सरपंच, सचिव, उपयंत्री मिलकर रहा रहे हैं लाखों का गोलमाल, जिम्मेदार मौन, कलेक्टर से हुई शिकायत

सरपंच, सचिव, उपयंत्री मिलकर रहा रहे हैं लाखों का गोलमाल, जिम्मेदार मौन, कलेक्टर से हुई शिकायत

*महेंद्र त्रिपाठी के खिलाफ ग्रामीणों ने खोला मोर्चा, नियम विरुद्ध निर्माण कार्य के अनियमिता की हो जांच*


अनूपपुर/जैतहरी

अनूपपुर जिले के ग्राम पंचायत सोन मौहरी के सरपंच, सचिव व उपयंत्री के खिलाफ समस्त ग्रामीणों ने मोर्चा खोलते हुए जिले के कलेक्टर से सोन मौहरी के सचिव महेंद्र त्रिपाठी द्वारा मनमानी तरीके से कराया जा रहे कार्य एवं वित्तीय अनियमितता के  जांच कराने के लिए लिखित शिकायत पत्र सौपा हैं। 

ग्राम पंचायत सोन मौहरी में पीसीसी सड़क कपसू  चौधरी के घर से चिंटू चौधरी के घर तक स्वीकृत है स्वीकृत है किंतु आज दिनांक तक कार्य अधूरा पड़ा है जिसमें आम जनता को आने जाने में असुविधा होती है इस कार्य में नाली का निर्माण कार्य नहीं कराया गया है। आरसीसी पुलिया निर्माण बाबादीन के खेत के पास कराया जा रहा है, जबकि प्राथमिकता गांव के अन्दर सीसी सडक बनाया जाना चाहिए था, किंतु अपने मनमाने तरीके से कार्य कराया जा रहा है जिसे तत्काल बन्द कराया जाए, और गांव के अन्दर सीसी रोड का निर्माण कराया जाए ताकि बरसात के दिनो मे आम जानता को आने जानें में सुविधा हो। ग्राम पंचायत मौहरी में स्थाई सचिव की व्यवस्था किया  जाए ताकि सभी ग्राम वासियों को शासन के द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न प्रकार के हितग्राही मूलक योजनाओ की समय सीमा में सुविधा उपलब्ध हो सके। सचिव सप्ताह में एक बार पंचायत आते हैं और कभी भी पंचायत मुख्यालय में नहीं बैठते हैं जिससे हम सभी को ग्राम पंचायत में कार्य कराने में असुविधा होती है।

जिले मे वैसे तो सभी ग्राम पंचायतों में मनमानी का आलम बना हुआ है। ग्राम पंचायतों में जो काम चल रहे हैं उन कामों को अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है। जिन कामों को पंचायतों को करना चाहिए उन कामों को स्वयं कर रहे हैं। जनपद पंचायत व जिला पंचायत की सांठ गांठ से अधिकांश ठेकेदार ग्राम पंचायतों में नियम विरूद्ध काम कर रहे हैं और बेहद घटिया स्तर का कार्य शासन प्रशासन की सांठ-गांठ से करा रहे है। सरपंच, सचिव,  उपयंत्री, एसडीओ, सीईओ, संबंधित बाबू से सांठगांठ कर ठेकेदार इन्हें कमीशन देकर सरेआम गुणवत्ता को ताक में रखकर काम कर रहे हैं।

ग्राम पंचायत में नियम विरूद्ध कराए जा रहे हैं। इनके द्वारा पांचवा राज्य वित्त आयोग निधि से 7 लाख  59 हजार रुपए की लागत से पुलिया के निर्माण कराया जा रहा है। पंचायत में जितने भी कार्य हो रहे हैं सभी कार्य चोरी के रेत से कराया जा रहा है। इसके अलावा पतला छड़ का उपयोग किया जा रहा है जो निर्माण कार्य में उपयोग के लायक नहीं है जानकारों के अनुसार यहां मनमाने तरीके से सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री, गुणवत्ता को ताक में रखकर कार्य कर रहे हैं कई लाख रूपयों का काम कराया गया है व कराया जा रहा है इस संबंध में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत हुई हैं लेकिन सही तरह से जांच न होने की दशा में सरपंच, सचिव, उपयंत्री के हौसले बुलंद हो गए हैं। निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत सोन मौहरी होने के बाद भी यहां पर सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, उपयंत्री प्रथा हावी है ग्रामीणों ने मांग की है कि इस प्रकार के ठेकेदार को यहां कार्य करना प्रतिबंधित किया जाए और इस ग्राम पंचायत में कराए गए सभी कार्यों के गुणवत्ता की जांच विशेष रूप से की जावे।

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