अकुशल गार्ड के भरोसे ओपीएम उद्योग की सुरक्षा व्यवस्था आए दिन हो रही चोरी की वारदात
*सुरक्षा अधिकारी व सुरक्षा सुपरवाइजर पर लग रहा है लापरवाही का आरोप*
शहड़ोल/अनूपपुर
एशिया का ख्याति प्राप्त कागज कारखाना किसी न किसी समस्या को लेकर आसपास की निवासरत आबादी के साथ मूलभूत एवं बुनियादी सुविधाओं प्रदूषण को लेकर अखबारों की सुर्खियों में बना रहता है इसी क्रम में विगत कई महीनो से ओरिएंट पेपर मिल कागज कारखाना अमलाई उद्योग की सुरक्षा को लेकर तैनात किए गए एमएसएफ के जवान जिन्हें सुरक्षा के बारे में क ख ग घ तक नहीं पता या फिर कहा जाए तो अनट्रेड व अकुशल सुरक्षा गार्ड् के निगरानी में ओरिएंट पेपर मिल के सुरक्षा अधिकारी मनजीत सिंह एवं सुरक्षा सुपरवाइजर पीके सिंह के द्वारा सिर्फ कागज कारखाना के द्वार पर ठंड कमरे में बैठकर कुछ समय तक ही सुरक्षा व्यवस्था देखी जाती सूत्रों के मुताबिक बताया जाता है कि ओरिएंट पेपर मिल के इतिहास में पहली बार ऐसा सुरक्षा एजेंसी और सुरक्षा अधिकारी और सुरक्षा सुपरवाइजर देखा गया है जिनके द्वारा उद्योग के अंदर और बाहर उद्योग की संपत्ति की हो रही चोरियों को जान बूझकर चोरी कराया जाता है और अनजान बनकर बैठे हुए रहते हैं यही नहीं इनके द्वारा तैनात किए जाने वाले उद्योग के अंदर सुरक्षा गार्ड और बाहर तैनात किए जाने वाले सुरक्षा गार्ड रात्रि कालीन ड्यूटी में गहन निद्रा में लीन रहते हैं और होने वाली चोरीयां या अन्य वारदातों से नज़रे चुराते हुए दिखते हैं इनके द्वारा उद्योग के अंदर कुत्ते पाल कर रखे गए हैं जिनकी सेवा में चार-पांच गार्ड लगाए गए हैं और साथ में सुरक्षा अधिकारी भी लगे रहते हैं लेकिन उन कुत्तों को पिंजरे में कैद करके रखा गया है उनका किसी प्रकार से भी उद्योग की सुरक्षा को लेकर उपयोग नहीं किया जा रहा है सिर्फ दिखावा करने में मशगूल हैं उद्योग के सुरक्षा अधिकारी और सुरक्षा सुपरवाइजर इस प्रकार एमएसएफ सुरक्षा एजेंसी के द्वारा तैनात सुरक्षा गार्ड्स के द्वारा उद्योग के मुख्य द्वार और बंबू गेट में बाहर से आने वाले कच्चा माल परिवहन करने वाले वाहनों से वसूली की जाती है जबकि सुरक्षा नियमों के आधार पर उद्योग के अंदर आने वाले वाहनों को खाली करने की जिम्मेदारी उद्योग के अधिकारियों की है सिर्फ उन्हें एंट्री देने के नाम पर सुरक्षा विभाग के द्वारा तैनात प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी के गार्ड वाहन मालिकों व चालकों से एंट्री वसूली की जाती है जबकि उद्योग के द्वारा इनके लिए रहने खाने के साथ मासिक भुगतान भी किया जाता है फिर भी इनके द्वारा दुर दराज से आने वाले वाहन मालिकों व लकड़ी व्यापारियों से जमकर वसूली की जाती है ऐसी स्थिति में ऐसे सुरक्षा अधिकारी और सुरक्षा सुपरवाइजर पर उद्योग की सुरक्षा को लेकर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।