विद्यालय व आंगनबाड़ी के छात्र छात्रा गंदा व दूषित पानी पीने को मजबूर, जिम्मेदार मौन

विद्यालय व आंगनबाड़ी के छात्र छात्रा गंदा व दूषित पानी पीने को मजबूर, जिम्मेदार मौन


अनूपपुर/राजेन्द्रग्राम

पुष्पराजगढ़ जनपद के अन्तर्गत संचालित माध्यमिक एवं प्राथमिक विद्यालय परसेलकला में 153 छात्र अध्ययनरत है, जो विद्यालय जो हेंड पंप लगा है उसमें से गंदा व दूषित पानी निकल रहा है। वही दूषित पानी पीने को छात्र छात्रा मजबूरहैं। प्रधानाध्यापक ने लिखित में विभाग को शिकायत भी की है, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ है। शासन ने विद्यालयों को हर सुविधा तो उपलब्ध करा दिया लेकिन मूलभूत समस्याओं पर जिम्मेदार ध्यान केंद्रित करना मुनासिब नहीं समझते हैं। जो बच्चे दूषित और बदबूदार पानी पीने को मजबूर हैं। प्यास बुझाने के लिए बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल सडक पार करके स्कूल से बाहर बस्ती में लगी हैण्ड पम्प से बोतल एवं बाल्टी में पानी भरकर लाते हैं, और अपना प्यास बुझाते है। जिम्मेदारों की घोर लापरवाही के कारण विद्यार्थियों के सेहत से खिलवाड़ हो रहा है। वहीं आंगनबाडी में 45 बच्चे है जो दूषित पानी पीने के लिए मजबूर होते है। परसेलकला में माध्यमिक व प्राथमिक विद्यालय दोनों संचालित है। इस विद्यालय के बच्चे अपनी प्यास बुझाने के लिए अपने घरों से बोतल में पानी लाते हैं। जब पानी खत्म होने पर बाहर से पानी लाना पड़ता हैं। जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि पानी की समस्या को लेकर विभागीय अधिकारियों को अवगत करा दिया था। लिखित में भी शिकायत दी गई थी। लेकिन विभाग द्गारा कोई हल नहीं किया गया है। अब सवाल यह उठता है कि पढने वाले बच्चे अपने प्यास बुझाने के  लिए सडक पार करके बस्ती में लगी हेण्ड पंप से बाल्टी से पानी लाकर अपना प्यास बुझा रहे है। जबकि सरकार ने सारी सुविधा संस्था में ही उपलब्ध है । लेकिन शासन प्रशासन की मंशा पर सवाल उठ रहा है कि शिकायत के बावजूद भी जिम्मेदार दार मौन है। 

*इनका कहना है*

अभी गाडी जाएगी तो हेण्ड पंप सुधार देंगे। 

*उपयंत्री नीलिमा सिंह लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी बिभाग पुष्पराजगढ़*

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