विधायक दिलीप जयसवाल बने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार, लोगो ने दी शुभकामनाएं
*पूरे जिले में जश्न का माहौल, मिठाई बांटकर, पटाखा फोड़कर मनाई गई खुशियां राजनीतिक पार्षद से मंत्री तक का सफर*
अनूपपुर
प्रदेश सरकार में जिले को लगातार प्रतिनिधित्व मिला हैं। अनूपपुर जिले के कोतमा से विधायक दिलीप जयसवाल को भोपाल राजभवन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ दिलाई। जयसवाल 2008 में पहली बार चुनाव जीत कर विधायक बने थे। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीति में आए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के करीबी भी माने जाते रहें हैं। इस बार कांग्रेस उम्मीदवार सुनील सराफ को करीब 20 हजार मतों से हराकर विधायक बने हैं। राजनीतिक सफर बिजुरी नपा के वार्ड पार्षद से शुरू हुआ हैं। बिजुरी नगर भाजपा अध्यक्ष एवं संयुक्त मध्यप्रदेश में शहडोल जिले के जिला महामंत्री के बाद अनूपपुर जिले के जिलाध्यक्ष की कमान सम्हाल चुके हैं। शहडोल संभाग की एकमात्र कोतमा विधानसभा सामान्य सीट से भाजपा में टिकट के लिए कई दावेदार थे। 2018 में कांग्रेस के सुनील सराफ से 11429 वोटों से हार गए थे। उन्हें 36,820 वोट मिले थे जो 33 प्रतिशत था।
दिलीप जयसवाल ने 2008 में भाजपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़े और कांग्रेस के मनोज कुमार अग्रवाल पर 1849 वोट से जीत दर्ज कर विधायक बने थे। 2013 के चुनाव में पार्टी ने दिलीप जयसवाल की जगह राजेश सोनी को प्रत्याशी बनाया था। इस चुनाव में भाजपा ने यह सीट गंवा दी। 2018 में एक बार फिर टिकट दिया गया, लेकिन इन्हें करारी हार मिली। 2023 में पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जाता है और कांग्रेस से उम्मीदवार सुनील सर्राफ के खिलाफ उन्हें टिकट दिया। यहां दिलीप जयसवाल ने 20 हजार से अधिक वोट से सुनील सर्राफ को मात दी। दिलीप 2006 से 2010 तक भाजपा जिलाध्यक्ष रहे हैं। 2008 से 2013 तक कोतमा विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। इसके बाद उनका टिकट काट दिया था। संभाग शहड़ोल से मंत्रिमंडल में इनको जगह मिली हैं। जबकि संभाग में पूर्व मंत्री बिसाहू लाल सिंह, पूर्व मंत्री मीना सिंह, जय सिंह मरावी मंत्री बनने की।दौड़ में सबसे आगे थे मगर दिलीप ने सबको पछाड़कर अपनी जगह मंत्रिमंडल में बनाकर एक नया अध्याय जोड़ दिया हैं।