हाथी के दस्तक से मचा हड़कंप, 2 मकानो को तोड़ा, फ़सल किया नुकसान, ग्रामीणों ने गांव से बाहर खदेड़ा

हाथी के दस्तक से मचा हड़कंप, 2 मकानो को तोड़ा, फ़सल किया नुकसान, ग्रामीणों ने गांव से बाहर खदेड़ा


अनूपपुर

अनूपपुर जिले की कोतमा एवं जैतहरी वन परिक्षेत्र में टांकी एवं अमगवां के जंगल में विगत दिनों मरवाही रेंज से विचरण करते आए दो-दो हाथी विगत रात भर चलने चरने लोगों के खेतों में लगी धान की फसलों को आहार बनाते जैतहरी के कुसमहाई गांव में दो घरों जिसमें महुआ रखा था को तोड़फोड़ कर नुकसान पहुंचाने बाद जंगल में जाकर विश्राम कर रहे हैं हाथियों के समूह के निरंतर विचरण करने पर ग्रामीण जन दहशत स्थिति में जीने को मजबूर हो रहे हैं वहीं रात रात भर जाग कर अपने घरों,मोहल्ला एवं गांव को बचाने के लिए हाथियों को भगाने का प्रयास कर रहे हैं,वन विभाग का अमला हाथियों के विचरण पर निरंतर निगरानी रखते हुए ग्रामीणों को हाथियों के साथ किसी भी तरह की छेड़खानी न करने,हाथियों के नजदीक न जाने गांव से बाहर एवं जंगल के किनारे बने घरों में रहने वाले ग्रामीणों को हाथियों के विचारण की सूचना मिलने पर बीच गांव में आकर सुरक्षित रहने की सलाह दे रहे हैं हाथियों का समूह शाम एवं रात होने पर किस ओर रुख करेगा यह देर शाम होने पर ही पता चल सकेगा वन विभाग के कर्मचारी लोगों को सतर्क कर रहे हैं, वर्तमान समय तक स्थिति सामान्य एवं नियंत्रण में है। दो हाथी समूह कोतमा रेंज के टांकी बीट अंतर्गत टांकी गांव में पडरी के पास वर्तमान सरपंच ललन सिंह के खेत में लगी धान को अपना जंगल से निकलकर आहार बना रहे हैं तथा दो हाथियों को समूह जैतहरी रेंज के धनगवां बीट के जंगल में पूरे दिन आराम करने बाद देर शाम एवं वर्तमान समय तक रोहिलाकछार गांव से होकर क्योटार गांव के खेल मैदान के पास पहुंचकर विचरण कर रहे हैं।

तीन हाथियों का समूह महुदा ग्राम में पहुंचकर सुबह होने तक निरंतर चहलकदमी करते रहा। हाथियों के आने की सूचना मिलते ही सोन मौहरी में ग्रामीणों में दहशत उत्पन्न हो गई और आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठी होने लगी। खेत में धान खा रहे हाथियों में से सबसे बड़ा हाथी भीड़ देखकर भड़क गया और ग्रामीणों को अचानक दौडाने लगा, जिससे अपनी अपनी जान बचाने के लिए ग्रामीणों में भगदड़ मच गई और सभी इधर - उधर भाग कर अपनी जान बचा सके। महुदा मौहरी रेलवे लाइन के किनारे किनारे लगभग 500 मीटर चलने बाद सेन्दुरी के तालाब पहुंचकर नहाने के बाद, खेत में लगी धान को खाते हुए, मौहरी और सेन्दुरी के मध्य चार रेलवे लाइन को पार करते हुए सेन्दुरी के बीच पीछे खेत में लगी धान को खाकर जंगल पहुंचकर सड़क पार कर  जंगल मे छिप गए। दो तालाबों में घुसकर नहाते हुए महुदा मौहरी सेन्दुरी  मुख्य मार्ग को समीप से पार करते हुए जंगल के पीछे से सेन्दुरी गांव से होते हुए छुल्हा क्यौटार के जंगल में गए।  वहां पहुंचकर दो हाथियों का समूह क्यौटार पौनी के पहाड़ चढ़कर ग्राम महुदा होते हुए मौहरी पहुचा। ग्राम सोन मौहरी, सेन्दुरी के लोग बड़ी संख्या में एकजुट होकर अपने फसलो को बचाने के लिए हांथियों को भगाने का जतन करते हुए उन्हें गांव से बाहर खदेड़ने में कुछ हद तक सफल भी हुए। वन विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों को हाथियों से सावधान रहने की हिदायत दी। हाथियों के आने के बाद से ग्रामीणों में भय व्याप्त है कि कहीं रात में हांथी वापस न आ जाएं।

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