मैगजीन स्टोर में प्रबंधन के द्वारा लगाई गई आग, बड़ी दुर्घटना टली, क्या प्रबंधन के विरुद्ध होगी कार्रवाई ?
*डीजीएमएस ले मामले को संज्ञान, आगे ना हो इस प्रकार की लापरवाही*
इंट्रो -एसईसीएल जमुना का क्षेत्र अंतर्गत 1 /2 माइंस में पदस्थ मैनेजर सवेरिया टीए खान के द्वारा मैगजीन बारूद घर में जानबूझकर आग लगवा दी गई, गनीमत रही कि इस दौरान कुछ होशियार कर्मचारियों ने समय रहते आग पर काबू पा लिया नहीं तो बगल में खदान व जीएम ऑफिस उड़ने में टाइम नहीं लगता। हालांकि इस दौरान यहां पर कर्मचारी अधिकारी सहित स्थानीय लोग हजारों की संख्या पर मौजूद थे। अगर मैगजीन में ब्लास्ट होता तो कई लोगो की जा सकती थी। जिसका जिम्मेदार यहां पर पदस्थ प्रबंधन होता।
अनूपपुर
एसईसीएल क्षेत्र के 1/2 इंक्लान में पदस्थ टीन खान की तानाशाही देखने को मिल रही है, यहां पर मैनेजर खान अपनी मनमर्जी चलते हुए कुछ भी करने में उतारू है। जिससे यहां पर यूनियन एवं उनके अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी भी उनके कार्य शैली से परेशान है। हालांकि इस ओर महाप्रबंधक को गंभीरता दिखाते हुए ऐसे मैनेजर को बाहर का रास्ता दिखाते हुए अन्यत्र स्थानांतरित कर देना चाहिए। लेकिन पता नहीं मैनेजर खान पर किसकी कृपा है जो इनको यहां से हटाया नहीं जा रहा, वहीं यह अपनी मनमानी में उतारू भी है। वैसे तो उनके ऊपर कई सारे गंभीर आरोप भी लग चुके हैं,अगर बात की जाए मैगजीन में आग लगाने की तो सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है। अब इन्होंने आग क्यों लगवाई क्या मजदूर को मौत के मुंह में धकेलना चाहते थे या फिर इनका मकसद कुछ और था ? बताया गया कि पुलिस के द्वारा किए गए जप्त बारूद को भी यही रखा गया है ! हालांकि इस मामले में डीजीएमएस जांच एजेंसी को जांच कर खान प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिससे भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही कभी भी देखने को ना मिले। बताया जाता है कि जब से टीए खान यहां पर मैनेजर सब एरिया के पद में पदस्थ हुए हैं तब से उनकी तानाशाही निरंतर बढ़ते जा रही है ।हालांकि उनकी तानाशाही को लेकर एचएमएस यूनियन के अध्यक्ष महाप्रबंधक को ज्ञापन सौप उनके विरुद्ध जांच कर कर इन्हें हटाने की मांग की गई है, पर पता नहीं महाप्रबंधक भी इनके ऊपर कृपा क्यों बरसा रहे हैं अब महाप्रबंधक ही जाने। बताया जाता है कि किसी से कोई अनुमति न लेते हुए अपने मनमर्जी काम करने के लिए यहां पर यह उतारू है हाल ही के दिनों इन्होंने बिना अनुमति हरे-भरे पेड़ कटवा दिए, तो परिसर में रखें लोहे को भी चोरी कराया है, इनके ऊपर तो कई संगीन आरोप भी लगे हैं। बताया गया कि इनके द्वारा 1 हजार रुपए प्रति मजदुर से लेकर इन्हें रविवार की ड्यूटी भी स्वीकृत कर दी जाती है ,अगर ऐसा ही चला रहा तो एसईसीएल को बदनाम होने में समय नहीं लगेगा । अब देखना होगा कि ऐसे भ्रष्ट प्रबंधन को कब तक जांच कर हटाया जाएगा।