एसडीएम व तहसीलदार की लापरवाही से पटवारी की हुई हत्या के विरोध मे पटवारी संघ ने सौपा ज्ञापन
*मांग पर जल्द कार्यवाही नही हुई तो पटवारी संघ आंदोलन करने करने के लिए होगा बाध्य*
अनूपपुर
अनूपपुर जिला पटवारी संघ ने राज्यपाल मध्यप्रदेश के नाम कलेक्टर अनूपपुर को प्रसन्न सिंह पिता महेन्द्र प्रताप सिंह की निर्मम हत्या की जांच उच्च न्यायालय के न्यायधीश से कराये जाने, मृतक प. वारी को शहीद का दर्जा दिये जाने, मृतक पटवारी के परिवार को शहीद को मिलने वाली सभी सुविधाए प्रदान किये जाने एव रेत माफिया ट्रेक्टर मालिक की सम्पत्ति अन्य अपराधियो की भांति नष्ट किये जाने के सबंध मे ज्ञापन सौपा हैं।
ज्ञापन में लेख किया है कि पटवारी हल्का-खड्डा तहसील- ब्यौहारी जिला-शहडोल (म.प्र) में पदस्थ रहे है 25 नवंबर 2023 की रात्रि 11.00 बजे अनुविभागीय अधिकारी ब्यौहारी जिला शहडोल नरेन्द्र सिंह धुर्वे व तहसीलदार ब्यौहारी द्वारा अन्य तीन पटवारी कल्याण सिंह, विरेश पाठक व कामतानाथ मिश्रा को तहसीलदार को आवंटित शासकीय वाहन बोलेरो से गोपालपुर रेत के अवैध उत्खनन हेतु रोकने तथा निगरानी के लिये स्वयं न जाकर बगैर किसी पुलिस सुरक्षा के भेजा गया। इस प्रकार अनुविभागीय अधिकारी एव तहसीलदार ब्यौहारी द्वारा चार पटवारियो की जान जोखिम में डालकर अपने पदीय कर्तव्यो का निर्वहन उचित तरीके से नही किया गया। पटवारियो की सुरक्षा में अत्यंत लापरवाही बरती गई है। जिसका परिणाम यह हुआ कि चारो पटवारी के पहुचते ही रेत माफिया द्वारा संगठित एव सुनियोजित तरीके से पटवारियो पर हमला किया गया रेत माफिया द्वारा गोपालपुर स्थित अवैध उत्खनन स्थल पर रात्रि 11.50 पर पटवारी प्रसन्न सिंह के ऊपर ट्रेक्टर चढ़ा कर निर्मम हत्या कर दी गई है यह कि उक्त घटना से म.प्र. का सम्पूर्ण पटवारी दुखी एव आहत है। अपने पटवारी साथी की निर्मम हत्या के विरोध में म.प्र. पटवारी संघ जिला इकाई अनूपपुर निम्नलिखित कार्यवाही की मांग करता है।
सम्पूर्ण घटना क्रम की जांच उच्च न्यायालय के न्यायधीश से करायी जाकर दोषी अधिकारियो कर्मचारियो के विरुद्ध अपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए कार्यवाही की जाये। दिवंगत पटवारी प्रसन्न सिंह को शहीद का दर्जा दिया जावे तथा 1 करोड रुपये की आर्थिक सहायता राशि व दिवंगत पटवारी के परिवार के किसी 1 व्यक्ति को शासकीय नौकरी व शहीद के परिवार को मिलने वाली सारी सुविधाए प्रदान की जावे। रेत माफिया ट्रेक्टर मालिक के सम्पत्ति को अन्य अपराधियो की भांति नष्ट किया जावे। अन्यथा की स्थिति में मध्यप्रदेश का सम्पूर्ण पटवारी आंदोलन के लिए बाध्य होगा। जिसकी सम्पूर्ण जावबदारी शासन प्रशासन होगी।