भूपेंद्र सिंह के प्रयास से बंधक बना कर रखे आदिवासी युवकों लाया गया घर वापस

भूपेंद्र सिंह के प्रयास से बंधक बना कर रखे आदिवासी युवकों  लाया गया घर वापस


अनूपपुर

अनूपपुर जिले के 15 आदिवासी युवक गुजरात के राजकोट में स्थित कोर केवल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में काम करने के लिए गए थे। 6 महीने तक इन युवकों ने इस कम्पनी में काम किया। युवक अनूपपुर जिले के क्योटार गांव के निवासी हैं। जिनके नाम संतलाल कोल, गोपी कोल, हरिओम राठौर, गोविंद कोल, राजकुमार कोल, प्रेमलाल, चचाई, मुकेश, धन्ने कोल, रोहित रौतेल, देवेंद्र कोल, करण महरा, राजाराम राठौर ओमप्रकाश कोल,अजय कुमार रौतेल और संजय कुमार हैं।

 *राजकोट के कंपनी में चोरी की घटना* 

राजकोट की कंपनी से स्क्रैप कॉपर 891केजी चोरी होगया था। 04 अगस्त को कंपनी ने यूपी के रहने वाले एक कर्मचारी शंकर नामदेव से पूछताछ की। पूछे जाने पर उसने बिना किसी सबूत के संतलाल, मुकेश, शिवम और प्रेमलाल पर चोरी का आरोप लगा दिया।  कंपनी के मैनेजर दीपक ने इन युवकों को चोरी के इल्जाम में बिना किसी सबूत के केवल से मारना शुरु कर दिया और उन्हे खूब पीटा। युवकों ने रोते हुए पूरी वारदात अपने घर में बताया।

 *जिला पंचायत सदस्य दादा भूपेंद्र सिंह के प्रयास से छूटे बंधक बने युवक* 

पूर्व में ग्राम क्योटार के सरपंच रह चुके भूपेंद्र सिंह के ऊपर गांव के लोगो का भरोसा रहा है। इसलिए पीड़ित परिवार मदद की गुहार लगाते हुए भूपेंद्र सिंह जी के पास उनके घर पहुंचे और उन्हे पूरी घटना बताई। घटना सुनते ही तत्काल उन्होंने जैतहरी थाने को सूचित किया। साथ ही राजकोट के पाल थाने के थाना प्रभारी से बात करते हुए, इस घटना के बारे में उन्हें अवगत कराया। तत्काल कार्यवाही करने को घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत कंपनी पहुंची, और पहुंचते ही पुलिस ने यूपी के रहने वाले कर्मचारी शंकर नामदेव से पूछताछ की। कड़ी पूछताछ में उसने बताया कि मैंने ही चोरी की थी, और चोरी का सामान फेक दिया था। जिसे कोई और उठाकर ले गया। इसके बाद पुलिस सभी युवकों को थाने ले कर आई,और युवकों से हुई मारपीट के मामले में कंपनी के साथ समझौता कराया और युवकों को ट्रेन से 5 अगस्त की रात अनूपपुर भेज दिया गया।

घर पहुंचते ही युवक आभार व्यक्त करने भूपेंद्र सिंह के निवास पहुंचे, दादा भूपेंद्र सिंह ने मिठाई खिलाकर किया युवकों का स्वागत किया। क्योटार गांव के युवक जिन्हे बंधक बनाकर राजकोट की कंपनी में रखा गया था, वो सभी घर पहुंचते ही अपने परिवार जनों के साथ भावुक होकर दादा भूपेंद्र सिंह के निवास पहुंचे,और मदद के लिए उनका आभार व्यक्त किया। सरल स्वभाव के धनी भूपेंद्र सिंह ने युवकों को गले लगाते हुए मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया, और यह विश्वास दिलाया कि वो हर विषम परिस्थिति में एक परिवार के तरह उनके साथ खड़े मिलेंगे।

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