पिहरी खाने से एक ही परिवार के 05 लोग हुए बीमार, जिला अस्पताल में भर्ती
अनूपपुर
एक परिवार के 5 लोग जंगली पीहरी खाने के बाद बीमार हो गए। इनकी हालत गंभीर होने पर जिला चिकित्सालय अनूपपुर लाया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। आनंद राम भैना एवं उसकी पत्नी राजकुमारी दोनों ही खेत में काम करने के गए थे। जहां बांस के पेड़ के पास में जंगली पिहरी मिला। इससे घर लाकर खाने के लिए बनाया गया। उसी को खाने से आनंद राम एवं उसकी पत्नी राजकुमारी एवं उसके तीन बेटियां प्रतिज्ञा, साक्षी एवं समृद्धि की हालत बिगड़ गई। यह सभी अनूपपुर जिले के ग्राम लहसुना के रहने वाले हैं। इन्हें लगातार उल्टी होने पर 108 की मदद से वेंकटनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां सभी लोगों का इलाज चल रहा है।
आदिवासी समाज में जंगली पिहरी खाने का बड़ा महत्व हैं। पिहरी की तलाश में लोग जंगल मे जाते हैं। आदिवासी खानपान में पिहरी सब्जी जो जमीन के नीचे पाई जाती है औषधिय गुण पाए जाते हैं जो प्राकृतिक रूप से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सक्षम हैं। आदिवासियों के खान-पान में मुख्य रुप से जंगल,जमीन से मिलने वाले खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। इनमें एमिनो एसिड, विटामिन सी, आयरन, फोलिक एसिड की मात्रा पर्याप्त होती है जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता प्राकृतिक रूप से बढ़ती है।