नारू के पास कैसे बन गई करोड़ो की संपत्ति, निर्वाचन शपथपत्र मे छिपाई गई जानकारी
*राजनैतिक संरक्षण प्राप्त नारू अवैध कार्यो का खोल रखा है कारखाना, नही होती कार्यवाही*
अनूपपुर/ जैतहरी
सूत्रों से मिली प्राप्त जानकारी के अनुसार नगर के वार्ड नं 06 के निवासी नारू जो आजादी के समय भूमिहीन शरणार्थी को बसाने के लिये दिये गये शासकीय परमट की भूमि मे कच्चे खप्पर युक्त मकान मे रहने वाला नारू सिंधी को अचानक ऐसा कौन सा अलाउद्दीन का चिराग हाथ लग गया है कि लगभग 15 वर्ष पूर्व सबसे पहले शासकीय जमीन जिसका आराजी खसरा नंबर 743 के अंश भाग को अवैध कब्जा धारी से लाखों रुपए मे खरीद कर नगर परिषद के बिना वैधानिक अनुमति के लगभग कई लाखों का मकान बना लिया है, इसके बाद कई लाख का चार पहिया एवं दो पहिया वाहन खरीदा अपने पुत्र के नाम से खरीदा जिला मुख्यालय के कई लाख की जमीन अपने पुत्र के नाम से खरीदा इसके बाद नगर के वार्ड नं 05 मे अपने पुत्र के नाम से उन्नीस लाख रुपए का सरकारी नजूल की जमीन खरीद कर करोड़ों रुपए खर्च कर नगर परिषद के बिना वैधानिक अनुमति के होटल लाज बनाया है और और कूटरचित तरीके से तैयार किये गये दस्तावेज के आधार पर बिजली विभाग मे रुपयों के दम पर विद्युत कनेक्शन भी प्राप्त कर लिया है, साथ ही नगर परिषद से नल कनेक्शन भी प्राप्त कर लिया है, नारु सिंधी द्वारा अपने पुत्र के अवैध सम्पत्ति की जानकारी नगर परिषद के निर्वाचन 2022-2023 के निर्वाचन फार्म के साथ लगे शपथपत्र भाग -क मे नही दी है जब कि नारु के समग्र आई डी मे उसके पुत्र का नाम भी शामिल हैं, जिसकी शिकायत निर्वाचन आयोग एवं जिला प्रशासन को किया गया जिस पर आज तक प्रशासन एवं निर्वाचन आयोग द्वारा कोई कार्यवाही तो दूर जांच तक नही किया गया है, नारु स्पष्ट बोलता है कि कितना पैसा लगेगा कार्यवाही तो दूर जांच तक नही होने दूंगा रुपयों के आगे नियम कानून कुछ भी नही चलता है, शिकायत करने वाले करतें रहे। सूत्र ये भी बता रहे हैं की राजनैतिक संरक्षण प्राप्त होने के कारण नारू कई तरह के अवैध काम करता है। कई बार इनके घर पर छापा भी पड़ चुका है मगर कार्यवाही नही होती।