मरम्मत न होने से सड़क खराब, हो रहे है हादसे, विभाग मौन जिम्मेदार कुम्भकर्णी नींद में
*कलेक्टर एवं जल संसाधन विभाग मैं की शिकायत नहीं हो रही है कार्रवाई*
अनूपपुर/ कोतमा
ल
सिंचाई सुविधा के लिए बांध बनाकर नहर के माध्यम से किसानों के खेत तक पानी पहुचाकर खेती का रकवा बढ़ाने की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पर ठेकेदार एवं जल संशाधन विभाग की लापरवाही से पानी फिर रहा है जबकि सरकार के करोड़ो रूपये खर्च हो गए है और किसानों को 5 वर्ष से कोई लाभ नही मिल पा रहा है विभाग बांध और नहर का काम पूरा नही हो पाया है वही सड़क जो बनाई गई थी वह पूरी तरह खराब हो गयी है जबकि ठेकेदार का काम नौ दिन चले अढ़ाई कोस वाली कहावत चरितार्थ हो रही है वही ठेकेदार को इस मामले में विभाग मूक सहमति देकर अपना पल्ला झाड़ ले रहा है ऐसे में किसानों को लाभ कैसे मिल पाएगा।
*सड़क खराब हो रही दुर्घटना*
पिपरिया बांध का निर्माण कराया गया बांध निर्माण से पहले ग्रामीणों को आने जाने के लिए जोगी टोला से बेलिया बड़ी राजा कछार और अन्य गांव जाने के लिए सड़क बनी थी बांध निर्माण होने के बाद पानी भराव होने के कारण पुरानी सड़क में लोगो आना जाना बंद हो चुका है बांध निर्माण होने के बाद जल संसाधन विभाग द्वारा दूसरे सड़क का निर्माण कराया गया सड़क का निर्माण इतनी गुणवत्ता विहीन की गई थी कि आज सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है जोकि सड़क बनने के बाद 6 माह के बाद ही सड़क उखड़ना प्रारंभ हो गया जिससे लोगों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है इससे पता चलता है कि विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत से सारा नाटक खेला जा रहा है सड़क खराब होने के कारण लगातार आम जनता हो रहे हैं दुर्घटना के शिकार ठेकेदार नहीं कर रहा है रोड की मरम्मत का कार्य विभाग भी कुंभकर्ण की नींद मे सो रहा है जबकि जब तक ठेकेदार बांध का पूरा निर्माण करके विभाग को सौप नही देता तब तक सड़क का मरम्मत ठेकेदार करवाता रहेगा। मगर ठेकेदार की मनमानी मैं तो कोई कमी ही नहीं आ रही है। ठेकेदार द्वारा बनाई गई रोड खराब होने के कारण ग्रामीणों के द्वारा लगातार मौखिक एवं लिखित में अधिकारियों से शिकायत कर रोड बनाने की मांग की है लेकिन ठेकेदार एवं विभाग कोई ग्रामीणों की मांग परध्यान नहीं दे रहा है जिससे ग्रामीणों ने कई बार समाचार के माध्यम से सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से रोड बनाने की मांग की शिकायत की लेकिन कहीं कोई असर नहीं हो रहा है जहां तक की कई बार ग्रामीणों के द्वारा रोड बनाने की मांग को लेकर सीएम हेल्पलाइन में शिकायत भी की जिसका कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है और बिना निराकरण के सीएम हेल्पलाइन को बन्द कर दी जाती है। शिकायतकर्ता को अवगत कराया जाता है और ना ही शिकायत का निराकरण की जाती है इससे पता चलता है कि सरकार और विभाग को ग्रामीणों की मांग का चिंता है। सरकार द्वारा सीएम हेल्पलाइन नंबर जारी किया है जिससे लोगों की शिकायत का निराकरण होकर केवल दिखावा बस रह गया है।।
*पूर्ण नही हुआ बांध का काम*
पिपरिया बांध का कार्य समय अवधि में पूर्ण नही किया गया है। पिपरिया गांव के नाम से पिपरिया बांध का निर्माण जय माता दी कंट्रक्शन द्वारा निर्माण किया जा रहा है बांध का निर्माण इसलिए किया गया कि आसपास के गांव के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिल सके जिससे लोगों की खेती किसानी का कार्य बांध से पानी मिलने पर बरसात के पानी पर निर्भर नही रहना पड़ेगा। सिंचाई तो दूर की बात मगर अभी तक बांध का पूरा निर्माण नही हो पाया है जबकि बांध बनाने का समय से 2 वर्ष ज्यादा हो रहा है बांध की जिन किसानों की भूमि का अधिग्रहण हुआ है बहुत सारे किसानों को मुआवजा भी अभी तक नही मिल पाया है। इस बांध का निर्माण 2017 में किया गया था इस बांध का कार पूर्ण होने की तिथि 2020 तक की थी लेकिन विभाग और ठेकेदार की मनमानी के कारण बांध का काम अभी तक पूर्ण नहीं हुआ है इससे कहा जा सकता है कि विभाग को न तो बांध की चिंता है और ना ही किसानों की सिंचाई सुविधा जबकि बांध के नाम पर करोड़ो रूपये खर्च हो चुके है।
*नहर का कार्य भी अधूरा*
पिपरिया बांध बनाकर आस पास के दर्जनों गांव को नहर के माध्यम से सिंचाई कराकर ग्रामीण किसानों के खेती का रकबा बढ़ाने के लिए सरकार ने ये योजना बनाई थी जिस पर ठेकेदार और विभाग की लापरवाही से किसानों को कब लाभ मिल पायेगा यह कह पाना बड़ा मुश्किल लग रहा है। जो किसानों ने अपनी जमीन बांध के लिए दी थी यह सोचकर कि आने वाला दिन उनके लिए काफी अच्छा होगा और किसानों की जमीन के सिचाई का पानी पर्याप्त मिलने के कारण पैदावार भी बढ़ जाती मगर अभी 5 वर्षों में ऐसा कुछ नही हुआ है। जबकि सभी कार्यो की समय सीमा खत्म हो चुकी है। ठेकेदार के कार्य शैली पर प्रश्रचिन्ह खड़ा हो रहा है ग्रामीण किसान अपने आप को ठगा महसूस कर रहे है।
*नही मिला किसानों को मुआवजा*
बांध का निर्माण 2017 से करवाया जा रहा है बांध में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था बहुत सारे किसानों को मुआवजा तो मिल गया है मगर कुछ किसान को आज तक मुआवजा नही मिला है जिसके कारण किसान बहुत ज्यादा परेशान है किसान मुआवजा के लिए कार्यालय का चक्कर काट काटकर थक गए गरीब किसानों की जमीन भी चली गयी और मुआवजा भी नही मिला आखिर ऐसा क्यू हो रहा है इसका जबाब प्रशासन के पास नही है।
*इनका कहना है*
जब हमने रोड की मरम्मत कार्य को लेकर बात करनी चाही तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किए
*एस डी ओ ए .के .परस्ते जल संसाधन विभाग अनूपपुर*
विभाग द्वारा जो सड़क बनाया है वह पूरी तरह से खराब हो गई है साथ ही हमें अभी तक मुआवजा राशि भी नहीं मिली है और हमारी जमीन भी चली गई
*नीरज पांडे ग्रामीण बेलिया बड़ी*
जल संसाधन विभाग द्वारा जो सड़क का निर्माण हुआ है वह बहुत ही गुणवत्ता विहीन की गई है जोकि पूरी तरह से उखड़ चुकी है लोगों कोआने जाने में परेशानियां होती हैं बरसात का समय आ चुका है रोड बहुत खराब है विभाग इस को जल्द से जल्द मरम्मत कराए।
*राज नारायण पांडे ग्रामवासी*
जो सड़क का निर्माण हुआ है कोई पूरी तरह खराब हो चुकी है जिससे लोगों को बहुत दिक्कत होती है रोड खराब होने की शिकायत भी हमने सीएम हेल्पलाइन में की लेकिन बिना कोई निराकरण किए हमारी शिकायत को बंद कर दी जाती है ना तो शिकायतकर्ता से संपर्क किया जाता है और ना ही शिकायत का निराकरण किया जाता है और शिकायत को पूरी तरह से बंद कर दी जाती है
*संजय मिश्रा ग्रामीण*