपराध*


अनूपपुर

अनूपपुर जिले की पुष्पराजगढ़ जनपद के मुखिया ने थाना बेनीबारी (सरई) को पत्र लिखकर ग्राम पंचायत में झूठी शिकायत दर्ज कराने वाले नीलेश तिवारी ग्राम चाका पोस्ट शाहपुर, तहसील बिरसिंहपुर पाली जिला उमरिया एवं धर्म सिंह पिता तातू सिंह निवासी पड़मनिया के विरूद्ध शिकायत विभागीय पत्र के माध्यम से प्रेषित कर कार्यवाही के लिए कहा है, लेकिन ग्राम पंचायत चंदनिया में पदस्थ रहे तत्कालीन सचिव भुनेश्वर सिंह की प्रमाणित शिकायत सीएम हेल्प लाईन में दर्ज की गई थी, जिसकी जांच जनपद के जिम्मेदारों द्वारा की गई, लेकिन न तो नियम विरूद्ध भुगतान करने वाले सचिव के विरूद्ध कोई कार्यवाही हुई और न ही सीएम हेल्प लाईन में झूठी जानकारी दर्ज कराने वालों के विरूद्ध ही कार्यवाही विभाग द्वारा की गई।

*यह है मामला*

पुष्पराजगढ़ जनपद में पदस्थ भूनेश्वर सिंह द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर फर्म रजिस्टर्ड कराकर अपनी पदस्थापना वाली पंचायतों से लाभ दिलाया गया, हालाकि इस दौरान उक्त फर्म का रजिस्ट्रेशन भी कैंसल था, सीएम हेल्प लाईन में शिकायत दर्ज हुई, उसके बाद सीएम हेल्प लाईन में झूठी जानकारी डाल दी गई, निराकरण के बिन्दु में लेख किया गया कि शिकायत की जांच बृजेश कुमार दहायत पंचायत समन्वयक अधिकारी के द्वारा कराई गई, जांच उपरांत पाया गया कि ग्रेवल रोड, सीसी रोड बौल्डरवाल का निर्माण कार्य किया गया है, जिसका मूल्यांकन सब इंजीनियर के द्वारा कराया गया है, मूल्यांकन के आधार पर कार्य का भुगतान किया गया है एवं निर्माण कार्य का कोई भुगतान शेष नहीं है।

*झूठी जानकारी डाल किया गुमराह*

पुष्पराजगढ़ जनपद अपने कारनामों को लेकर समय-समय पर सुर्खियों में रहती है, एक ओर पंच परमेश्वर पोर्टल पर ब्लर बिल लगाकर पूरी प्रक्रिया को दूषित कर रखा है, वहीं दूसरी ओर सीएम हेल्प लाईन की जिम्मेदारी देख रहे नौकरशाह गलत जवाब अपलोड कर रहे हैं, इस वाक्ये के बाद सीएम हेल्प लाईन में पुष्पराजगढ़ जनपद की रैकिंग भी संदेह के घेरे में हैं। झूठी शिकायत दर्ज करने पर शिकायतकर्ता के विरूद्ध विभाग द्वारा आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की सिफारिश की जाती है, लेकिन विभाग के जिम्मेदार कर्मचारियों द्वारा गलत जानकारी अपलोड करने, नियम विरूद्ध कृत्य करने पर भी अगर साहब आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने की अनुशंसा विभागीय पत्र के माध्यम से दर्ज करा दे तो, विभाग की छवि धूल-धुरसित होने से बच सकती है।

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