जंगल में जीआई तार से जंगली जानवरों को मारने के लिए लगाई करेंट से पांच भैंसो की हुए मौत
अमरकंटक
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक पहाड़ों और जंगलो के बीच बसा एक पवित्र तीर्थ मां नर्मदा उद्गम स्थल है । सालाना यहां पर लाखो तीर्थ यात्री , पर्यटक , श्रद्धालु, परिक्रमा वासी पहुंचते है । पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण जंगल खूब है । इन जंगलों में अब कुछेक जानवर ही बचे होंगे। कुछ लोग जंगल और जानवरों को अपना निशाना बनाते रहते है । प्रशासन कठोरता पूर्ण कार्यवाही करने से शायद हिचिकता रहता है, जिस कारण अपराध बढ़ रहा है । इसके कई कारण हो सकते है । इसी बेखौफ कारणवश कुछ अज्ञात लोग जंगल में जंगली जानवरों को करेंट के माध्यम से जीआई तार फैलाकर जानवरो को मौत के घाट उतरना चाहते थे, लेकिन जंगली जानवरों के बजाय चेक डेम में पानी पीने आई पांच भैंस करेंट की चपेट से उनकी उसी स्थल पर ही मौत हो गईं। भैंसो के पास कुछ जीआई तार फैला भी था बांकी तार वहा से गायब था।
वार्ड क्रमांक 06 के निवासी एवम पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष अमरलाल यादव को जब जालेश्वर निवासी तुलसी यादव द्वारा सूचना दी गई तब पता चला की उनकी भैंस वार्ड 01 के आमाखोली चेक डेम पास करेंट लगने से उनकी पांच भैंसो की मौत हो चुकी है । अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लगभग 600 मीटर से ज्यादा दूर तक बिजली के खंभे से जीआई तार द्वारा जंगल में जंगली जानवरों को मारने करेंट फैला कर यह घटना को अंजाम दिया गया । इसी क्षेत्र के आस पास कुछ वर्ष पहले भी करेंट से भालू की भी मौत हुई थी जिसे फॉरेस्ट द्वारा कार्यवाही कर अपराधियों को न्यायालय समक्ष प्रस्तुत किया गया था। वार्ड क्रमांक 06 के पार्षद कान्हा तिवारी ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है और नगर परिषद से सहायता कराने की बात कही है। अमरलाल यादव ने वन परिक्षेत्राधिकारी वन परिक्षेत्र अमरकंटक , थाना अमरकंटक , नगर परिषद अमरकंटक और बिजली विभाग कार्यालय को भी इस घटना की जानकारी पत्राचार्य देकर अवगत कराया तथा अज्ञात व्यक्तियों द्वारा यह कृत्य कार्य पर कठोर कार्यवाही कर मुझ गरीब परिवार की क्षति पूर्ति हेतु प्रशासन द्वारा उचित कार्यवाही कर न्याय दिलाया जाए।
*इनका कहना है*
इस मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
*कलीराम परते निरीक्षक थाना अमरकंटक*
मौका स्थल का मुयायना कर जांच में लिया गया है, उचित कार्यवाही की जावेगी।
*रमेश सिंह पाटले प्रभारी वन क्षेत्र अधिकारी अमरकंटक*