सर्वोच्च सत्ता ने पुलिस अधीक्षक से की शिकायत, जांच करके साजिश कर्ताओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग

सर्वोच्च सत्ता ने पुलिस अधीक्षक से की शिकायत, जांच करके साजिश कर्ताओ के खिलाफ कार्यवाही की मांग

*खनन व्यवसायी और पत्रकार के बीच में व्हाट्सअप चैट से खोलेगा षडयंत्र का राज*


अनूपपुर

एक माह से पत्थरो के अवैध उत्खनन अवैध परिवहन एवं नियम कानूनो को ताक पर रखकर चलाये जा रहे अवैध उत्खनन के खिलाफ लगातार समाचार का प्रकाशन किया जा रहा है जिससे जिले के खनन माफियाओ में हडकंप मचा हुआ है और खनिज विभाग की सांठगांठ से पत्थर माफियाओ द्वारा खबरो के प्रकाशन पर रोक लगाने की कई तरह के हथकंडे अपनाये जा रहे है।

*अराजक तत्वो ने रची बदनाम करने की साजिश*

सर्वोच्च सत्ता अखबार के स्थानीय संपादक राम बाबू चौबे, प्रबंध संपादक अजीत मिश्रा की छवि को धूमिल करने के लिये अमरकंटक फलहारी आश्रम में रहने वाले उमाकांत मिश्रा जिनका व्हाटस्अप नंबर 8319155685 है जिसके माध्यम से एक कथित अखबार में प्रकाशित खबर जो पूर्णतः झूठी और मित्थ्या है और तथ्यहीन है जिसमें समाचार पत्र का न तो नाम लिखा है और न ही उसके संपादक और रिपोर्टर का नाम दर्ज है। खबर प्रकाशित करने वाले व्हाटस्अप नंबर 8319155685 जो उमाकांत मिश्रा फलहारी आश्रम के नाम पर दर्ज है के द्वारा कूट रचित समाचार पत्र बनाकर इंटरनेट के माध्यम से इन्फारमेशन टेक्नोलाजी का दुरूपयोग करते हुये फर्जी और भ्रामक पोस्ट की जा रही है जो आईटी एक्ट के विभिन्न धराओ के तहत एक अपराधिक कृत्य है 

खनन व्यवसायी और पत्रकार के बीच में व्हाट्सअप चैट से खोलेगा षडयंत्र का राज

एक पत्रकार ने एक खनन व्यवसायी को व्हाटसअप करके उनके उपर इस बात का आरोप लगाया कि ऐसी चर्चा है कि यह आपके द्वारा किया जा रहा है तो वहीं खनन व्यवसायी ने पत्रकार को कहा कि कर तुम रहे हो और नाम मेरा हो रहा है।  फिलहाल तो इस चैट में कितनी सच्चाई है इसका खुलासा तो किसी जांच के बाद ही हो पायेगा लेकिन पत्रकार और खनन व्यवसायी के बीच व्हाटसअप चैट को लेकर सर्वोच्च सत्ता ने पुलिस अधीक्षक और कोतवाली अनूपपुर को इसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।

पत्थर माफियाओ की सांठ-गांठ सर्वोच्च सत्ता टीम पर मंडरा रहा जान-माल का खतरा

पत्थर माफियाओ की बौखलाहट और खनिज विभाग के सांठगांठ से सक्रिय  अराजक तत्वो की टीम से सर्वोच्च सत्ता में समाचार संक्लन में जुटे सभी पत्रकारो के जानमाल का खतरा भी हो सकता है ऐसी संभावना नजर आ रही है। अतः आपसे निवेदन है कि सर्वोच्च सत्ता कार्यालय के साथ साथ स्थानीय संपादक एवं प्रबंध संपादक को सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायी जाये। अपराध गंभीर है और लोक तंत्र के चौथे स्तंभ के सच की आवाज को दबाने के लिये किया जा रहा षडयंत्र पत्रकारिता के साथ पत्रकारो की सुरक्षा से जुडा हुआ है अतः सादर अनुरोध है कि मामले को गंभीरता से लेते हुये प्राथमिकी दर्ज करके त्वरित जांच करते हुये अपराधियो के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का कृपा करें। 

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