नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में प्रवासी मजदूरों के साथ बेरहमी से की गई मारपीट - जुगुल राठौर
अनूपपुर
अनूपपुर जिले के अंतर्गत सेंदुरी एवं क्योंटार व चचाई बस्ती से कार्य करने गए मजदूरों का कंपनी के मालिक द्वारा क्रूरता से उन पर अत्याचार और शोषण किया जा रहा है। दिनांक 4 व 5 अगस्त 2023 को मजदूरों कंपनी के मालिक के द्वारा मजदूरों को झूठे चोरी के इल्जाम में फसाते हुए उनको क्रूरता से पीटा गया जिससे उनके शरीर पर उसका अत्यधिक बुरा प्रभाव पड़ा।
प्रताड़ित हुए लोगों में अधिकतर आदिवासी मजदूर हैं जिनके साथ ऐसे कार्य किए गए। मजदूरों में संतलाल रौतेल पिता नंदलाल , सागर कोल पिता देवमणि कोल , गोपी कोल पिता ललन प्रसाद कोल, हरिओम राठौर पिता जगप्रसाद राठौर सभी निवासी ग्राम सेंदुरी, रोहित कुमार रौतेल पिता लल्लू कुमार रौतेल, करण कुमार महरा पिता रेवाराम निवासी ग्राम क्योंटार, प्रेमलाल पिता मुन्नालाल कोल चचाई बस्ती, गोविंद कोल पिता संतोष कोल सेंदुरी के साथ प्रबंधन कोर केविल प्रा. लिमिटेड प्लांट नंबर 2333 D -2 मटोडा राजकोट गुजरात के द्वारा 7-8 क्विंटल केबल चोरी का झूठा आरोप लगाकर बेरहमी के साथ मारपीट किया गया। मजदूरों को इतना मारा गया कि हांथ पैर में सूजन और अंगूठा ही कार्य नही कर रहा है। आपको बता दें कि इनमें से अधिकतर मजदूर कोल जनजाति के आदिवासी मजदूर हैं। जो गरीबी के कारण गांव, जिला एवं प्रदेश में काम नहीं मिलने के कारण अन्य राज्यों में रोजी - रोटी के लिए पलायन करते हैं। लेकिन गुजरात मॉडल को देश में लागू करने का ढिंढोरा पीटने वाले भाजपाई एवं मोदी सरकार अपने ही गृह राज्य में मजदूरों के साथ हो रहे निर्दयता एवं अमानवीय व्यवहार को रोक नहीं पा रहे। वह देश में गुजरात मॉडल की व्यवहारिकता को कैसे समझा पाएंगे।
उक्त आशय की जानकारी संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू जैतहरी जिला अनूपपुर के अध्यक्ष कामरेड जुगुल किशोर राठौर ने देते हुए बताया कि जैसे ही मजदूरों के साथ मैनेजमेंट के द्वारा किये जा रहे मारपीट की जानकारी मिली तत्काल ही ए आई के एस के राष्ट्रीय सचिव कामरेड बादल सरोज एवं सीटू के राष्ट्रीय सचिव कामरेड प्रमोद प्रधान से चर्चा कर तत्काल हस्ताक्षेफ करने का आग्रह किया। दोनों नेताओं के द्वारा तत्परता से हस्तक्षेप किया गया और पुलिस को घटना की जानकारी दी।
उनके हस्तक्षेप से मजदूरों को कानूनी मदद मिली और मजदूर को क्रूर शासक प्रबंधन के यातना से राहत मिली। मजदूरों के परिजन ने उनके बच्चों को सही सलामत अपने गृह जिले एवं घर तक उनको पहुंचाने के लिए शासन प्रशासन एवं सहयोगियों से आग्रह किया।
आखिरकार कंपनी के प्रबंधक को मारने का हक किसके द्वारा दिया गया और ऐसा कृत्य कोई कैसे कर सकता है। यदि चोरी हुई थी तो विधिवत शासन से जानकारी प्रदान कर कार्यवाही करवाते हुए नियम के अंतर्गत मजदूरों के ऊपर कार्यवाही कराया जाना था साथ ही मारपीट नही करना था। प्रबंधक द्वारा इस तरह से अमाननीय घटना करने पर और बाहर कार्य करने जाने पर घटना होने पर मजदूरों के परिजन में काफी दुख है साथ ही सहयोगियों एवं शासन - प्रशासन से उन्होंने मांग किया है कि कंपनी के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए।