हाथियों के आतंक से भयभीत ग्रामीण, हाथियों को भगाने की अब तक नहीं बनी रणनीति
*दो हाथियों का समूह जंगल में जमाया डेरा, ग्रामीणों का रात में घरों में रहना हो रहा दूभर*
अनूपपुर
विगत कई दिनों से दो नर हाथियों का समूह अनूपपुर जिले के अनूपपुर एवं जैतहरी तहसील के जंगलों में दिन में ठहरकर देर रात जंगल से 8-10 किलोमीटर की परधि में बसे ग्रामों में ग्रामीणों के घरों,बांड़ी एवं खेतों में लगी,रखी फसलों को खाकर,फैला कर नष्ट एवं नुकसान कर रहे हैं हाथियों के निरंतर विचरण एवं नुकसान के कारण ग्रामीण जन बुरी तरह भयभीत है निरंतर हाथियों के विचरण एवं ग्रामीणों के विभिन्न तरह के सामग्रियों,संपत्तियो का किए जा रहे नुकसान की जानकारी जिले के साथ प्रदेश स्तर के जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन को होने के बाद भी हाथियों को जिले से बाहर करने तथा जिले की सीमा में हाथियों के प्रवेश को रोकने की अब तक कोई रणनीति नहीं बन सकी है जिस पर पूछे जाने पर कुछ जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी मुआवजा दिए जाने की बात कह कर ग्रामीणों को बहला-फसला देते हैं लेकिन किसी भी तरह की रणनीति अब तक स्थल पर न होने से ग्रामीण हाथियों से द्वंद युद्ध करने को बाध्य हो रहे हैं हाथियों के विचरण दौरान सिर्फ वन विभाग का मैदानी अमला ग्रामीणों की मदद से हाथियों को बीच बस्ती में प्रवेश करने से रोकने का प्रयास पूरी रात करता रहता है। रात दोनों हाथियों का समूह ठेगरहा के जंगल से निकलकर बांका गांव में स्थित दो ग्रामीणों के घरों में बुरी तरह तोड़फोड़ कर घरों में रखे विभिन्न तरह के सामानों को खाता हुआ शुक्रवार की सुबह दुधमनिया बीट के जामुना गढई नामक जंगल में जाकर विश्राम कर रहा है जो देर शाम एवं रात को किस ओर जाएगा यह देर रात होने पर ही पता चल सकेगा।