कलेक्टर साहब हमें भरपेट भोजन दिला दीजिए-बालक छात्रावास चोलना के छात्रों ने लगाई गुहार
*छात्रावास अधीक्षक की हिटलरशाही से छात्र एवं कर्मचारी त्रस्त, अभिभावकों में नाराजगी, कलेक्टर से कार्यवाही की मांग*
अनूपपुर
कलेक्टर साहब हम छात्रों को भरपेट भोजन दिलाए जाने की कृपा करें हॉस्टल अधीक्षक मीनू के आधार पर हमें भरपेट भोजन नहीं दे रहे, यह आवाज छात्रावास चोलना के छात्रों ने उठाए है। जिले के तहसील जैतहरी क्षेत्र अंतर्गत शासकीय आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास चोलना में भर्रेशाही मची हुई है, यहां के हॉस्टल अधीक्षक सतनू राठौर की कार्यशैली से छात्र एवं यहां पदस्थ कर्मचारी त्रस्त हैं। बताया गया है कि 50 सीटर छात्रावास में लगभग 12 से 15 छात्र रहते हैं यहां के छात्रों को मीनू आधार वर्षो से रोटी के दर्शन नहीं हुए है। छात्रों ने निराशाजनक भाव के साथ बताया कि यहां के हॉस्टल अधीक्षक के आदेशानुसार सुबह दाल चावल सब्जी खाने को दिया जाता है, सभी छात्रों को रोटी खाने के लिए कभी नहीं मिलती। उन्होंने बताया कि हम लोग जब रोटी मांगते हैं तो हॉस्टल अधीक्षक द्वारा हमें डराया धमकाया जाता है कि रोटी खाना हो तो अपने घर चले जाओ छात्रों ने दो टूक शब्दों में कहा कि यहां हम लोग कष्ट भरी जिंदगी जी रहे हैं, हॉस्टल अधीक्षक बिना मतलब का हम लोग को डराते धमकाते हैं और भरपेट खाना नहीं मिलता मीनू के आधार में कभी भी भोजन नहीं दिया जाता, किसी भी तरह की कोई खेल सामग्री उपलब्ध नहीं है। रसीली सब्जी पतली दाल और चावल सुबह टाइम मिलता है, शाम को रशीली सब्जी चावल खाकर हम लोग अपना गुजर कर रहे हैं, यहां पदस्थ रसोईया कर्मचारियो ने बताया कि हम लोग रसोई का काम, साफ सफाई, बागवानी,खुदाई से लेकर बाथरूम तक साफ करते हैं। छात्रावास अधीक्षक शतनू राठौर द्वारा हम सभी को प्रताड़ित किया जाता है यहां पदस्थ कर्मचारी प्रदीप कुमार सिंह, मुकुल सिंह मरावी ने कहा कि हम बच्चों की इच्छा अनुसार तो क्या मीनू के आधार पर भी भोजन नहीं दे पाते हॉस्टल अधीक्षक सतनू राठौर की कार्यशैली से जहां छात्र एवं कर्मचारी त्रस्त हैं वहीं इनके हिटलर शाही को लेकर अभिभावकों एवं ग्राम चोलना के लोगों में भारी आक्रोश का माहौल देखा जा रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां सतनू राठौर लगभग 15 वर्षों से पदस्थ हैं शासन के मापदंड के अनुसार बच्चों के साथ खाना नहीं दिया जाता और शासकीय राशि को हड़प लिया जा रहा है। 50 बच्चों की फर्जी हाजिरी लगाकर उनके नाम बिल आहरण किया जाता है, अधीक्षक हॉस्टल छोड़कर लापता हो जाते हैं और आते हैं तो हम लोगों को अनुपस्थित कर हमारे वेतन में कटौती कर देते हैं, छात्रों ने बताया कि छात्रावास अधीक्षक द्वारा हमें डराया धमकाया जाता है कि अगर हमारी शिकायत किसी से करोगे तो छात्रावास से बाहर निकाल देगे, एक सफाई कर्मी यहां विगत कई वर्षों से नियुक्त था उसे हॉस्टल अधीक्षक ने बिना आरोप के यहां से भगा दिया है चर्चा के दौरान सफाई कर्मी जीवन लाल चौधरी ने बताया कि सतनु राठौर के हिटलर शाही के चलते मेरा परिवार आज भुखमरी की कगार में खड़ा है मैं यहां विगत कई वर्षों से साफ सफाई का कार्य कर रहा था बिना मेरी गलती बिना आरोप के मुझे छात्रावास से निकाल दिया गया, इस बात की शिकायत बीईओ, बीआरसी ,जनपद सीईओ , सहायक आयुक्त आदिवासी विकास कार्यालय अनूपपुर से किया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई ,चोलना छात्रावास में निवासरत छात्र, कर्मचारी, छात्रों के अभिभावक ने जिले के कलेक्टर आशीष वशिष्ठ से मांग की है कि शासकीय आदिवासी सीनियर बालक छात्रावास चोलना का औचक निरीक्षण कर दोषी छात्रावास अधीक्षक के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।