नपा ठेकेदार के सामने बौना साबित हुआ कालरी प्रबंधन, काम रुकवाने आए उच्च अधिकारी बैरंग लौटे वापस

नपा ठेकेदार के सामने बौना साबित हुआ कालरी प्रबंधन, काम रुकवाने आए उच्च अधिकारी बैरंग लौटे वापस

*एसईसीएल की अधिग्रहित सड़क पर बिना एनओसी और अनुमति के नपा कर रही सड़क निर्माण*


अनुपपुर

नगर पालिकाओं की भूमि को एसईसीएल द्वारा लीज में लिया गया है नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत कॉलरी प्रशासन द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि में निर्माण और विकास कार्यों का जिम्मा कॉलरी प्रबंधक पर है, जिसे कई वर्षों से कालरी प्रबंधन द्वारा निभाया भी जा रहा है, नगर पालिका पसान की कालरी प्रबंधन द्वारा अधिग्रहित भूमि पर भवन, स्कूल, और सड़क निर्माण का कार्य किया गया है जिस पर कालरी प्रबंधक द्वारा समय-समय पर रिपेयरिंग और मेंटेनेंस का कार्य किया जाता रहा है। लेकिन वर्तमान नगर परिषद द्वारा कालरी प्रबंधक की भूमि और संपत्ति पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। हाल ही के दिनों बीते महीने में नगर पालिका पसान द्वारा जमुना कोतमा टाउन क्षेत्र के गार्डन पर कब्जा करने का प्रयास किया गया जहां नगर पालिका प्रशासन द्वारा गार्डन का नाम परिवर्तित कर नेताजी सुभाष चंद्र बोस रख गार्डन पर अपना अधिकार जमाने का प्रयास किया लेकिन कॉलरी प्रबंधन के हस्तक्षेप के बाद नपा अपने मंसूबों में कामयाब ना हो पाया, वहीं जमुना कोतमा क्षेत्र कालरी की दूसरी संपत्ति कॉलरी प्रबंधक द्वारा बनाए गए स्कूल पर नगर पालिका द्वारा बोर्ड से नाम मिटा कर कब्जा करने का प्रयास किया गया जहां कॉलरी के क्षेत्रीय संगठनों द्वारा विरोध करने के बाद काली प्रशासन की तत्परता से दोबारा स्कूल के नाम पर उसे वापस कॉलरी प्रबंधक द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया, देखा जाए तो नगर पालिका द्वारा जबरन एसईसीएल की संपत्ति पर कब्जा कर भ्रष्टाचार करने के फिराक में है जहां पूर्व में निर्मित सड़क और स्कूल को अपना बताकर उसमें लीपापोती करने का प्रयास कर रही है।

*एसईसीएल के स्कूल को बनाया संजीवनी क्लीनिक*

एसईसीएल के द्वारा अधिग्रहित भूमि पर शासकीय विद्यालय का निर्माण कर उसका संचालन कई वर्षों से लगातार किया जा रहा है जिस पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा एसईसीएल की संपत्ति और स्कूल पर जबरन कब्जा करने का प्रयास किया गया। एसईसीएल द्वारा लगाए गए बोर्ड पर नाम परिवर्तित कर बिना अनुमति और बिना एनओसी के संजीवनी क्लीनिक का नाम दे दिया गया था जिस पर कॉलरी के संगठनों ने आपत्ति दर्ज कराते हुए एसईसीएल द्वारा कार्यवाही कर वापस स्कूल को नवा के कब्जे से लेने की बात कही जिस पर तत्परता दिखाते हुए कॉलरी प्रबंधक द्वारा संजीवनी क्लीनिक का नाम बदलकर वापस एसईसीएल हाई स्कूल रखा गया।

*कॉलरी की सड़क पर नपा का तानाशाही रवैया*

कोतमा नगर क्षेत्र के मुख्य सड़क शीतला माता मंदिर से लेकर दुर्गा माता मंदिर तक कुछ माह पूर्व एसईसीएल द्वारा सड़क रिपेयरिंग और सड़क निर्माण का कार्य किया गया था इसके साथ ही तीन अन्य मार्गों पर एसईसीएल द्वारा निर्माण कार्य किए गए थे जिस पर अब नगर पालिका प्रशासन द्वारा जबरन तानाशाही रवैया अपनाते हुए बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र और अनुमति के नवनिर्मित सड़क पर कायाकल्प योजना के तहत सड़क रिपेयरिंग का कार्य कर रही है जो कि नियम और कानून के विपरीत हैं। बिना एसईसीएल के अनापत्ति प्रमाण पत्र और अनुमति के नगर पालिका प्रशासन अधिग्रहित भूमि और सड़कों पर अपना कार्य नहीं कर सकती वहीं दूसरी ओर हाल ही में निर्माण और रिपेयर की हुई सड़क पर भ्रष्टाचार करने के लिए नपा द्वारा सोची समझी साजिश के तहत कार्य कराना भी बेहद गलत और चिंताजनक है। मध्यप्रदेश शासन से कायाकल्प के नाम पर मिलने वाली राशि को उचित जगह उपयोग ना कर हाल ही में निर्मित सड़क पर डामर का लेप लगाकर राशि हड़पने का कार्य किया जा रहा है जिस पर एसीसीएल प्रबंधक द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई है।

*ठेकेदार के सामने बौने साबित हुए अधिकारी*

एसईसीएल की अधिग्रहित भूमि और सड़क पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा जबरन कब्जा किया जा रहा है हाल ही में निर्माणा की गई सड़क पर नपा ने कायाकल्प योजना के तहत टेंडर निकालकर दोबारा सड़क निर्माण का कार्य तेजी से शुरू कर दिया जिसकी सूचना मिलते ही कालरी प्रबंधक द्वारा कार्य रोकने के लिए सेफ्टी ऑफिसर के साथ-साथ डिप्टी सीएम और संपत्ति प्रबंधक को भेजा गया लेकिन कागजों के अभाव और ठेकेदार के कद के आगे कालरी प्रबंधक के उच्च अधिकारी बौने साबित हुए। प्रबंधन द्वार भेजी गई उच्च अधिकारियों की टीम बैरंग बिना कार्य बंद करए वापस खाली हाथ लौट गई। जिससे कॉलरी प्रबंधक की अच्छी खासी किरकिरी हुई है। पूर्व में वन विभाग द्वारा भी कॉलरी प्रबंधन की निर्माणाधीन सड़कों पर आपत्ति दर्ज कराई गई थी जो कि कार्य आज दिनांक तक बंद पड़े हुए हैं और कागज के अभाव में कालरी प्रशासन लाचार दिखाई पड़ रही है।

नियम और कानूनों के विरुद्ध कब्जा पर लगाए अंकुश- श्रीकांत मिश्रा

नगर पालिका पसान के सांसद प्रतिनिधि द्वारा उक्त निर्माण की बेहद निंदा की गई उन्होंने कहा कि नगर पालिका पसान वर्तमान स्थिति पर निरंकुश हो चुकी है और एसईसीएल की अधिग्रहित भूमि भवन और सड़कों पर कब्जा करने का प्रयास कर रही है। एसईसीएल के बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र और अनुमति के कायाकल्प योजना के तहत सड़कों का निर्माण किया जा रहा है जो कि नियमों कानून के विपरीत है। कायाकल्प योजना के तहत प्रशासन द्वारा जनता को सुविधा देने और सुलभ रास्तों बनाने के लिए पैसे दिए गए थे लेकिन नगर पालिका पसान के कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा कुछ माह पूर्व बनी हुई अच्छी सड़क पर भ्रष्टाचार करने के लिए डामर लिप कर कायाकल्प की राशि को हड़पने का प्रयास किया जा रहा है जोकि न्याय संगत नहीं है। भाजपा प्रशासन द्वारा लगातार आम जनमानस का विकास किया जा रहा है लेकिन भ्रष्टाचार करने की सोच रखने वाले लोगों द्वारा सरकार की योजना जमीनी स्तर पर कामयाब नहीं हो पा रही हैं जो कि हमारे द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा उक्त भ्रष्टाचार को काफी प्रबंधक द्वारा रोका जाए और नगर पालिका प्रशासन पर उचित कार्यवाही की जाए।

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