संचालक के सह पर सेल्समैन 2 बार नोजल दबाकर पेट्रोल पम्पो में करते है मीटर जंप का खेल
*पेट्रोल पंप संचालक ग्राहकों से दिन दहाड़े करवाते हैं लूट, प्रतिदिन हजारों का होता हैं वारा न्यारा, जिम्मेदार हैं मौन*
अनूपपुर
अनूपपुर जिले में एक के बाद एक पेट्रोल पंप खुल रहे हैं देखते देखते जिला मुख्यालय के आस पास दर्जनों पेट्रोल पंप संचालित हो रहे हैं जितने पेट्रोल पंप के ग्राहक नही बढ़ रहे हैं उससे ज्यादा पेट्रोल पंप की संख्या बढ़ रही है। पेट्रोल पंप संचालक करोड़ों की पूंजी लगाकर पेट्रोल पंप खोल तो लेते हैं मगर ग्राहकों की संख्या कम होने के कारण पंप का खर्चा निकालना बड़ी मुश्किल से पूरा हो पा रहा हैं पेट्रोल पंप में करोड़ो लगाकर नाम मात्र की कमाई से पंप संचालक काफी परेशान रहते हैं, कुछ ही सालों में करोड़पति बनने का ख्वाब अधूरा रहने के कारण अब नए-नए हथकंडे अपनाने में लगे रहते की पेट्रोल भरवाने वाले ग्राहकों चूना लगाने का काम करते हैं। पहले तो पेट्रोल डीजल में मिट्टीतेल मिलाने काम होता था उसके बाद मिट्टीतेल का रंग बदल दिया गया व उसकी कीमत डीजल व पेट्रोल के आस पास पहुँचने से मिलावट का काम बंद होने से अब पेट्रोल पंप में मीटर जम्प का खेल होने लगा है।
जिले के लगभग सभी डीजल पेट्रोल पंप पर कहने के लिए तो शुद्ध पेट्रोल सही नाप का ढिंढोरा पीटा जाता है। आम आदमी भी सही तेल, सही नाप की उम्मीद कर गाड़ियों में पेट्रोल,डीजल डलवाने जातें हैं। लेकिन यहां जो लगातार देखने में आता है कि जैसे ही जीरो देखने के लिए कहा जाता है वैसे ही नोजल के ट्रिगर को दो बार दबाया जाता है। पहले शुरू होते ही कट कर फिर दबाया जाता तब तेल जाता है, लेकिन इस आंख-मिचौली खेल में रीडिंग खपत पन्द्रह से बीस रूपए पार कर जातीं हैं । इस संबंध में जब आपत्ति की जाती है तो अपनी चोरी छिपाने के लिए जवाब दिया जाता है कि यह आटोमेटिक पंप है इसके लिए दो बार दबाने पर डीजल, पेट्रोल जाता है।
अब सवाल उठता है कि जब दो बार नोजल दबाने पर तेल निकलता है तो बगैर तेल निकले पन्द्रह ,बीस रूपए खपत की रीडिंग कैसे बढ जाती है। इस संबंध में जानकारों का कहना है कि मीटर जंप कराने का एक ऐसा खेल है जो हर किसी को समझ में नहीं आता। लेकिन आठ घंटे की ड्युटी सेल्स मैन पांच सौ से हजार रूपए की छिपे तौर पर कमाई करते हैं। इसमें कुछ हिस्सा भी तैनात लोगो का हो सकता है। बताया जाता है की मीटर जंप का खेल अधिकतर निजी पेट्रोल पंप में तैनात कर्मचारियों द्वारा किया जाता है जो तीन हजार रुपए महीने में आठ घंटे तेल बेचने की नौकरी करते हैं। अब इस तरह की होने वाली चोरी को रोकने के लिए कड़े कदम विभाग द्वारा उठाए जाने चाहिए ताकि जिस गुणवत्ता एवं सही माप के साथ पेट्रोल पंप खोला गया है उसकी विश्वसनीयता कायम रह सके।