तहसीलदार व प्रवाचक को कमिश्नर ने किया निलंबित, एसडीएम को कारण बताओ नोटिस
शहडोल
दीपेन्द्र तिवारी, प्रभारी तहसीलदार, तहसील जयसिंहनगर जिला शहडोल (म.प्र.) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में दीपेंद्र तिवारी का मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर, जिला शहडोल नियत किया जाता है। खेमन सिंह, सहा. ग्रेड- 03, प्रवाचक, तहसील कार्यालय जयसिंहनगर, जिला शहडोल (म.प्र.) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में खेमन सिंह का मुख्यालय कार्यालय तहसीलदार सोहागपुर, जिला शहडोल नियत किया जाता है।अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर प्रगति वर्मा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि तीनो मामले में तहसील कार्यालय जयसिंहनगर के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि न्यायालयीन (नामांतरण/बटवारा/सीमांकन/बेदखली) इत्यादि से संबंधित प्रकरण दायरा पंजी में दर्ज नही थे। वक्त निरीक्षण तहसीलदार द्वारा लगभग 300 प्रकरण पंजी में दर्ज नही होना पाया गया। अवलोकन में वर्ष 2021-23 तक के काफी प्रकरण प्रचलनशील होने के बावजूद एक वर्ष से अधिक का समय व्यतीत होने पर भी प्रकरणों में सुनवाई नही की गई है, साथ ही विभिन्न मदों के सैकडों राजस्व प्रकरणों को न तो दायरा पंजी में तथा न ही आरसीएमएस पोर्टल में दर्ज किया गया है। कार्यालय में महत्वपूर्ण अभिलेखों को सुव्यवस्थित न रखते हुए अस्त-व्यस्त रखा गया है।
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तहसीलदार व प्रवाचक को कमिश्नर ने किया निलंबित, एसडीएम को कारण बताओ नोटिस
शहडोल
दीपेन्द्र तिवारी, प्रभारी तहसीलदार, तहसील जयसिंहनगर जिला शहडोल (म.प्र.) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में दीपेंद्र तिवारी का मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर, जिला शहडोल नियत किया जाता है। खेमन सिंह, सहा. ग्रेड- 03, प्रवाचक, तहसील कार्यालय जयसिंहनगर, जिला शहडोल (म.प्र.) को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में खेमन सिंह का मुख्यालय कार्यालय तहसीलदार सोहागपुर, जिला शहडोल नियत किया जाता है।अनुविभागीय अधिकारी राजस्व जयसिंहनगर प्रगति वर्मा को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया है। जारी आदेश में कहा गया है कि तीनो मामले में तहसील कार्यालय जयसिंहनगर के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि न्यायालयीन (नामांतरण/बटवारा/सीमांकन/बेदखली) इत्यादि से संबंधित प्रकरण दायरा पंजी में दर्ज नही थे। वक्त निरीक्षण तहसीलदार द्वारा लगभग 300 प्रकरण पंजी में दर्ज नही होना पाया गया। अवलोकन में वर्ष 2021-23 तक के काफी प्रकरण प्रचलनशील होने के बावजूद एक वर्ष से अधिक का समय व्यतीत होने पर भी प्रकरणों में सुनवाई नही की गई है, साथ ही विभिन्न मदों के सैकडों राजस्व प्रकरणों को न तो दायरा पंजी में तथा न ही आरसीएमएस पोर्टल में दर्ज किया गया है। कार्यालय में महत्वपूर्ण अभिलेखों को सुव्यवस्थित न रखते हुए अस्त-व्यस्त रखा गया है।