बघेली की बाल लोक गायिका मान्या ने दी मंत्रमुग्धकारी प्रस्तुति, दर्शक हुए भाव विभोर
*उत्थान, सामाजिक, सांस्कृतिक, समिति समिति कर रहा है विंध्य लोकरंग महोत्सव का आयोजन*
अनूपपुर
राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध बघेली की बाल लोक गायिका सुश्री मान्या पाण्डेय की मंत्रमुग्धकारी प्रस्तुति से अनूपपुर के सैकड़ों श्रोता – दर्शक कुछ ऐसे भाव विभोर हुए कि लगभग तीन घंटे तक कर्णप्रिय गायन रस में गोते लगाते रहे। किसी की आंख से आंसू बह रहे थे तो कोई तालियां बजा – बजाकर संगत दे रहा था। जो जहाँ बैठा ,वहीं बैठा रह गया। लोग भाव विभोर थे और यही टिप्पणी करते दिखे कि विंध्य के इन बाल नव रत्नों में मानों माता सरस्वती की सम्पूर्ण कृपा बरस रही है। जिला मुख्यालय में विवेकानन्द स्मार्ट सिटी परिसर में 7 -10 बजे तक बुन्देली लोक गायिका मान्या पाण्डेय और उनके समूह ने प्रस्तुति दी। अनूपपुर जिला विकास मंच, मप्र श्रमजीवी पत्रकार संघ, जिला दवा विक्रेता संघ, मिड वे ट्रीट, पीआरटी महाविद्यालय, विवेकानन्द स्मार्ट सिटी के सक्रिय सहयोग और उत्थान सामाजिक, सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समिति के नेतृत्व में आयोजित इस सांस्कृतिक आयोजन में सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।
विंध्य मेकल क्षेत्र बघेली लोक साहित्य और लोक संस्कृति की वाचिक परंपरा के रूप में काफी समृद्ध रहा है। बघेली लोकगीत और लोक संस्कृति राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करें, उनके मंचीय प्रदर्शन का विस्तार हो, संरक्षण, संवर्धन व संचयन हो इसके लिए उत्थान सामाजिक सांस्कृतिक एवं साहित्यिक समिति द्वारा शहडोल व रीवा संभाग के सम्पूर्ण जिलों में विंध्य लोकरंग महोत्सव का आयोजन किया जा रहा हैं। इसी तारतम्य में सैकड़ों लोगों की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
रामायण परिसर में महोत्सव की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन कर हुई, तत्पश्चात राष्ट्रीय लोक गायिका मान्या पाण्डेय के द्वारा बघेली सुमिरनी लोकगीत – देवी गंगा देवी गंगा लहर तोंहार लहर लहरिया हो मैया भींजय आठो अंग, आदिवासी करमा गीत भोर पहा रामा नही आए हो आमा के डहरा, दादरा गीत अइसन मिजाजी ताल गगरिया बूड़त नही रे, जन्म संस्कार गीत कहूं खेलन निकरि गए हमार लालना, तिलक गीत राजा दशरथ फूले न समाय तिलक आबा मोरे अंगना, अंजुरी गीत हरदी से रंगी रे पियरिया छोड़ाए नही छूटय हो, जेवनार गारी गीत उतरत माघ लगत दिन फागुन राम चले हां ससुरारी, बिदाई गीत कच्ची ईंट बाबुल देहरी न धरियो एवं जातीय गीत बिरहा की प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात बाल कलाकार प्रत्युष द्विवेदी द्वारा बघेली लोकगीत एवं भजन की प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम में आगे विंध्य के प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह सीधी द्वारा बघेली ददरिया, कोलदहका, टप्पा एवं पितमा गीतों की प्रस्तुति दी गई। उसके बाद लोक गायिका श्रुति सिंह, सुभी सिंह द्वारा विवाह गीतों एवं लोक गायक कपिल तिवारी द्वारा बघेली दादरा गीतों की प्रस्तुति दी गई।
विंध्य लोकरंग महोत्सव में राष्ट्रीय लोक गायिका मान्या पाण्डेय लगातार बघेली के विविध लोकगीतों की प्रस्तुतियां कर रही हैं। मान्या को बघेली के हजारों गीत कंठस्थ हैं जिन्हे आप देश के विविध मंचो पर अनवरत प्रस्तुत करती रही हैं। अनूपपुर के लोकरंग महोत्सव में मान्या पाण्डेय एवं उनके लोककला दल को सम्मानित किया गया। इस शांतिपूर्ण रंगारंग महोत्सव में इस दौरान अनूपपुर, चचाई, कोतमा, बिजुरी, राजेन्द्रग्राम, अमरकंटक, जैतहरी, पेण्ड्रा से आए सैकड़ों लोगों सहित जिले के समाज सेवी, साहित्यकार, लोक कलाकार, रंगकर्मी, पत्रकारगण एवं भारी संख्या में शहरवासी उपस्थित रहे।