रेलवे ओवर ब्रिज की अनियमितता पर ठोंका दावा, न्यायालय ने 06 लोगो को जारी किया नोटिस

रेलवे ओवर ब्रिज की अनियमितता पर ठोंका दावा, न्यायालय ने 06 लोगो को जारी किया नोटिस

*ठेकेदार व विभाग की लापरवाही, 5 वर्ष बीत के बाद भी नही बन पाया पुल, आम जनता परेशान*


अनूपपुर

रेलवे ओवर ब्रिज का भूमिपूजन सन् 2018 में हुआ था । पाँच साल से अधिक समय बीत जाने पर भी पुल बन कर तैयार नहीं हो पाया है । जब भी किसी पुल का निर्माण किया जाता है तो पहले नालियाँ और सर्विस रोड का निर्माण किया जाता है और उसके बाद पुल का निर्माण किया जाता है, पर यहॉं तो सब कुछ उल्टा-पुल्टा है । पुल पहले बनाया जा रहा है और जो रोड पहले था उसको भी ध्वस्त कर दिया गया है । निर्माणाधीन पुल के आस-पास रहने वाले लोगों का जीवन नारकीय हो गया है, बरसात के दिनों में तो यहाँ छोटे छोटे डबरे भर जाते हैं । बार बार ध्यान दिलाने बावजूद शासन , प्रशासन, लोक निर्माण व सेतु विभाग, विधायक-मंत्री सभी कुंभकर्णी निंद्रा में लीन है , जनता हलाकान है । इसी पुल के कारण अनूपपुर का मुख्य बाज़ार ठप्प हो चुका है और मुख्य मार्ग सौन्दर्य विहीन हो गया है । पुल के दोनों तरफ़ के मार्ग पूर्णतः अवरुद्ध हो गए हैं।

&जनहित में लगे आरोप*

पुल का निर्माण कुल 02 वर्ष के अंदर पूर्ण करने का अनुबंध ठेकेदार द्वारा विभाग से किया गया है, और माह अगस्त 2018 से निर्माण कार्य प्रारम्भ कर दिया था जो अनुबंध अवधि समाप्त होने के बाद भी पूरा नही किया गया है। रेलवे ओवर ब्रिज का पुल जो रेल्वे लाईन के ऊपर से बनना था, जिसके कार्य कि अवधि 01 वर्ष थी जिसके द्वारा निर्माण कार्य जनवरी 2023 से प्रारम्भ कर दिया गया है लेकिन आज तक पूरा नही किया गया है। ठेकेदार द्वारा मुख्य मार्ग को नष्ट कर दिया गया है। तथा कच्चा मटेरियल रेत गिटटी व बडे-बडे लोहे के गाटर डाल दिये गये है, जिससे आम जनता को आने व जिला अस्पताल व अपने घरो मे आने जाने मे काफी असुविधा होती है। पुल का निर्माण हो रहा है। लेकिन विभाग की लापरवाही के कारण ठेकेदार के हौसले बुलंद है। पुल निर्माण के पूर्व पुल के दोनो तरफ पक्की / डामर की रोड बनाना चाहिये था तथा अनुबंध शर्तो के अनुसार निर्माण कार्य करना चाहिये था। जो नही किया गया। अनुबंध शर्तों के अनुसार मौके से निर्माण कार्य समय सीमा के अंदर पूरा करना चाहिये था और यदि निमार्ण कार्य समय सीमा में पूरा नही करते है तो ठेका निरस्त कर उनसे अर्थदण्ड वसूल किया जाना चाहिये था, लेकिन विभाग ने ठेकेदार को खुली छूट दे दी है।

*6 लोगो को जारी हुआ नोटिस*

पुल के बारे में कोई सुनवाई न होती देख कर अनूपपुर जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्रकांत पटेल ने कलेक्टर अनूपपुर , डी आर एम रेलवे , अधिकारी लोकनिर्माण व सेतु विभाग,अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग, श्रीराम कंस्ट्रक्शन और प्रमोद मिश्रा ठेकेदार के विरूद्ध डी जे न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया है,जिसमें न्यायालय ने सभी 06 लोगों को नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि 27 अप्रैल 2024 को न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखें, अनुपस्थिति की दशा में आपके विरुद्ध एक पक्षीय कार्रवाई की जाएगी । इस केस की पैरवी जाने माने अधिवक्ता व पूर्व सरकारी वकील दुर्गेंद्र सिंह भदौरिया कर रहे हैं।

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