विवाद के मामले में हाई कोर्ट ने कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ जारी किया नोटिस
*थाना भलूमाड़ा पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही कटघरे में*
अनूपपुर
जिले के थाना भालूमाडा क्षेत्र के अंतर्गत 17 सितंबर 2023 को बदरा तिराहे में जमुना ओसीएम में राखड़ कंपनी में कार्यरत सुपरवाइजर के पद पर अखिलेश पांडे के द्वारा पहले से रोके गए वाहन के मामले को लेकर शराब के नशे में पहुंचकर बदरा तिराहे में पुलिस कर्मचारियों के साथ हुए वाद विवाद के पश्चात मौके पर मौजूद पुलिस आरक्षक मकसूदन सिंह भालूमाडा के द्वारा दी गई सूचना के पश्चात मौके पर पहुंचे थाना भालूमाडा प्रभारी आर के धारिया मय स्टाफ के साथ प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले सुपरवाइजर अखिलेश पांडे को पड़कर थाना भालूमाडा ले गए जहां पर उनके साथ मारपीट किए जाने के अलावा मनगढ़ंत तरीके से मामला पंजीबद्ध कर उन्हें 18 सितंबर 2023 को मुचलका का जमानत पर छोड़ दिया गया ।इस पूरे मामले से क्षुब्ध होकर पीड़ित ने हाई कोर्ट जबलपुर न्यायालय की शरण में पहुंचा जहां पर जबलपुर हाईकोर्ट के अधिवक्ता अभिषेक कुमार पांडे द्वारा मामले की पैरवी करते हुए न्यायालय के समक्ष थाना भालूमाडा के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर मामले को रखा गया जिसमें थाना प्रभारी भालूमाडा के द्वारा सीसीटीवी फुटेज में यह कहते पाया गया कि पीड़ित के खिलाफ क्यों नहीं वर्दी फाड़ कर और पुरानी चोटों को दिखाकर मामले को बढ़ाया जाए। इस तरह से मामले में कई मनगढ़ंत आरोप पीड़ित पर लगाए जाने का सच सामने आया है। जिसके आधार पर हाई कोर्ट जबलपुर के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल के द्वारा पुलिस महानिदेशक भोपाल ,पुलिस महानिरीक्षक शहडोल जोन, पुलिस अधीक्षक अनूपपुर, थाना प्रभारी भालूमाडा आर धारिया, सहायक उप निरीक्षा के प्रभाकर पटेल, सहायक उप निरीक्षक राम हर्ष पटेल, प्रधान आरक्षक के के तिवारी, आरक्षक स्वदेश चौहान एवं मकसूदन सिंह के विरुद्ध हाई कोर्ट द्वारा नोटिस जारी कर तलब किया गया है। अब देखना यह होगा कि जबलपुर न्यायालय में पुलिस अपना पक्ष किस प्रकार से प्रस्तुत करती है वहीं पूरे मामले में पीड़ित पक्ष ने न्यायालय के समक्ष अपने फरियाद दर्ज करते हुए पुलिस कार्यवाही पर कई तरह के सवाल खड़े किए हैं नोटिस जारी होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है और पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है।