हाई कोर्ट ने प्रमुख सचिव, कमिश्नर, कलेक्टर, रेरा समेत 8 लोगो पर लगाया दस दस हजार का जुर्माना
*विवेकानंद नंद स्मार्ट सिटी माहेश्वरी बिल्डर्स पर शासन की भूमि पर बिल्डिंग बनाकर बेचने का आरोप*
अनूपपुर
प्रमुख सचिव राजस्व, कमिश्नर शहडोल, कलेक्टर अनूपपुर, एसडीएम अनूपपुर, तहसीलदार अनूपपुर, मुख्य नगर पालिका अधिकारी अनूपपुर, असिस्टेंट डायरेक्टर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग और रेरा समेत 8 लोगो पर पर लगा दस दस हजार रुपए का जुर्माना, ज्ञात हो कि अनूपपुर के सामाजिक कार्यकर्ता मधुकर चतुर्वेदी द्वारा मप्र उच्च न्यायालय जबलपुर के अधिवक्ता आशुतोष जोशी के माध्यम से नगर अनूपपुर में निर्मित विवेकानंद स्मार्ट सिटी के निर्माण में एमपी शासन की भूमि का अवैध उपयोग किया गया था, बंदोबस्त और शासन की भूमि पर निर्माण करके बेचा जा रहा था जिसकी जांच होने के बाद भी शासन द्वारा माहेश्वरी बिल्डर्स के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं हो रही थी, इस संदर्भ में याचिका की सुनवाई चल रहीं थी जिसमे कई बार समय लेने के बाद भी शासन द्वारा जवाब नहीं दिया जा रहा था, याचिकाकर्ता ने याचिका में रिस्पोंडेंट बनाए गए शासन के सभी पक्ष जो याचिका में क्रमांक एक से आठ तक हैं सभी पर व्यक्तिगत दस दस हजार की कास्ट लगाई है और मामले को 05 फरवरी 2024 को सुनवाई के लिए नियत कर दिया है, एक सप्ताह के अंदर सभी आठ लोगों को राशि रजिस्ट्रार कार्यालय में जमा करने के निर्देश दिए है, उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हड़कंप मच गया है, अब देखना यह है कि प्रशासन माहेश्वरी बिल्डर्स के खिलाफ कार्रवाई करती है या फिर से उसको अभयदान दे देती हैं। माहेश्वरी बिल्डर्स के रसूख के आगे प्रशासन कार्यवाही नही कर रही थी जिससे नाराज समाजसेवी ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर हाई ने प्रशासन की लापरवाही की लापरवाही पर कोर्ट का डंडा चलाया हैं। जिन लोगो ने माहेश्वरी बिल्डर्स से स्मार्ट सिटी में फ्लैट खरीदा हैं उन लोगो का क्या होगा यह आने वाला समय बताएगा। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आशुतोष जोशी ने बताया कि बिल्डर्स के खिलाफ जांच करने के बाद प्रशासन कार्यवाही नहीं कर रहीं थी और भवन की बिक्री यथावत चल रही थी, जांच में जो तथ्य सामने आए उनसे यह प्रतीत हो रहा था कि शासन को हो रहे नुकसान का भरपाई कर पाना कठिन हो जायेगा अगर बिक्री पर तत्काल रोक लग जाता।