अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन, मतदान का बहिष्कार डीएफओ की मनमानी व जंगलराज जारी

अधिकारों के लिए विरोध प्रदर्शन, मतदान का बहिष्कार डीएफओ की मनमानी व जंगलराज जारी


अनूपपुर/राजनगर

जहां एक और पूरे देश भर में दीपोत्सव का त्योहार खुशियों के साथ मनाया जा रहा है वही आज भी एक आदिवासी अंचल का डूमर कछार बसाहट अपने बुनियादी सुविधाओं के लिए धरना/प्रदर्शन करने को मजबूर है,11 नवम्बर को डूमरकछार बसाहट के एवं नगर परिषद डूमर कछार क्षेत्र के दर्जन भर से ज्यादा निवासियों ने वर्षों से स्वीकृत सीसी रोड के निर्माण के लिए मौके पर पहुंचकर मतदान का बहिष्कार करने के साथ ही रोड नहीं तो वोट नहीं, हम अपना अधिकार मांगते, नही किसी से भीख मांगते, डीएफओ का गुंडाराज बंद करो, जैसे तख्तों के साथ और नारों के साथ रोड निर्माण की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

नगर परिषद डूमरकछार के वार्ड क्रमांक 01 के बैगान टोला में सड़क की मांग बहुत पुरानी है,निकाय की स्थापना दिसंबर 2020 के बाद ही लगभग 75 लाख रुपए की राशि नगरीय प्रशासन एवं आवास विकास विभाग के द्वारा मार्च 2021 में मुख्यमंत्री अधोसंरचना के तहत डूमरकछार बसाहट को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सीसी रोड हेतु राशि प्राप्त हुई थी, मुख्यमंत्री अधोसंरचना फेज 01 के तहत प्राप्त राशि से आज तक रोड नहीं बन सकी जबकि मुख्यमंत्री अधोसंरचना का फेज- 4 अब प्रारम्भ  होने वाला है। शासन-प्रशासन के नाकामी की ओर यह विकास कार्य इंगित कर रहा और विकाश को ठेंगा दिखा रहा है, इस पूरे मामले में वन विभाग बार-बार रोड़ा बनता है विगत साढ़े तीन वर्षों में अलग- अलग फर्मों के नाम से 3 बार वर्क आर्डर जारी होने के बावजूद किन्ही किन्ही कारणों से कार्य पूर्ण ना हो पाना शासन प्रशासन और फॉरेस्ट विभाग की मनमानी की ओर इशारा करता है, इस मामले में डीएफओ की मनमानी भी जोरों पर है डीएफओ का जंगल राज यहां बदस्तूर जारी है।

*मददादान का करेंगे बहिष्कार*

 मुख्यमंत्री अधोसंरचना अंतगर्त सी.सी.रोड निर्माण का  कार्यादेश जारी होने के उपरांत वन विभाग के द्वारा निर्माण कार्य को रोकने की वजह से स्थानीय निवासी आक्रोशित हैं,मतदान का भी  बहिष्कार किये जाने का इन लोंगो ने मन बना लिया है। कई प्रकार के नारों के साथ निवासियों ने आज धरना प्रदर्शन भी किया है।

*यह है मामला*

मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना अंतर्गत सी.सी.रोड निर्माण वार्ड क्र. 01 हेतु 75 लाख ₹ की स्वीकृति शासन स्तर से मार्च 2021 में प्राप्त हुई थी, जिसके निर्माण हेतु दो बार पहले कार्यदेश जारी हुआ पर किन्हीं ना किन्हीं कारणों से कार्य प्रारम्भ नही हो सका, तीसरी बार निविदा उपरांत ठेकेदार को 28.03.2023 को कार्यादेश जारी किया जा चुका है,पर डीएफओ की मनमानी से आज तक कार्य प्रारम्भ नही हो सका है।

*राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों के साथ सौतेला व्यवहार*

परिषद के वार्ड क्रमांक 01 के डूमरकछार बसाहट में पूर्णतया आदिवासी समाज के लोग निवास करते हैं,राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले बैगा जाति की जनसंख्या ज्यादा है,साथ ही पाव जाति के लोग बहुतायत मात्रा में यंहा निवास करते हैं,आदिवासी समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उक्त सड़क का निर्माण कराया जाना नितांत आवश्यक है,फिर भी अधिकारियों की मनमानी जोरों पर है।

*पूर्व में दिए गए भू अधिकार से क्यों मुकर रहा वन विभाग*

उक्त मार्ग के निर्माण बावत् पूर्व में ग्राम पंचायत कार्यकाल में वर्ष 2009 में भारत सरकार के जनजाति कार्य मंत्रालय (अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) नियम 2008 के नियम 8 (6 ज) के तहत (सामुदायिक वन अधिकारों के लिए हक) जिले के कलेक्टर,वनमंडलाधिकारी एवं सहायक आयुक्त (आदिवासी विकास अनूपपुर) के द्वारा संयुक्त रूप से हस्ताक्षर कर प्रदाय किया गया था। नगरीय निकाय गठित होने के उपरांत पंचायत काल में निर्मित रोड को अपग्रेड करते हुए सीसी रोड का निर्माण जनहित में कराया जा रहा,ऐसी स्थिति में वन विभाग के द्वारा निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न किया जा रहा है,जिसका परिणाम कि निर्माण कार्य आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो सका है।

*पट्टा है फिर भी परिवेश पोर्टल का हवाला*

 जब पूर्व में ग्राम पंचायत को उक्त भूमि (हक) प्रदाय कर दी गई है,अब वर्तमान समय में नगरीय निकाय का गठन हो चुका है तो क्या ऐसी स्थिति में निकाय के अधिकार क्षेत्र की यह भूमि नही है? जिस भूमि का हक स्थानीय निकाय को पूर्व में ही प्राप्त हो चुका है उसे प्राप्त करने के लिए फिर से वन मण्डलाधिकारी के द्वारा आवेदन की प्रक्रिया में उलझाया जाना कहां तक न्याय संगत है? 

*सवाल यह भी उठता है*

 जिला प्रशासन एवं वन विभाग के दबाव में  परिषद के द्वारा परिवेश पोर्टल 2.0 में 10 सितंबर 2023 को निकाय के द्वारा आवेदन किया जा चुका है,जबकि यह आवश्यक भी नही था,इतना ही नहीं आवेदन किये हुए आज 2 माह से ज्यादा समय बीत जाने के उपरांत भी वन विभाग के द्वारा स्वीकृति प्रदाय ना किया जाना इस बात की ओर इंगित करता है कि वन विभाग विकास कार्य में निरंतर बाधा उत्पन्न कर रहा है।

*स्थानीय निवासियों ने अध्यक्ष को लिखा पत्र*

वन विभाग के द्वारा कार्य को रोके जाने के बाद नागरिकों ने विगत दो माह में नगर परिषद डूमर कछार के अध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार चौरसिया को पत्र लिखकर मांग की है कि सड़क का कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ कराया जाए यदि कार्य प्रारंभ नहीं किया जाता है तो हम मतदान का बहिष्कार भी करेंगे ऐसा निवासियों ने पत्र में जिक्र किया है।

*अध्यक्ष ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र*

 स्थानी निवासियों के द्वारा समय-समय पर अध्यक्ष के नाम पर संबोधित पत्र का हवाला देते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी अनूपपुर एवं मुख्य निर्वाचन अधिकारी निर्वाचन आयोग निर्वाचन सदन भोपाल को  पत्राचार कर जनहित में सड़क का निर्माण कराये जाने का आग्रह किया है,श्री चौरसिया ने स्थानीय निवासियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए पत्र के माध्यम से मांग किया है कि जनहित में यदि यह कार्य अतिशीघ्र प्रारंभ नहीं कराया जाता है तो प्रभावित जनता/मतदाताओं के द्वारा मतदान का बहिष्कार भी किया जाएगा,जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी निर्वाचन अधिकारियों एवं निर्वाचन आयोग की होगी।

इनका कहना है:-

लगभग 4 वर्षों से इस सड़क का निर्माण कार्य राशि स्वीकृत होने के बावजूद भी नहीं हो सका है मेरे लगभग 1 वर्ष के कार्यकाल में दो बार संबंध में निविदा जारी किया जा चुका है, डीएफओ की हिटलरशाही के कारण यह काम आज दिनांक तक प्रारंभ नहीं हो सकता है,आज स्थानीय निवासियों ने धरना प्रदर्शन करते हुए रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा लगाते हुए मौके पर प्रदर्शन कर रहे थे, तब मैं और मेरे साथ मेरे कई पार्षद साथीयों ने जाकर मौके पर प्रदर्शनकारियों को समझाया कि हमसब शासन प्रशासन/निर्वाचन आयोग  से लगातार पत्राचार कर रहे हैं,मतदान आप अवश्य कीजिए कार्य जल्द से जल्द प्रारंभ कराए जाने की पूरी कोशिश की जा रही है।

*डॉ. सुनील कुमार चौरसिया, अध्यक्ष नगर परिषद डूमरकछार*

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