राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.60 करोड़ रुपये से अधिक का अवार्ड पारित, 441 प्रकरण निराकरण

राष्ट्रीय लोक अदालत में 1.60 करोड़ रुपये से अधिक का अवार्ड पारित, 441 प्रकरण निराकरण

*अनूपपुर, कोतमा, राजेन्द्रग्राम व्यवहार न्यायालय समेत 14 खंडपीठो में हुआ आयोजन*


अनूपपुर

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार जिला मुख्यालय अनूपपुर, तहसील कोतमा एवं राजेन्द्रग्राम की व्यवहार न्यायालय सहित 14 खण्डपीठों में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया। जहां लंबित 3979 रेफर प्रकरणों को लोक अदालत में 441 प्रकरणों, प्रीलिटिगेशन के 2973 से 136 प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम किया गया। लोक अदालत में कुल राशि 1,60,06,812 अवार्ड पारित किया गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत जिला न्यायालय में प्रधान जिला न्यायाधीश रविन्दर सिंह द्वारा दीप प्रज्जवलित कर लोक अदालत का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जिला न्यायाधीश सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मोनिका आध्या, प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश पंकज जायसवाल, द्वितीय जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश नरेन्द्र पटेल, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चैनवती ताराम, न्यायिक मजिस्ट्रेट अंजली शाह, न्यायिक मजिस्ट्रेट सुश्री पारूल जैन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इसरार मंसूरी, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संतोष सिंह परिहार, जिला विधिक सहायता अधिकारी दिलावर सिंह सहित अधिवक्तागण एवं कर्मचारीगण, लीगल एड डिफेंस काउंसिल, नगरपालिका, विद्युत, बैंक के अधिकारीगण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वालेंटियर्स एवं पक्षकारगण उपस्थित रहे।

लोक अदालत न्यायालय अनूपपुर एवं तहसील न्यायालय कोतमा व राजेन्द्रग्राम में सहित 14 खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिसमें राजीनामा योग्य दाण्डिक प्रकरण, चेक अनादरण से संबंधित प्रकरण, बैंक वसूली प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा, वैवाहिक प्रकरण, श्रम विवाद, भूमि अधिग्रहण, सिविल प्रकरण एवं बिजली व पानी के बिल से संबंधित प्रकरणों का निराकरण आपसी राजीनामा द्वारा किया गया। जिला मुख्यालय, अनूपपुर, तहसीलय सिविल न्यायालय कोतमा एवं तहसीलय सिविल न्यायालय राजेन्द्रग्राम में लंबित 3979 प्रकरणों को लोक अदालत मे रेफर किया गया, जिनमे से कुल 441 प्रकरणों का निराकरण हुआ। प्रीलिटिगेशन के 2973 प्रस्तुत प्रकरणों में 136 का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से हुआ। जिसमें कुल राशि 1 करोड़ 60 लाख 06 हजार 812 अवार्ड पारित किया गया। लोक अदालत मे आपसी सुलह एवं सामंजस्य के आधार पर आपसी राजीनामा कर पारस्परिक भाईचारा एवं सौहार्द रहा।

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