फर्जीवाड़े कर सीसी सड़क की राशि हड़पना पड़ा भारी, पसान सीएमओ पर एफआईआर दर्ज
*तत्कालीन डिंडोरी व वर्तमान पसान सीएमओ सहित उपयंत्री और ठेकेदार पर मामला दर्ज*
अनूपपुर/डिंडौरी
अनूपपुर जिले की पसान नगर पालिका के वर्तमान सीएमओ पर 420 का मामला डिंडोरी कोतवाली में पंजीकृत किया गया है डिंडोरी जिले में विकास के कामों में किस कदर भ्रष्टाचार हावी हैं इसके एक नही बल्कि अनेको मामले सामने हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के लचर कार्यप्रणाली के चलते गुणवत्ताहीन निर्माण और फर्जीवाड़े कर भुगतान कर शासन को क्षति पहुंचाने अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। कुछ ऐसा ही मामला जिला मुख्यालय के नगर परिषद अंतर्गत वार्ड क्रमांक 06 और वार्ड क्रमांक 01 में घटिया तरीके से लाखों रुपए की सीसी सड़क निर्माण करा ठेकेदार को लाखों रुपए का भुगतान किया गया था। जिसकी शिकायत एडवोकेट सम्यक् जैन ने लोकायुक्त के समक्ष करते हुए तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी, उपयंत्री सहित ठेकेदार पर ज़िम्मेदारी तय करवाकर भारतीय दंड सहित व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई किये जाने की मांग किया था, मध्य प्रदेश लोकायुक्त के निर्देश पर आयुक्त नगरीय प्रशासन विभाग ने जिम्मेदारों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश पारित किया है। जिस तारतम्य में वर्तमान सीएमओ नगर परिषद द्वारा कोतवाली थाने में भारतीय दंड सहिता, 1860 की धारा 420, 34 में मामला दर्ज कर विवेचना में लिया है ।
*ये है पूरा मामला*
वार्ड क्रमांक 01 व 06 में बनाई गई घटिया सड़क मामले में एड. सम्यक ने मप्र के लोकायुक्त जस्टिस एनके गुप्ता को सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी दी थी जिस पर संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त ने प्रमुख सचिव,म. प्र. शासन, नगरीय विकास एवं आवास विभाग को निर्देशित कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन लोक आयुक्त कार्यालय को उपलब्ध कराने को कहा था। जिस तारतम्य में संयुक्त संचालक ने जाँच टीम गठित कर जाँच कराई जिसमे पाया की वार्ड न 06 गणेश मंदिर से सुधीर जैन के घर तक सीमेंट सड़क की टॉप लेयर की मोटाई 15 से.मी के स्थान पर 7.0- 7.5 से.मी का पाया गया जबकि माप पुस्तिका पर 15 से.मी का माप दर्ज किया गया है। वही वार्ड 01 में जबलपुर मुख्य मार्ग से इमली कुटी तक सीसी रोड निर्माण कार्य का ठेकेदार द्वारा टॉप लेयर निर्धारित मोटाई 15 से.मी. के स्थान पर 09 से. मी. का कार्य किया गया जबकी माप पुस्तिका में 15 से. मी. का माप दर्ज किया गया है। जिस माप पुस्तिका में माप दर्ज कर प्रथम एवं अंतिम देयक राशि रुपये 7,34,499 का तैयार किया जाकर राशि रुपये 5,75,452 का ठेकेदार को भुगतान किया गया। कार्य स्थल पर निर्माण कार्य में उपयोग की गई सामग्री एवं कार्य निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं पाया गया । जाँच प्रतिवेदन में निविदाकार द्वारा निर्धारित मापदंड एवं मानक के अनुरूप कार्य न किए जाने से एवं उपयंत्री द्वारा कार्य के दौरान निरक्षण में लापरवाही बरतने के कारण कार्य गुणवत्ता पूर्ण नहीं पाए जाने से उक्त आशुतोष सिंह उपयंत्री, एवं तत्कालीन डिंडोरी एवं वर्तमान में पसान में पदस्त शशांक आर्मो मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद डिंडोरी का कृत्य अपने पदीय कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता एवं राज्य शासन के प्रति अधिकारियों की निष्ठा संदिध होने का परिचायक है। अधिकारियों का यह कृत्य मध्य प्रदेश नगरपालिका अधिनियम 1961 की धारा 92 में वर्णित प्रावधान के विपरीत है साथ ही उक्त कृत्य मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम 3 के विपरीत होकर गंभीर कदाचार की श्रेणी में आता है। जिसके लिये मुख्य नगर पालिका अधिकारी व उपयंत्री को उत्तरदायी बताया गया था साथ ही भारतीय दंड सहित की अनुसार मामला पंजीबद्ध करने निर्देशित सीएमओ नगर परिषद डिंडोरी को दिया गया था।
*इनका कहना है*
वर्तमान नगर परिषद सीएमओ द्वारा वार्ड क्रमांक 1 व 6 में सीसी सड़क निर्माण में तत्कालीन सीएमओ, उपयंत्री द्वारा वित्तीय अनियमितता व मापदंड के विपरीत कार्य की लिखित शिकायत की गई थी। प्रारंभिक विवेचना उपरांत तत्कालीन सीएमओ, उपयंत्री व ठेकेदार के ख़िलाफ़ भा.द,स की धारा 420, 34 के अन्तर्गत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। विवेचना में पाये गए तथ्यों के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।
*अनुराग जामदार, कोतवाली थाना प्रभारी*
आयुक्त, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के निर्देशानुसार नगर परिषद डिंडोरी के वार्ड क्रमांक 01 व 06 में सीसी सड़क निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार किए जाने के लिए उत्तरदायी पाये गये तत्कालीन अधिकारी/ कर्मचारी व ठेकेदार के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया गया है। कोतवाली पुलिस ने मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया है।
&एसएस सालवार, मुख्य नगर परिषद अधिकारी*
वार्ड वासियो से प्राप्त शिकायत अनुसार हमने मध्य प्रदेश लोकायुक्त कार्यालय में मामला दर्ज कराया था। सुनवाई पश्चात मामला में उत्तरदायी पाये गये तत्कालीन अधिकारी/ कर्मचारी व ठेकेदार के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है जिसमे विवेचना के बाद विधि संगत आगामी कार्यवाही की जाएगी ।
*सम्यक् जैन ( एडवोकेट व शिकायतकर्ता)*