38 दिन गुजारने के बाद पांच हाथियों का दल पहुंचा छतीसगढ़ क्षेत्र के जंगलों में

38 दिन गुजारने के बाद पांच हाथियों का दल पहुंचा छतीसगढ़ क्षेत्र के जंगलों में


अनूपपुर

विगत 4 जुलाई को छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन परिक्षेत्र से विचरण करते हुए म.प्र. के अनूपपुर जिले में जैतहरी एवं अनूपपुर वन परिक्षेत्र के साथ विगत तीन दिनों से वन परीक्षेत्र कोतमा के पड़ौंर एवं पोड़ी बीट के वन क्षेत्र एवं वनों से लगे राजस्व क्षेत्र के गांव में विचरण करने बाद हाथियों का समूह वन क्षेत्र कोतमा के पोडी बीट अंतर्गत सोन नदी के स्टॉपडेम व भेढ़वानाला के समीप जंगल में पहुंचकर विश्राम कर रहा है यह क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य के मरवाही वन  परीक्षेत्र से 500 मीटर की दूरी पर स्थित है, वन परीक्षेत्र पडौर के पडौर  गांव व जंगल के किनारे स्थित टोला-मोहल्ला में आहार की तलाश पर जाकर ग्रामीण जनों के कुछ कच्चे मकानों में तोड़फोड़ कर घरों के अंदर रखें अनाज, बाड़ी में लगे केला, कटहल एवं अन्य तरह के फलों के साथ खेतों में लगे धान एवं अन्य तरह की फसलों को अपना आहार बनाया है उसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य के वन परीक्षेत्र मरवाही अंतर्गत शिवनी बीट के करहनी गांव पहुंचकर देर रात करहनी पंचायत के सरपंच के घर के पास जुनहाटोला में गणपत पिता गोपाल सिंह गोंड के घर का मेंन गेट से घुसकर सभी पांच हाथी कच्चे मकान में तोड़फोड़ कर घर से धान निकाल कर खाते हुए बाड़ी में पहुंचकर केला एवं अन्य फलों को अपना आहार बनाया डढिया से घिनौची परीक्षेत मरवाही के अंतर्गत घिनौची एवं शिवनी के बीच बांध के पास कतरगडई स्थान में जंगल के अंदर बांस प्लांटेशन में पहुंचकर विश्राम कर रहे हैं,यह क्षेत्र मध्यप्रदेश के जैतहरी वन परीक्षेत्र की सीमा से लगभग 5 किलोमीटर की दूरी पर है वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ के मरवाही वन परीक्षेत्र अंतर्गत घूसरिया गांव से 4 किलोमीटर दूरी पर है।

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