अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने के साथ साथ भव्य राम जानकी वन गमन पद यात्रा पहुंची अमरकंटक
*855 किलो मीटर की पैदल दूरी तय करके श्री राम जानकी वन गमन पद यात्रा पहुंची अमरकंटक*
*वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने उद्गम स्थल पहुंच मां नर्मदा का किया पूजन , उद्गम की आरती में हुई सम्मिलित*
अनूपपुर/अमरकंटक
मां नर्मदा जी की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश के भगवान राम की नगरी अयोध्या से प्रारंभ हुई श्री राम जानकी वन गमन पद यात्रा आज अमरकंटक पहुंची।पद यात्रा करने वाली वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने यहां पहुंच कर माँ नर्मदा के उद्गम स्थल के दर्शन कर पूजन किया।
अयोध्या से अमरकण्टक की दूरी वैसे 566 किलो मीटर है पर राम जानकी पद के दर्शन करने के कारण मार्ग अधिक हो गया।शिप्रा इससे पहले माँ नर्मदा जी की भी पैदल परिक्रमा कर चुकी है। शिप्रा पाठक आज संध्या माँ नर्मदा आरती में भाग लेकर जबलपुर, रामटेक होते हुए हम्पी होकर रामेश्वरम की ओर आगे बढ़ेंगी। एक दिन में शिप्रा पाठक 30 से 40 किमी की पद यात्रा आश्रय के अनुकूल देखते हुए करती है । रुकने खाने की पूछने पर उन्होंने बताया राम जानकी भक्त और भगवान राम जानकी सारे दुर्गम रास्तों को सुगम बना रहे हैं । नर्मदा भक्त शिप्रा ने आज की पूजा अर्चना कर अपनी सकुशल पद यात्रा की कामना की । आपको बताते चलें शिप्रा अपनी इस 4000 किमी की पद यात्रा के माध्यम से भगवान श्री राम जानकी के अध्यात्म के साथ साथ जल संरक्षण की भी अलख जगाती चल रहीं हैं । उन्होंने उद्गम स्थल पर उपस्थित राम भक्तों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमें भगवान राम के समयकाल जैसे वनों को हरा भरा करने की ज़रूरत है । पर्यावरण असंतुलित होने से आए दिन नई नई महामारी का हम लोग सामना नही कर पा रहे। उन्होंने जानकी माता का उदाहरण देते हुए कहा कि नारी शक्ति को जानकी माता के आचरण को आत्मसात करना चाहिए। आपको बताते चलें जहां एक ओर अयोध्या में देश विदेश से राम मंदिर के शुभारंभ को लोग देखने आ रहे हैं वहीं शिप्रा पाठक की राम जानकी वन गमन पद यात्रा को भी चर्चा सोशल मीडिया पर जोरों से चल रही है । भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा होने को है ऐसे में शिप्रा की पद यात्रा को भी लोग रामायण युग के आगमन की तरह से देख रहे हैं।