मुझको हर पल सहारा दिया है, मैंने मांगा वो तूने दिया है, मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया

मुझको हर पल सहारा दिया है, मैंने मांगा वो तूने दिया है, मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया



 *हनुमत तेरा शुक्रिया है*

 

मैंने मांगा वो तूने दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


मुझको अपनों ने जब जब गिराया,

तूने बाहों में भर कर उठाया।

मुझको हर पल सहारा दिया है,

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


जबसे तेरी शरण में मैं आया,

तूने उजड़ा मेरा घर बसाया।

मेरे मधुबन को महका दिया है,

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


मैं तो मन से करूं तेरी पूजा,

तेरे जैसा नहीं कोई दूजा,

जो न मांगा था वो भी दिया है।

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।


तेरे बिन अब नहीं कोई मेरा,

मेरे दिल में है तेरा बसेरा ।

तूने सपने में दर्शन दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है ।


मैंने मांगा वो तूने दिया है

मेरे हनुमत तेरा शुक्रिया है।

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गीतकार -अनिल भारद्वाज,एडवोकेट, हाईकोर्ट ग्वालियर मध्यप्रदेश

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