आदेश बना दिखावा, आवारा जानवरो से छुटकारा दिलाने में नाकाम हो रही हैं जिला प्रशासन?
अनूपपुर
अनूपपुर जिला मुख्यालय समेत कोतमा, बिजुरी, राजनगर, जमुना, भालूमाड़ा, चचाई, अमरकंटक, राजेन्द्रग्राम व जैतहरी समेत ग्राम पंचायतों में आवारा गौवंश सड़को पर धमाचौकड़ी मची रहती हैं सड़को पर आवारा जानकारों के कारण लगातार दुर्घटना घठित होती हैं जिससे लोगो की जान चली जाती हैं। इसके अलावा बड़े वाहन से टकराने के कारण गौवंश भी काल के मुंह मे समा जाते है। कई वर्षो से यही चला आ रहा हैं जिले में जितने भी गौशाला हैं जिसमे जिले के आवारा जानवरो की रखने की पर्याप्त व्यवस्था नही हैं। जिले में कई वर्षो से केवल प्रशासन के द्वारा केवल खानापूर्ति के लिए आदेश भर करती हैं कि जानवरो को सड़कों पर आवारा छोड़ने पर पशु मालिकों के ऊपर जुर्माना लगाकर कब कार्यवाही की जाएगी, कब जुर्माना किया जाएगा। प्रशासन ही बता सकती हैं, कार्यवाही न होने से पशु मालिक निडर होकर पशुओं को सड़कों पर छोड़ देते है और प्रशासन का आदेश केवल यह कागजी कार्यवाही तक ही सीमित रह गया हैं दिखावे के लिए नगरपालिकाओ द्वारा एक दिन कार्यवाही करके अपना कोरम पूरा कर लेती हैं दूसरे दिन से फिर सड़को की स्थित वही हो जाती हैं। जिला मुख्यालय में कलेक्टर कार्यालय, कलेक्टर निवास, एसपी निवास, जिला पंचायत कार्यालय के सामने सैकड़ो आवारा पशु सड़को को पूरी तरह जाम किये रहते हैं जब जिले के आला अधिकारियों के बंगले और कार्यालय के सामने का यह हाल है तो पूरे जिले में क्या हाल होगा। जिला मुख्यालय के हर वार्डो समेत कोतमा रोड जैतहरी रोड, अमरकंटक रोड व चचाई रोड में सैकड़ो की संख्या में आवारा जानवर सड़को को जाम किये रहते हैं।आखिर जिला प्रशासन केवल आदेश ही करती रहेगी या सड़को से आवारा जानवरो को हटाकर पशु मालिको के ऊपर जुर्माना करके लोगो को आवारा पशुओं से निजात दिलाएगी।
*ये हैं आदेश*
राजमार्गों एवं नगर पालिका क्षेत्रों मे विचरण करने वाले आवारा (निराश्रित) गौवंशों को गौशालाओं में प्रतिस्थापित करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया हैं। तत्संबंध में कलेक्टर अनूपपुर द्वारा मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को नगरीय क्षेत्रों से एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारियों जनपद पंचायत को पंचायत से गुजरने वाले राजमार्गों से आवारा (निराश्रित) गौवंशों को नजदीकी गौशालाओं मे प्रतिस्थापित (भेजे जाने) के निर्देश जारी किये गये थे। इस संबंध में जानकारी देते हुए पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप संचालक डॉ. ए.पी. पटेल ने बताया है कि गौशालाओं में प्रतिस्थापित पशु 12 अंक के इनाफ टैग लगाकर पंजीकृत कर लिए जायेंगे। पशुपालक द्वारा पशु वापस मांगे जाने पर कलेक्टर द्वारा निर्धारित अर्थदंड (शुल्क) की वसूली किये जाने पर पशुपालक को पशु वापस किये जा सकेंगे। पशुपालकों से अपने गौवंश को घर में बांधने की अपील की गई है।