कोर्ट आदेश के बाद भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए दर-दर भटक रहा आदिवासी युवक

 कोर्ट आदेश के बाद भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए दर-दर भटक रहा आदिवासी युवक


अनूपपुर

भारत सरकार की उपक्रम कोल इंडिया के अनुसांगी कंपनी एस ईसीएल के जमुना कोतमा क्षेत्र  आमाडांड ओसीपी में मुंशी पद पर कार्यरत राम प्रीत सिंह पिता स्व विशंभर सिंह निवासी छोहरी पोस्ट लतार थाना भालूमाडा जिला अनूपपुर मध्य प्रदेश जिनका  1 दिसंबर 2011 को सेवा काल में निधन हो गया। तब से अनुकंपा नियुक्ति को लेकर स्वर्गीय राम प्रीत सिंह का परिवार जिसमें पत्नी चार बेटे और दो बेटियों का परिवार दर-दर की ठोकर खा रहा है। स्वर्गीय राम प्रीत सिंह पिता स्व विशंभर सिंह जानकारी के अनुसार आश्रित पुत्र अनुकंपा नियुक्ति को लेकर 2011 से लगातार प्रयास करता रहा किंतु अधिकारियों के चक्कर में उन्हें आज तक नौकरी नहीं मिल पाई जिसके चलते स्वर्गीय रामप्रीत सिंह के बड़े बेटे नौकरी के लिए ओवर ऐज होने के कारण सबसे छोटा बेटा रोहित सिंह 2021 में पुनः आवेदन प्रक्रिया चालू किया किंतु 2 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक नौकरी मिलने के आसार नहीं दिख रहे। स्वर्गीय रामप्रीत सिंह का छोटा पुत्र रोहित सिंह अपने शिकायत पत्र के माध्यम से थाना भालूमादा में मामला दर्ज कराया की कार्मिक प्रबंधक राजकुमार बंजारे द्वारा मुझे नौकरी दिलाने के एवज में ₹100000 की मांग की । किंतु रोहित द्वारा बताया गया कि 2011 से पिता जी की मृत्यु होने के पश्चात आर्थिक आय बंद हो गई जिससे  हमारे परिवार की दयनीय आर्थिक स्थिति होने के कारण मैं ₹100000 नहीं दे पाया बल्कि किस्तों में देने की बात रखी लेकिन कार्मिक प्रबंधक राजकुमार बंजारे द्वारा मेरी पूरी फाइल ही अपने घर उठा लेआएऔर आमाडांड ओसीपी में मे पिताजी की सर्विस सीट या कोई अन्य आवश्यक दस्तावेज है ही नहीं।

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