भाजपा की टिकट पर बिल्डकॉन का दबदबा, 2 करोड़ की बोली पर टिकट के बंटवारे
अनूपपुर/कोतमा
जैसे-जैसे चुनाव की तारीख है समीप आती जा रही है वैसे-वैसे दावेदार और प्रत्याशियों की डगर कठिन होती चली जा रही है। भाजपा के कार्यकर्ताओं आलाकमान पर अपनी निगाहें टीका रखी है। तो वहीं मध्य प्रदेश के बड़े ठेकेदारों के नाम में शुमार दिलीप बिल्डकॉन ने मध्य प्रदेश की कुछ प्रमुख सीटों पर सियार के जैसे टकटकी लगाए हुए हैं। कोतमा संभाग के एकमात्र सामान्य सीट है जिस पर पूर्व में दिलीप बिल्डकॉन का टिकट बंटवारे में दबदबा होने का सबूत पूर्व में मिल चुका है। दिलीप बिल्डकॉन और मुख्यमंत्री के करीबी संबंधों और गांधी जी के बूते कोतमा क्षेत्र में टिकट का बंटवारा हुआ था, दिलीप बिल्डकॉन के माध्यम से टिकट लेकर भाजपा के प्रत्याशी बने दिलीप को जनता ने नकार दिया था, पैसे के दम पर टिकट लेकर आने और पार्टी के पैसे की रेवड़ी खाने वाले प्रत्याशियों पर पूर्व में ही जनता ने अपने चाबुक चलकर स्थितियां स्पष्ट कर दी थी। भाजपा की करारी हार इस बात का सबूत थी कि जनता प्रत्याशी चयन पर अपना मतदान करती है। अब दोबारा कोतमा विधानसभा क्षेत्र में वह कहानी दोहराने की तैयारी चल रही है। कोतमा क्षेत्र की जनता और गली चौराहे में दिलीप बिल्डकॉन के दबदबे की चर्चा की सुगबुगाहट तेज हो गई है, वर्तमान की स्थिति में पूर्व में हारे हुए प्रत्याशी जनता के समक्ष वोट लेने के लिए अपने दामन फैला रहे हैं।
*चर्चा का विषय बना दिलीप बिल्डकॉन का हस्तक्षेप*
कोतमा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दिलीप बिल्डकॉन की हस्तक्षेप की खबरें चर्चा का विषय बनी हुई है। कोतमा विधानसभा क्षेत्र की सीट पर प्रत्याशी के दो करोड़ के दाव लगाने और करोड़ो रूपये से टिकेट की खरीद फरोख्त कर दावेदारी के साथ टिकट लाने की बात राजनीति की सुर्खियां बनी हुई है। अगर किसी भी पार्टी में 2 करोड़ में प्रत्याशी बनाया जाता है तो जनता के लिए करोड़ों के प्रत्याशी नुकसान का कारण बन सकते हैं। पैसों के बल पर पार्टियों में बड़े ठेकेदार या बिल्डकॉन के माध्यम से पार्टी में अपने दबदबा को बनाना और उनके माध्यम से टिकट लाना कहीं भारतीय जनता पार्टी को भारी नुकसान की ओर न ले जाए। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच चल रही आपसी लड़ाई पूर्व प्रत्याशी के चयन पर भी नजर आई थी। 2018 में विधानसभा के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ही मोर्चा खोल दिया था जिसका सबसे बड़ा कारण दिलीप बिल्डकॉन के कोतमा सीट पर हस्तक्षेप था। जमीनी कार्यकर्ताओं की अवहेलना का आरोप भारतीय जनता पार्टी पर लगा था अब दोबारा भारतीय जनता पार्टी दिलीप बिल्डकॉन की राह पर निकल पड़ी है जिससे कोतमा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को नुकसान होता दिखाई पड़ रहा है। 2018 के प्रत्याशी की 10 हजार से अधिक वोटो से हर इस बात का उदाहरण है कि कोतमा की जनता को जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले जनप्रतिनिधि ही चाहिए ना की किसी बिल्डकॉन या ठेकेदार के गुर्गे के रूप में करोड़पति प्रत्याशी।