सचिव, सरपंच का काला जादू, भ्रष्टाचार की लंबी कहानी, घटिया सामग्री से करा रहे निर्माण
*शिकायत के बाद भी नही हुई जांच कार्यवाही, भ्रष्टाचारियों के हौसले बुलन्द*
अनूपपुर
जिला मुख्यालय अनूपपुर के समीप कार्यालय कलेक्टर एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के कार्यालय से महज 2 किमी की दूरी पर स्थित ग्राम पंचायत बरबसपुर में पदस्थ सचिव राकेश सिंह ,एवं सरपंच बिसाहू लाल रौतेल के द्वारा ताल में ताल मिलाकर मिलीभगत करते हुए जिस प्रकार से शासन के दिशा निर्देशों का पालन न करते हुए सरकारी राशि का बंदरबांट करने के जुगाड़ में निर्भीक होकर भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है। जिसकी शिकायत ग्रामवासियों ,पीड़ितों,के साथ ग्राम पंचायत एवं जनपद के जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार किये जाने के बाद भी मौका निरीक्षण, जांच, कार्यवाही नही की जा रही उसे देखने के बाद ऐसा प्रतीत होता है कि जो जिले के जिम्मेदार अधिकारी केवल एक्शन दिखाने के लिए पदस्थ हैं जो आम जनता को भ्रमित कर रहे हैं, इनके एक्शन का भ्रष्टाचारियों पर कोई रेक्सिएशन देखने को नही मिल रहा और जनता की नजरों के सामने भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार बदनाम होते दिख रही है।
पूरे मामले को लेकर बात करें तो ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिव राकेश सिंह जनपद जैतहरी ही नही बल्कि जिले भर के सचिवों में बड़े चग्गढ़ सेक्रेटरी मांने जाते है तो वहीं सरपंच बिसाहूलाल रौतेल किसी बड़े राजनेता से कम नही कारण की विधायक बनकर मंत्रालय में बैठने के 3 पंचवर्षीय पूर्व की लगातार उम्मीद पूरी तो नही हुई परन्तु ग्राम पंचायत में बैठने का अवसर आम जनता के गलतियों की वजह से मिल ही गया है।
उसी गलती की भरपाई किए जाने हेतु सरपंच विशाहू लाल रोतेल के द्वारा विधानसभा चुनाव के दरमियान खर्च किए गए राशि की वसूली का कोरम पूरा ग्राम पंचायत बरबसपुर से करने में उतारू है । उन्हें शासन के दिशा निर्देश एवं गाइडलाइन से कोई लेना देना नहीं एक सूत्रीय कार्यक्रम यह है कि पूर्व में जितना विधानसभा चुनाव के दरमियान खर्च आया है उसकी भरपाई 5 वर्ष में ग्राम पंचायत बरबसपुर सरपंच के कार्यकाल के दौरान कर लिया जाना चाहिए।
जीआई नुमा तार एवं रेत में मिट्टी सीमेंट की मदद से बना रहे बाउंड्री वाल
कलेक्टर कार्यालय से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर शासन के राशि का दुरुपयोग करते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव के द्वारा माध्यमिक विद्यालय के बाउंड्री बाल निर्माण में भारी भ्रष्टाचार एवं अनियमित किया जा रहा है । बता दें कि सरपंच विशाहू लाल रौतेल के द्वारा उक्त निर्माण कार्य के दौरान छड़ की जगह जीआई नुमातार की मदद से रेत में मिट्टी एवं सीमेंट मिलाकर निर्माण कराया जा रहा है। इतना ही नहीं उक्त निर्माण कार्य में लगाये जा रहे ईंट कि अगर बात करें तो उन ईंटों को अगर हाथ में रखकर मसल दिया जाए तो ईंट के टुकड़े नहीं बल्कि रेत के चूड़े बन कर रह जाएंगे। जिसका निरीक्षण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अनूपपुर में पदस्थ आईएएस ऑफिसर तन्मय वशिष्ठ के द्वारा बहुत दूर न होने की वजह से स्वयं पहुंचकर निरीक्षण किया जा सकता है कि उक्त बाउंड्री वॉल का निर्माण कितने मजबूती के साथ कराया जा रहा है।
शासन के दिशा निर्देशों का नहीं कर रहे पालन
सरपंच सचिव बरबसपुर के द्वारा शासन के दिशा निर्देशों को दरकिनार करते हुए मनमानी तरीके से कार्य करने में उतारू है, इनके द्वारा निर्माण कार्य के दौरान लगाये जा रहे सामग्री का टेंडर एवं निविदा प्रकाशन नहीं किया गया है जबकि मध्य प्रदेश शासन द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक 20000 से ऊपर की सामग्री क्रय किए जाने हेतु बकायदें निविदा प्रकाशन कर टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाना आवश्यक माना गया है ।लेकिन उन नियम कानून को ठेका दिखाते हुए सरपंच विशाहू लाल रौथेल एवं सचिव राकेश सिंह के द्वारा अपने स्वयं के संस्थान से सामान उठाकर निर्माण कार्य कराया जा रहा है किसी भी प्रकार का टेंडर एवं निविदा का आमंत्रण नहीं किया गया जो जांच का विषय है।
जनप्रतिनिधियों को कर रहे दरकिनार
भारत देश के कानून कि अगर बात करें तो जिस प्रकार से लोकसभा एवं विधानसभा का एक अलग महत्व है, उससे कम ग्राम सभा का महत्व नहीं माना गया है । विधानसभा एवं लोकसभा में सत्र के दौरान सभी सदस्यों को अनिवार्य रूप से जिस प्रकार प्राथमिकता दी जाती है इस तरह ग्राम सभा के दौरान ग्राम पंचायत को है की वह ग्राम पंचायत के समस्त जनप्रतिनिधियों को सम्मान पूर्वक बुलाते हुए उनके द्वारा दिए गए राय एवं सलाह को सुनकर कार्य करें लेकिन ग्राम पंचायत बरबसपुर के सरपंच एवं सचिव के द्वारा ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि ही नहीं बल्कि जनपद तक के जन प्रतिनिधियों को दरकिनार कर काम किया जा रहा है । इनके द्वारा जनप्रतिनिधियों की लगातार उपेक्षा की जा रही। पूरे मामले का जिम्मेदार ग्राम पंचायत का सचिव होता है मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बार-बार प्रत्येक भाषण के दौरान यह कहते देखे जा रहे की किसी भी अधिकारी कर्मचारी के द्वारा जनप्रतिनिधियों का अपमान किया जाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । लेकिन यहां पदस्थ सचिव राकेश सिंह के द्वारा लगातार ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों के सम्मान की बात तो दूर अपमान का मेड बांध चुका है।
जनपद सदस्य ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी से क्यों शिकायत
ग्राम पंचायत बरबसपुर के पंचायत सचिव राकेश सिंह अपने कार्य के प्रति घोर लापरवाही कार्यों को पूर्ण न करना, शासकीय धन का दुरुपयोग, खराब मटेरियल के उपयोग को बढावा, पंचो और आम नागरिको को सहयोग न करना ऐसे लापरवाह शासकीय कर्मचारी पर आवश्यक कार्यवाही के संबन्ध में जनपद सदस्य के द्वारा शिकायत करते हुए अवगत कराया गया है कि ग्राम पंचायत बरबसपुर के सचिव राकेश सिंह द्वारा पंचायत के किसी भी कार्य को सही ढंग से संपादित नहीं किया जाता है। पंचायत की मासिक मीटिंग भी नहीं ली जाती है। नई पंचायत के गठन से अभी तक सिर्फ दो या तीन मीटिंग ली गई है। जबकि पंचायत गठन के एक साल हो रहे है। पंचायत के किसी भी कार्यक्रम मे पंचो को कोई सूचना नही देते नही बुलाते है। पंचायत सचिव राकेश सिंह किसी भी कार्य के लिए जब कोई पंच उनसे संपर्क करता है तो बहानेबाजी करके अपना पल्ला झाड़ लेते हैं ।
इन्होंने समस्त पंचों के समक्ष यह कहा कि निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत नहीं है केवल सरपंच है वही काम करेगा। मैं वहां नहीं जाऊंगा। ना कोई पंच जाएगा । ना रोजगार सहायक ही जायेगा ।
पंचायत में कहीं कभी कोई कार्य होता है तो वहां पर जाकर किसी प्रकार की मॉनिटरिंग नहीं करते है। कार्य के प्रति लापरवाह है।
*निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार*
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इनके समय में कई निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के स्पष्ट साक्ष्य मिलते हैं ।वार्ड नंबर 1 टिकरी टोला में सीसी रोड का निर्माण अभी तक पूर्ण नहीं हुआ और ना उसे कराने की कोई संभावना दिखती है। मस्टर रोल में भी गड़बड़ी की जाती है । सामुदायिक भवन भोलगढ़ का निर्माण कार्य अधूरा है। वृक्षारोपण के कार्यों में भी घोर अनियमितता की गई है । किसी भी निर्माण कार्य को यह कभी भी देखरेख नहीं करते चाहे निर्माण किसी भी प्रकार का हो रहा हो । लीच पिट अधूरे पड़े हैं आवश्यक सामग्री की फीलिंग तक नहीं की गई है| मनमानी करते हुए अपनी मर्जी के काम पंचायत में करना चाहते हैं।
*गुणवत्ता दरकिनार*
पंचायत के सभी कार्यों में स्तरहीन मटेरियल का उपयोग किया जाता है | मटेरियल सप्लायर एक ही फर्म का उपयोग किया जाता जो भी जांच का एक विषय है | सामुदायिक शौचालय सीतापुर और सौरहा टोला के निर्माण भी अधूरे हैं इनके द्वारा सिर्फ बिल वाउचर और पैसे बनाने में ही रुचि रहती है। ग्राम पंचायत के पंचों को आय व्यय और बैंक खाते की जानकारी बार बार मांगने पर भी नहीं दी जा रही है । जो पंचायत अधिनियम के अंतर्गत पूर्ण रूप से गलत है इस प्रकार घोर लापरवाही एवं व्यवहार के प्रति पंचायत सचिव राकेश सिंह के कार्यकाल के समस्त कार्यों जांच की जाए। और हम पंचो और ग्रामवासियों के हितों की रक्षा की जाय और अनुशासनात्मक और वैधानिक कार्यवाही की जाए।
*सचिव पर रिश्वतखोरी का लग चुका है आरोप*
बता दे की ग्राम पंचायत बरबसपुर में पदस्थ सचिव राकेश सिंह के ऊपर ग्राम पंचायत का ही निवासरत व्यक्ति के द्वारा खुले आम आरोप लगाते हुए कहां जा रहा है कि, सचिव राकेश सिंह के द्वारा कपिलधारा निर्माण कराए जाने हेतु मेरे से 5000 की राशि ले ली गई थी जो आज दिनांक तक ना ही मेरे यंहा कपिल धारा का निर्माण कार्य कराया गया और ना ही मेरा पैसा वापस किया गया उपरोक्त आवेदक ने भी जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए सचिव राकेश सिंह के खिलाफ मामले की जांच करा कर कड़ी कार्यवाही किए जाने हेतु मांग किया गया है।
*जांच कार्यवाही की उठी मांग*
ग्राम पंचायत बरबसपुर जो जिला मुख्यालय अनूपपुर से महज 2 किलोमीटर की दूरी पर है वहां व्यापक पैमाने पर हो रहे भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही किए जाने हेतु ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों एवं ग्राम वासियों के द्वारा कलेक्टर आशीष वशिष्ठ, मुख्य कार्यपालन अधिकारी तन्मय वशिष्ठ शर्मा सहित जिम्मेदार अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई गई है। कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर कर दोषी सरपंच एवं सचिव के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही करते हुए शासन द्वारा बनाए गए दिशा निर्देशों को दरकिनार किए जाने को लेकर कार्यवाही सुनिश्चित कर आम जन को न्याय दिलाने की मदद करें। नहीं आगामी विधानसभा चुनाव के दरमियान ग्राम पंचायत की जनता के द्वारा भारतीय जनता पार्टी की सरकार एवं उनके जिम्मेदार अधिकारियों की निगरानी में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा फैसला लिया जावेगा।