जंगलों में अवैध कटाई मामले में 77 हजार की वन अधिकारियो से की जाएगी वसूली
*कोटमी व धुरवासिन बीट का मामला, जांच में पाया गया कर्मचारियो की भूमिका संदिग्ध*
अनूपपुर
अनूपपुर जिले के धुरवासिन बीट के कक्ष क्रमांक आर0एफ0 442 और आर0एफ0 440 में अवैध कटाई की घटना सामने आई है। जांच के दौरान इन कक्षों में कुल 35 अवैध रूप से काटे गए ठूंठ पाए गए। इनमें से 24 ठूंठ कक्ष क्रमांक आर0एफ0 442 में और 11 ठूंठ कक्ष क्रमांक आर0एफ0 440 में थे। इनमें से अधिकांश ठूंठ साल प्रजाति के थे, जबकि कुछ पलाश, साजा, और सतकटा प्रजाति के भी थे। जांच के दौरान यह प्रतीत हुआ कि ठूंठों को पहले आग से जलाने का प्रयास किया गया था, सभी ठूंठों को मिट्टी से ढकने की कोशिश की गई थी। इन सभी मामलों मे डिप्टी रेंजर वन रक्षक वनपरिक्षेत्र अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है और ठूंठों पर किसी भी प्रकार का पी०ओ०आर० नम्बर या हैमर का निशान नहीं पाया गया और उनके पास कोई भी वनोपज नहीं मिला।बीटगार्ड धुरवासिन सोमपाल सिंह, प०स० लतार विनोद मिश्रा, और वन परिक्षेत्र अधिकारी कोतमा पूर्व रेंजर अशोक निगम ने अवैध कटाई की रोकथाम हेतु कोई प्रयास नहीं किया।जिससे यह स्पष्ट होता है कि इन अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध है।
कक्ष क्रमांक आर0एफ0 442 में 24 ठूंठों की हानि राशि 75,786 रुपये पाई गई, जबकि कक्ष क्रमांक आर0एफ0 440 में 11 ठूंठों की हानि राशि 1,954 रुपये पाई गई। कुल मिलाकर, धुरवासिन बीट के जंगलों में हुई अवैध कटाई से 77,740 रुपये की हानि हुई है। इस हानि राशि की वसूली बीटगार्ड धुरवासिन सोमपाल सिंह, प०स० लतार विनोद मिश्रा, और वन परिक्षेत्र अधिकारी कोतमा पूर्व रेंजर अशोक निगम से की जाएगी। शिकायतकर्ता हरी प्रसाद यादव ने अपनी निशानदेही पर जांच करवाई और अवैध कटे ठूंठों की फोटो पहले से ही उनके पास थी। जांच के दौरान बीटगार्ड और परिक्षेत्र सहायक को जांच स्थल में ले जाने से मना कर दिया गया था, और वन परिक्षेत्र अधिकारी मौके पर उपस्थित नहीं थे, जिससे उनकी भूमिका भी संदिग्ध मानी गई। धुरवासिन बीट के जंगलों में अवैध कटाई और अधिकारियों की लापरवाही के कारण कुल 77,740 रुपये की हानि हुई है। इस हानि की राशि को संबंधित अधिकारियों से वसूला जाएगा। अधिकारियों की भूमिका की और गहन जांच की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।