नगर परिषद में कॉंग्रेस के राज में हरिजन आदिवासी एवं पिछडो का हो रहा शोषण
*हाईकोर्ट एवं कलेक्टर के निर्देशों को सीएमओ बता रहे धता*
शहड़ोल
नगर परिषद जयसिंहनगर में नगरीय निकाय चुनाव के बाद बनी कॉंग्रेस की सरकार पर गरीब हरिजन आदिवासी एवं पिछड़ा वर्ग के श्रमिकों के शोषण के आरोप लग रहे है एक तरफ जहां कॉंग्रेस के मुखिया राहुल गांधी लगातार हरिजन आदिवासियों और पिछडो के उत्थान की बात बड़े बड़े मंचो से करते है वही दूसरी ओर इनके नेताओ पर लगातार गरीब मजदूर हरिजन आदिवासी और पिछडो पर शोषण और अत्याचार के आरोप लग रहे है।
*क्या है मामला*
पिछले कई दिनों से नगर परिषद जयसिंहनगर के जल प्रदाय श्रमिकों को नगर परिषद अध्यक्ष एवं सीएमओ द्वारा परिषद से निकालने का मामला लगातार समाचार पत्रों में सुर्खियों में बना हुआ है जहां पीड़ितों द्वारा वरिष्ठ अधिकारियो के बाद माननीय उच्च न्यायालय में वाद दायर कर न्याय की गुहार लगाई गई थी।जिसपर उच्च न्यायालय द्वारा कलेक्टर शहडोल को मामले का निराकरण करते हुए श्रमिकों को न्याय दिलाने हेतु निर्देशित किया था जिस पर कलेक्टर द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारी जयसिंहनगर को मामले पर कार्यवाही करते हुए मूल नस्ती कलेक्टर जिला शहरी विकास अभिकरण शहडोल में उपलब्ध करने हेतु कई बार पत्राचार करने के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला।
*अधिकारी के आदेश की अवहेलना*
गौरतलब है की जल प्रदाय श्रमिकों के द्वारा उच्च न्यायालय में दायर किए गए वाद पर उच्च न्यायालय द्वारा कलेक्टर शहडोल को दिए गए निर्देश के बाद कार्यालय कलेक्टर जिला शहरी विकास अभिकरण जिला शहडोल द्वारा मुख्य नगरपरिषद अधिकारी जयसिंहनगर को कई बार पत्र लिखकर जल प्रदाय श्रमिकों की नियुक्ति से संबंधित मूल नस्ती कलेक्टर कार्यालय शहडोल में प्रस्तुत करने का आदेश किया गया था किन्तु मुख्य नगर परिषद अधिकारी जयसिंहनगर द्वारा लगातार मामले में वरिष्ठ अधिकारियो के आदेश को टालने के प्रयास के बाद परियोजना अधिकारी जिला शहरी विकास अभिकरण शहडोल ने दिनांक 22/05/2024 को पत्र में स्पस्ट उल्लेख किया की बंसन्त लाल यादव एवं घूरसेन सिंह गोंड दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी नगर परिषद जयसिंहनगर द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर के आदेश / निर्णय के अनुसार पुनः सेवा में रखे जाने हेतु कलेक्टर महोदय को आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिसमे कलेक्टर महोदय द्वारा मूल नस्ती प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे उक्त निर्देश के अनुक्रम में संदर्भित पत्र के द्वारा मूल नस्ती प्रस्तुत करने हेतु पत्र लेख किया गया था किन्तु सीएमओ जयसिंहनगर के द्वारा दिए गए प्रतिवेदन में लेख किया गया की आदर्श आचार संहिता समाप्त होने के उपरांत पीआईसी की बैठक का आयोजन किया जाकर प्रकरण में होने वाले निर्णय से श्रीमान को अवगत कराया जाएगा जिसपर कलेक्टर जिला शहरी विकास अभिकरण द्वारा स्थिति को अति खेदजनक बताते हुए पुनः निर्देश किया है की संबंधितो को सेवा में रखे जाने हेतु मूल नस्ती एवं वस्तु स्थिति से कलेक्टर कार्यालय की व्यवहार वाद शाखा को अवगत करना सुनिश्चित करे अन्यथा की स्थिति के लिए सीएमओ जयसिंहनगर स्वतः जिम्मेदार होंगे।कॉंग्रेस के शासनकाल में कैसी हुई हरिजनों आदिवासियों और पिछड़े वर्ग के श्रमिकों के साथ शोषण की शुरुआत जयसिंहनगर में सूत्रों के अनुसार नगर परिषद जयसिंहनगर में कॉंग्रेस की सरकार बनते ही नगर परिषद अध्यक्ष एवं अध्यक्ष पति एवं पुत्र के द्वारा पद के रसूख का रौब दिखाते हुए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों पर नगर परिषद अध्यक्ष के घर, क्रसर एवं परिचितों के घर पर घरेलू कार्य करने का दबाव बनाया जाने लगा जिसपर लगातर शोसित होने के बाद श्रमिकों द्वारा उक्त मामले की शिकायत तत्कालीन प्रभारी अजय कोल की गई जिसपर प्रभारी ने निकाय के अतिरिक्त किसी भी व्यक्तिगत काम में श्रमिकों के भेजना को बंद कर दिया जिससे क्षुब्ध होकर नगर परिषद अध्यक्ष एवं तत्कालीन प्रभारी सीएमओ दीपेश तिवारी द्वारा तत्काल प्रभार अजय कोल से छीनकर अयोध्या पांडेय को सौपकर नगर परिषद अध्यक्ष के व्यक्तिगत कामो के विरोध करने वाले श्रमिकों को नौकरी से हटाकर गरीबो के पेट में लात मारने का काम किया गया।
*माफ़ी मांगने का बनाया दबाव*
गौरतलब है की श्रमिकों द्वारा पूर्व में वरिष्ठ अधिकारियो से शिकायत करने के बाद सीएमओ जयसिंहनगर निशांत सिंह ठाकुर द्वारा जल प्रदाय श्रमिक बशंत यादव और घूरसेन सिंह गोंड को अपने निवास पर कार्य में लगा लिया गया था किन्तु 15 दिन बाद इन्हे भुगतान ना करते हुए पुनः कार्य से अलगकर दबाव बनाया जाता रहा की तुम नगर परिषद अध्यक्ष के घर जाकर उनका पैर पकड़कर माफ़ी मांग लो तभी तुमको काम पर रखा जाएगा।
*पीआईसी के बहाने श्रमिकों को हटाए जाने का षड्यंत्र*
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नगर परिषद अध्यक्ष एवं सीएमओ द्वारा आदर्श आचार सहिंता के हटने के बाद पीआईसी बैठक कर गरीब श्रमिकों को हटाने का षड्यंत्र रचने की पूरी तैयारी की जा रही है जिसका उल्लेख सीएमओ द्वारा वरिष्ठ अधिकारियो को सौपे प्रतिवेदन में भी बार बार किया गया है।