रेत माफिया शंकर, रेत दलाल चेतन, बंदूक व गुर्गों के दम पर करते हैं रेत का अवैध कारोबार
*नदियों का कर रहे हैं सीना छलनी, पेड़ उखाड़ बनाया रास्ता, सीमा के बाहर रेत उत्तखनन, जिम्मेदार मौन*
शहडोल
जिले में रेत ठेकेदार पर प्रशासन कितना मेहरबान है, इसकी बानगी रेत खदानों में बनी हुई है। खदान का ठेका हासिल करने वाली कंपनी के द्वारा ग्रामीणों के पुरजोर विरोध को प्रशासन और पुलिस की मदद से बीते दिनों दबा दिया और नियम-कायदों को ताक पर रखकर बेतहाशा खनन किया जा रहा है। रेत खदान में प्रवेश करने के लिए कंपनी ने एक नहीं बल्कि कई रास्ते बना रखे हैं और उनके सहारे दिन-रात रेत का परिवहन किया जा रहा है। रेत ठेका कंपनी अपने सीमा से बाहर जाकर रेत निकाल रही है जिससे अवैध उत्तखनन हो रहा है। ठेका कंपनी ने नदी के आस-पास लगे पेड़ों को जेसीबी और पोकलेन की मदद से उखाडक़र नदी में रास्ता बना डाला। कंपनी अपनी मनमानी करती रही और प्रशासन व खनिज विभाग ने देखने तक की जहमत नहीं उठाई।
*नाम शंकर बना रेत माफिया*
शहड़ोल जिले में अवैध रेत उत्तखनन व परिवहन में सबसे बड़ा खिलाड़ी नं. 01 जो पूरे जिले में मानो रेत का बादशाह हो शंकर अपने गुर्गों व लठैतों के बल से दिन दहाड़े व रात के अंधेरे में पूरे क्षेत्र में अवैध रेत उत्तखनन व परिवहन करके शासन को प्रतिदिन लाखो का चूना लगा रहे हैं। लोगो का कहना है रेत के अवैध उत्तखनन परिवहन में रुपयों के दम पर जिम्मेदारों के मुह को बंद कर देता है। जिस क्षेत्र में रेत खदान है वहाँ के कुछ बेरोजगार युवकों को रुपयों के दम पर पूरे क्षेत्र में निगरानी करवाकर सैकड़ो गाड़ी रेत इधर से उधर करके लाखो रुपये प्रतिदिन कमाई कर रहा है। इस तरह का काम करके शंकर अपने नाम को मिट्टी में मिला रहा है। इनके माता पिता ने क्या समझकर इसका नाम शंकर रखा था। कब तक शंकर को इस रेत में अवैध कारोबार में अभयदान मिलता रहेगा कह पाना मुश्किल है। शंकर किसके लिए काम करता है इसका खुलासा नही हो पाया है।
*चेतन कर रहा है रेत की दलाली*
पूरे जिले में रेत का अवैध उत्तखनन व परिवहन करवाने वालो में एक नाम और सामने निकलकर आ रहा है जिसे रेत माफिया में खिलाड़ी नं. 02 कहा जाता है यह व्यक्ति उत्तरप्रदेश के तर्ज पर यहाँ भी बन्दूक की नोक रेत का अवैध उत्तखनन व परिवहन करवाने में माहिर लगता हैं। चेतन इसके पहले बहुत जगह हाथ पैर मारा जब वहां दाल नही गली तो सोचा कि रेत की इस अवैध काम मे बहुत रुपया हैं। चेतन का कहना है की वह रुपयों के दम पर सभी को खरीद सकता हूँ। यह अवैध रेत के काम मे 10 से 12 लोगो को टोली बनाकर रात दिन अवैध रेत के काम को अंजाम देता है। इन लोगो के ऊपर जिम्मेदार कार्यवाही नही कर पा रहे। इसलिए इन लोगों को खुली छूट मिली हुई है। चेतन का किसके लिए यह अवैध कार्य करवाता हैं जल्द खुलासा हो सकता है।
*जिम्मेदार नतमस्तक, टेक दिए घुटने*
ईमानदारी का ढिढ़ोरा पीटने वाले नौकरशाहों के नाक के नीचे खुलेआम सहकार ग्लोबल कंपनी के कारिंदे खनिज विभाग सहित पर्यावरण के कायदों को रौंद रहे हैं, लेकिन नौकरशाहों को यह नजर नहीं आ रहा है, खनिज विभाग ने मानों रेत ठेका कंपनी के सामने घुटने टेक दिये हैं, वहीं ईमानदारी का ढोल पीटने वाले जिला प्रशासन और पुलिस विभाग में बैठे जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। रेत के इस अवैध कारोबार को वैधता का जामा पहनाने के लिए निशांत ने बीड़ा उठा रखा है।
*नियम विरूद्ध अवैध कारोबार*
रेत ठेका कंपनी के द्वारा खेले जा रहे खेल को माइनिंग विभाग सबसे पहले कार्रवाई कर इस पूरे रैकेट का भंडाफोड़ करना चाहिए, प्रशासन को कुछ नहीं दिख रहा है, इसके बाद इतने सारे थाने और पुलिस जो रोज कार्रवाई कर नियम विरूद्ध हो रहे कारोबार पर अंकुश लगा सकते हैं, लेकिन कोई कुछ नहीं करता है, वरिष्ठ अफसर बैठकों में समीक्षा कर लेते हैं और मैदान में यह हाल है। रेत खदानों में विशालकाय पोकलेन मशीन उतारकर शर्तों के विपरीत कथित कंपनी द्वारा उत्खनन किया जा रहा है, वहीं इन खदानों से रेत ढोने वाले वाहनों ने भी क्षमता से अधिक रेत ढोने का बीड़ा उठा रखा है।
*समिति बनी असहाय*
भौमिकी तथा खनिकर्म मध्यप्रदेश द्वारा जिला स्तर पर रेत ठेकों से संबंधित सुसंगत कार्यवाही के लिए समिति का गठन किया है, जिसमें कलेक्टर अध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एवं कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग सदस्य है, इसके अलावा प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा को सदस्य/सचिव बनाया गया है, लेकिन क्षेत्र में नियम विरूद्ध हो रहे रेत के उत्खनन को उक्त जिम्मेदार रोकने में अक्षम साबित हो रहे हैं।
*वाहनों के बॉडी के साथ छेड़छाड़*
किसी भी वाहन के स्ट्रक्चर से छेड़छाड़ अपराध है, ऐसा करने पर कार्रवाई होनी चाहिए, मोटर व्हीकल एक्ट के मुताबिक वाहन निर्माता कंपनी द्वारा दिए गए स्ट्रक्चर में किसी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। उसकी ऊपरी बनावट हो या तकनीकी क्षमता, किसी में भी फेरबदल नहीं किया जा सकता। गाड़ी के स्ट्रक्चर में परिवर्तन कर जिले में रेत ढुलाई का काम बखूबी हो रहा है, अवैध रूप से रेत ढोने वाली गाडिय़ों में कंपनी द्वारा तय लिमिट से अधिक ढुलाई के लिए उसके स्ट्रक्चर में परिवर्तन का खेल किया गया है। हाईवा अपने ढाला की ऊंचाई को तय सीमा से ज्यादा ऊंचा कर ओवरलोडिंग किया जा रहा हैं। ओवरलोडिंग के कारण सडक़ों की हालत भी खराब हो रही है, लेकिन जिम्मेदार उक्त मामले में भी चुप्पी साधे बैठा है।
*इनका कहना है*
अवैध रेत उत्तखनन की मुझे कोई भी जानकारी नही है। वैसे मैं अभी चुनाव ड्यूटी में व्यस्त हूँ।
*देवेंद्र पाटले, जिला खनिज अधिकारी शहड़ोल*