नवोदय के छात्र-छात्राओं ने किया अनुभूति का अनुभव, कलेक्टर व अधिकारियों ने किया वृक्षारोपण
अमरकंटक
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक के शंभुधारा सरोवर के निकट मध्यप्रदेश इको पर्यटन बोर्ड एवं वनविभाग के संयुक्त तत्वाधान में प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी आज 14 जनवरी 2024 को अमरकंटक वन परिक्षेत्र ने शंभूधारा सरोवर के प्राकृतिक स्थल पर नवोदय विद्यालय अमरकंटक के 125 छात्र-छात्राओं को मैं भी बाघ की थीम पर आयोजित अनुभूति कार्यक्रम में सम्मिलित होकर साल सहित अन्य तरह के वनो,वन्यप्राणियों,प्रकृति के संबंध में अनुभव कराते हुए प्रकृति को पहली बार नजदीक से देखा । इस दौरान छात्र-छात्राओं को कार्यक्रम के प्रेरको द्वारा प्रकृति दर्शन हेतु शंभूधारा से लक्ष्मण धारा तक वन भ्रमण कराते हुए वन,वन्यप्राणियों,वनों में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों,औषधि पेड़-पौधों,वन्यजीवो की जानकारी दी । इस दौरान छात्र-छात्राओं ने दिन भर सम्मिलित रह कर कार्यक्रम में प्राप्त किए अनुभवों को लिखित एवं मौखिक रूप से अतिथियों के समक्ष सांझा करते हुए कहा कि हमे पहले कभी ऐसे मनोरम दृश्य एवं वनांचल क्षेत्र में भ्रमण करने का अवसर अव तक प्राप्त नहीं हुआ । इस कार्यक्रम में आने पर विभिन्न तरह की जानकारियां प्राप्त हो सकी है , जिससे हमें महसूस होता है कि प्रकृति की संरचना का संतुलन बनाए रखने के लिए वनों का होना नितांत आवश्यक है । इस अवसर पर शहडोल वृत के मुख्य वन संरक्षक लखन लाल उइके,अनूपपुर कलेक्टर आशीष वशिष्ठ,जिला पंचायत के सीईओ तन्मय वशिष्ठ शर्मा,अनूपपुर डीएफओ एस.के.प्रजापति,पुष्पराजगढ़ एसडीएम राजेश पांडेय,सोहागपुर एसडीएम अरविंद शाह,एसडीओ पुलिस सोनाली गुप्ता,एसडीओ वन प्रदीप कुमार खत्री,नवोदय विद्यालय के प्राचार्य डॉ.एस. के.राय,नवोदय शिक्षक डॉ ऐ.के. शुक्ला,स्वामी मौत्री आनंद,प्रेरक मनीष कुमार धुर्वे,संजय पयासी,शशिधर अग्रवाल,विकास चंदेल,हरिश्चंद्र धुर्वे,देवेंद्र पांडेय,रिचर्ड रेगी राव,पत्रकार श्रवण उपाध्याय के अलावा विद्यालय परिवार के शिक्षकगणो के साथ वन परिक्षेत्र अमरकंटक के वन अधिकारी/कर्मचारी,सुरक्षाश्रमिक सम्मिलित रहे हैं। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा शंभूधारा सरोवर स्थल पर विभिन्न प्रजाति के पौधों का पौधारोपण किया। कार्यक्रम दौरान प्रशिक्षु आईएफएस एवं वन परिक्षेत्र अधिकारी अमरकंटक वीरेंद्र कुमार पटेल ने अनुभूति कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रकृति की संरचना को उज्जवल भविष्य हेतु अपेक्षा सभी से करते हुये आभार व्यक्त किया । छात्रों को शंभूधारा सरोवर के समीप बनाए गए ध्यान केन्दो का भी अवलोकन कराया गया तथा बाराती नाला की चट्टानों के बीच बैठा कर ध्यान कराते हुए बहते पानी,जीव जंतुओं,गिरते पत्तों की आवाज का आभास कराया गया तथा साल बहुल अमरकंटक क्षेत्र जो सतपुड़ा-विंध्याचल-मैकल के पहाड़ों से जुड़े अमरकंटक क्षेत्र के महत्व से अवगत कराया गया एवं प्रकृति के संतुलन बनाए रखने हेतु सभी को शपथ दिलाई गई । छात्र-छात्राओं को साल के वृक्षो के बीच चिपक कर अमृतादेवी बिश्नोई एवं बहुगुणा द्वारा सैकड़ो वर्ष पूर्व वनों में वृक्षों की कटाई के लिए चलाए गए आंदोलन की तरह वृक्षो की रक्षा हेतु वृक्षों से लिपट कर उन्हें न काटने देने की शपथ ली।