भद्राकाल के बाद धूमधाम से मनाया गया भाई बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार रक्षा बंधन
अनूपपुर
इस वर्ष रक्षाबंधन में भद्रा का साया होने के कारण दिन में राखी नहीं बांधी गई। भद्रा काल समाप्त होने के बाद बहनों ने रात में भाइयों की कलाइयों में राखी बांधी। जिले भर की विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालु पूजन अर्चन कर भगवान को भोग प्रसाद व राखियां चढ़ाई। बाजार में दिनभर लोगों की भीड़ बनी रही है। कपड़े, मिठाई व राखियों के साथ फल की दुकानों में बहनों ने जमकर खरीदारी की। भद्रा काल 30 अगस्त को सुबह 10.59 बजे से पूर्णिमा तिथि शुरू होने के साथ ही लगा जो रात 9.02 बजे तक रहा। बहनों ने रात 9 बजकर 02 मिनट के बाद ही भाई की कलाई पर राखी बांधी। सावन मास के पूर्णिमा को मनाई जाने वाली भाई-बहन के अटूट प्रेम व रिश्ते का प्रतीक रक्षाबंधन का पर्व सोमवार 30 अगस्त की रात से 31 अगस्त को दिनभर भाइयों की कलाइयों में राखी बांधने का क्रम चला। इस मौके पर बहनों ने अपने भाईयों के माथे पर चंदन तिलक के साथ कलाई पर रेशम की पवित्र डोर को बांध अपनी रक्षा का वचन लिया। जिला जेल अनूपपुर में सुबह से राखी बांधने वालो को काफी भीड़ देखने को मिली बहनों अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधने अनूपपुर जेल पहुंची। लगभग 101 बंदियों की बहनों ने भाईयों की कलाई पर राखियां बांधी। बहनों के इस प्रेम में भाईयों के आंखों की सूखी आंसू हिलारे लेकर एक- एक कर टपकने लगी। भाई- बहनों ने एक दूसरे के हाल जाने, वहीं भाईयों ने बहनों को रक्षा का संकल्प दिया। कैदियों को राखी बांधने के लिए जेल प्रबंधन ने सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक समय निर्धारित किया था। बहनों को राखी बांधने के लिए टोकन सिस्टम से अनुमति दी जा रही थी। प्रबंधन ने 200 ग्राम मिठाई, राखी व रूमाल के साथ बहनों को अंदर जाने प्रवेश दिया। इसके लिए जेल में पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के साथ अलग व्यवस्था बनाई गई थी।