पति की गला घोंटकर हत्या करने वाले आरोपी पत्नी को आजीवन कारावास
अनूपपुर
अपर सत्र न्यायाधीश राजेन्द्रग्राम की न्यायालय ने थाना अमरकंटक के अपराध की धारा 302, 201, 34 भादवि की दोषी 33 वर्षीय प्रतिमा पति मोहित बनावल निवासी ग्राम करौंदाटोला को तीन अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास एवं 3000 रूपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। धारा 302 भादवि में आजीवन कारावास एवं 2000 रूपये अर्थदण्ड एवं धारा 201 भादवि में 05 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1000 रूपये अर्थदण्ड शामिल हैं। 11 नवंबर 2019 को फरियादी संतराम बनावल ने थाना अमरकंटक में मौखिक रिपोर्ट कराया कि 22 अक्टूबर 2019 को 33 वर्षीय छोटा भाई मोहित बनावल घर से बिना बताये कही चला गया हैं, जिसके आधार पर थाना अमरकंटक में गुम इंसान कायम किया गया। 21 नवंबर 2019 को संतराम बनावल ने लिखित में सूचना दिया कि 20 नवंबर 2019 को गांव तथा आसपास के गांव के बुजुर्गों द्वारा मोहित बनावल के घर बैठक में मोहित बनावल की पत्नी प्रतिमा बनावल से पूछताछ की गई तो प्रतिमा बनावल इधर-उधर की बात करने लगी और घर में किसी को घुसने नहीं दे रही थी, जिससे सभी लोगों को शंका हुई तो लोगो ने जबरदस्ती घर घुस कर देखा तो एक किनारे छपाई लिपाई किया हुआ था, वहीं पास खाना बनाने की मिट्टी का चूल्हा था, छपाई वाले स्थान पर लोहे की राड डाल कर देखने पर गीली मिट्टी और बदबू आने लगी, कुछ देर बाद उसी जगह पर मक्खियां भिनभिनाने लगी, जिसकी सूचना पर अमरकंटक पुलिस को दी गई। पुलिस मौका निरिक्षण पश्चात उत्खनन की अनुमति अनुविभागीय अधिकारी पुष्पराजगढ होने पर नायब तहसीलदार के समक्ष उत्खनन उत्खनन कार्यवाही में मिले शव की शिनाख्तगी परिजनों से कराई गई। कार्यवाही उपरांत प्रतिमा बनावल को अभिरक्षा में लेकर पूछताछ किए जाने पर उसने अपने कथन में बताया कि गनाराम ने साथ मिलकर मोहित बनावल को खाने में बेहोशी की दवा मिलाकर खिलाया जिसे बेहोशी की हालत में जीआई तार से हाथ-पैर को बांधकर गले में जीआई तार फंसाकर खींचकर हत्या की गई। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की पैरवी से न्यायालय में आरोपिता के विरूद्ध अपराध प्रमाणित पाए जाने पर सजा सुनाई।